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चिकित्सा जाँच – क्या है और क्यों जरूरी?

आप जब डॉक्टर को मिलते हैं तो अक्सर कहा जाता है, "कुछ टेस्ट करवाओ"। यही चिकित्सा जाँच है। ये टेस्ट आपके शरीर के अंदर की बात बताते हैं—किसी बीमारी का संकेत या आपका स्वास्थ्य कितना ठीक‑ठाक है। बिना जाँच के सही दवा देना मुश्किल होता है, इसलिए हर साल या जब भी नई तकलीफ़ महसूस हो, जांच कराना फायदेमंद रहता है।

मुख्य प्रकार की चिकित्सा जाँच

सबसे आम टेस्ट रक्त परीक्षण (ब्लड टेस्ट) हैं—हिमोग्लोबिन, ब्लड शुगर, कोलेस्टरॉल आदि। फिर इमेजिंग जैसे X‑ray, अल्ट्रासाउंड और MRI जो अंदरूनी अंगों की तस्वीर दिखाते हैं। कुछ खास जाँचें जैसे हृदय एंकर (ECG) या फेफड़े का फ़ंक्शन टेस्ट भी होते हैं। हर टाइप का अपना उद्देश्य है—कभी बीमारी पकड़ना, कभी रोग का प्रगति देखना, कभी उपचार के असर को मापना।

परिणाम समझने के आसान टिप्स

जाँच करवाने के बाद रिपोर्ट पढ़ते समय घबराएँ नहीं। सबसे पहले रेफरेंस रेंज देखें—जो डॉक्टर ने बताया है वही मानक। अगर कोई मान सामान्य से बाहर हो तो डॉक्टर उससे बात करके कारण पूछें; कभी-कभी छोटी सी दवा या जीवनशैली में बदलाव से ठीक हो जाता है। रिपोर्ट में “हाई” या “लो” लिखा होता है, इसका मतलब है कि वह वैल्यू आपके शरीर में अधिक या कम है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि तुरंत बुरा हो।

भरोसेमंद लैब चुनना भी महत्वपूर्ण है। लाइसेंस वाले सेंटर, साफ‑सुथरा माहौल और तेज़ रिपोर्टिंग टाइम देखें। कई बार ऑनलाइन रिव्यू पढ़कर पता चल जाता है कि कौन सी जगह सही परिणाम देती है। अगर संभव हो तो उसी लैब से नियमित टेस्ट करवाते रहें; इससे ट्रेंड देखना आसान हो जाता है।

टेस्ट की तैयारी भी असर डालती है। रक्त टेस्ट से पहले रात भर कुछ न खा‑पीएँ (फास्टिंग), या डॉक्टर ने जो कहा हो वही फॉलो करें—जैसे दवाइयाँ बंद करना या खास समय पर पानी पीना। अल्ट्रासाउंड में खाली पेट रहना बेहतर इमेज देता है, और MRI में कपड़े के धातु वाले बटन हटाने पड़ते हैं। छोटी‑छोटी बातों का ध्यान रख कर आप साफ़-सुथरा परिणाम पा सकते हैं।

आधुनिक तकनीक ने जाँच को तेज और सस्ता बना दिया है। मोबाइल ऐप से अपॉइंटमेंट बुक करना, घर पर ही ब्लड किट लगाकर नमूना भेजना अब आम हो रहा है। इससे समय बचता है और अक्सर परिणाम भी जल्दी मिलते हैं। लेकिन किसी भी नई सुविधा का इस्तेमाल करने से पहले उसकी वैधता जाँच लें—भरोसेमंद कंपनी या क्लिनिक होना चाहिए।

अंत में यह याद रखें कि चिकित्सा जाँच केवल बीमारी पता लगाने के लिए नहीं, बल्कि रोकथाम के लिये भी है। नियमित जांच से आप समय पर किसी जोखिम को पहचान कर उसे दूर रख सकते हैं। तो अगली बार जब डॉक्टर कहें "जांच करवाओ", तो इसे एक कदम समझें—स्वस्थ रहने की ओर आपका छोटा लेकिन महत्वपूर्ण कदम।

संघ लोक सेवा आयोग अधिकारी प्रशिक्षण में धोखाधड़ी: छह बार टाली एम्स की चिकित्सा जाँच!

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आईएएस अधिकारी प्रशिक्षु पूजा खेडकर, जिन्होंने दृष्टिहीनता की श्रेणी से संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा उत्तीर्ण की थी, पर 6 बार अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में चिकित्सा जांच से बचने का आरोप है। खेडकर ने मानसिक रोग से संबंधित एक प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया, जिससे उन्हें मेडिकल परीक्षण से बचने में मदद मिली। उनके प्रमाण पत्र की प्रामाणिकता अब जांच के घेरे में है, जिससे उनकी यूपीएससी चयन की वैधता पर सवाल उठ रहे हैं।

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