BPSC परीक्षा में बदलाव के खिलाफ पटना में भारी विरोध प्रदर्शन
बिहार के पटना में इन दिनों BPSC अभियार्थियों का विरोध प्रदर्शन चर्चा का विषय बना हुआ है। इन्हें यह विरोध परीक्षा प्रणाली में प्रस्तावित बदलावों को लेकर है। छात्रों की प्रमुख मांगों में से एक परीक्षा में सामान्यीकरण प्रक्रिया को समाप्त करना और सभी छात्रों के लिए एक ही शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करना शामिल है। यह विरोध प्रदर्शन उस समय और भी अधिक तीव्र हो गया जब बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने 70वीं BPSC प्रारंभिक परीक्षा में बदलाव की घोषणा की। यह परीक्षा 13 दिसंबर को निर्धारित है और छात्रों को इसका नया पैटर्न ठीक से समझ में नहीं आ रहा है।
खान सर का समर्थन और समर्थन में गिरफ्तार
इन विरोध प्रदर्शनों में शिक्षक और यूट्यूबर खान सर भी शामिल हो गए, जो पटना में छात्रों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय हैं। खान सर छात्रों के संवैधानिक अधिकार के आधार पर प्रदर्शन का समर्थन कर रहे थे। उन्हें 6 दिसंबर को कुछ समय के लिए हिरासत में रखा गया था, लेकिन उसी रात पटना के गर्दनीबाग पुलिस स्टेशन से रिहा कर दिया गया। छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर कई तथाकथित रूमर्स का भी सामना किया, जिसमें खान सर की गिरफ्तारी की खबरें चली। हालांकि, पुलिस ने इन अफवाहों को गलत ठहराया और बताया कि खान सर स्वयं पुलिस स्टेशन में उपस्थित हुए थे।
छात्रों की मांगें और BPSC की प्रतिक्रिया
छात्र और कॉलेज के कई शिक्षक भी परीक्षा प्रणाली में स्पष्टता की मांग कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि आवेदन की तारीख को भी आगे बढ़ाया जाए क्योंकि सर्वर की समस्याओं के चलते कई अभियार्थी आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। BPSC अध्यक्ष रवि एस. पर्मार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि इस बार परीक्षा में सामान्यीकरण प्रक्रिया नहीं होगी और यह एक शिफ्ट में आयोजित की जाएगी। परंतु प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्हें अब भी परीक्षा के प्रारूप को लेकर कई बातों की स्पष्टता चाहिए।
मुद्दे की गहराई और समाधान की संभावनाएं
यह विरोध प्रदर्शन न केवल परीक्षा प्रणाली में बदलाव के खिलाफ है, बल्कि एक बड़े संदर्भ में शिक्षा प्रणाली के सुधार की ओर भी इशारा कर रही है। छात्रों का मानना है कि पारदर्शिता और निष्पक्षता किसी भी चयन प्रक्रिया का मूल अधिकार होना चाहिए। शिक्षकों और छात्रों की मांग है कि BPSC परीक्षाओं का आयोजन एक ऐसी प्रक्रिया के अनुसार हो जिससे किसी भी तरह के पक्षपात का संदेह न हो। उन सभी छात्रों को जो समान परीक्षा प्रणाली के अधीन हो, ताकि वे अपने योग्यता के आधार पर ही चयनित हो सकें।
इन सबके बीच सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलाने वाले 'Khan Global Studies' के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी शुरू की गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि न केवल छात्रों और शिक्षकों में परीक्षा प्रणाली को लेकर असंतोष है, बल्कि अधिकारियों और प्रशासन के बीच भी इस मुद्दे पर बातचीत का कोई किसानोंतोष नहीं है।
| विरोध के प्रमुख मुद्दे |
|---|
| सामान्यीकरण प्रक्रिया को हटाना |
| एक शिफ्ट में परीक्षा का आयोजन |
| अवेदन की तिथि बढ़ाने की मांग |
| पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग |
सारांश में, यह विरोध प्रदर्शन छात्रों के लिए एक बड़ा मुद्दा है और यह शक्ति उनके अधिकारों के लिए उठाई गई आवाज़ का प्रतीक है। यह देखने की बात होगी कि आने वाले दिनों में BPSC प्रशासन और प्रदर्शनकारियों के बीच कैसे बातचीत होती है और क्या समाधान निकलता है। शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित करना हर छात्र का हक है और इस दिशा में उठाए गए कदमों का स्वागत होना चाहिए।
sreekanth akula
दिसंबर 8 2024ये सामान्यीकरण का जो बहाना है, वो तो पुराना दर्द है! एक शिफ्ट में परीक्षा हो जाए, तो बेस्ट वाले तो निकल ही जाएंगे। अब जो लोग फेक न्यूज़ फैला रहे हैं, उन्हें भी बंद कर देना चाहिए।
Sarvesh Kumar
दिसंबर 9 2024अब तो बिहार के छात्र बस गलत बातों पर आंदोलन कर रहे हैं। ये परीक्षा प्रणाली देश की तरह तो नहीं चलती, ये तो बिहार की अपनी जगह की है। जिन्हें नहीं आता, वो रो रहे हैं।
Ashish Chopade
दिसंबर 9 2024पारदर्शिता। निष्पक्षता। ये दो शब्द आज के भारत के लिए बहुत जरूरी हैं। BPSC को तुरंत एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पूरा पैटर्न समझाना चाहिए। कोई भी शंका नहीं रहनी चाहिए।
Shantanu Garg
दिसंबर 11 2024खान सर को रिहा कर दिया गया तो अच्छा हुआ। अब बस परीक्षा का पैटर्न साफ़ हो जाए तो सब ठीक हो जाएगा।
Vikrant Pande
दिसंबर 11 2024अरे भाई, ये सब तो बस एक बड़ा ड्रामा है। अगर तुम्हारी तैयारी अच्छी होती, तो तुम्हें शिफ्ट या सामान्यीकरण की कोई परेशानी नहीं होती। ये सब बस बेकार की बहाना है।
Indranil Guha
दिसंबर 11 2024इन छात्रों को ये समझाना चाहिए कि भारत की परीक्षा प्रणाली कभी भी आसान नहीं होती। अगर तुम नहीं लड़ सकते, तो नौकरी नहीं मिलेगी। ये बस एक चुनौती है, जिसे स्वीकार करो।
srilatha teli
दिसंबर 13 2024ये विरोध बहुत स्वस्थ है। छात्रों ने अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाई है - ये न्याय की ओर एक कदम है। BPSC को अब बस एक विश्वसनीय टाइमलाइन और प्रक्रिया शेयर करनी चाहिए, जिससे हर कोई आत्मविश्वास के साथ तैयार हो सके।
Sohini Dalal
दिसंबर 14 2024मुझे तो लगता है ये सब बस एक बड़ी फेक न्यूज़ वैवाहिक लड़ाई है। क्या आपने कभी सोचा कि शायद ये परीक्षा वाकई में बदल गई है, या बस लोगों को डरा रहे हैं?
Suraj Dev singh
दिसंबर 16 2024खान सर के समर्थन से बहुत अच्छा लगा। शिक्षकों की आवाज़ अगर सुनी जाए, तो ये सब बहुत जल्दी सुलझ जाएगा।
Arun Kumar
दिसंबर 18 2024अरे भाई, ये तो बिहार का नया सिनेमा बन गया! खान सर गिरफ्तार, छात्रों का विरोध, फेक न्यूज़, BPSC का बयान - ये तो एक बॉलीवुड स्क्रिप्ट है! अब तो फिल्म भी बन जाएगी।
Manu Tapora
दिसंबर 18 2024परीक्षा पैटर्न के बारे में अधिकारियों ने जो बयान दिया है, उसका आधिकारिक PDF जारी कर दें। वो भी डाटा टेबल के साथ। ताकि कोई भी शंका न रहे।
venkatesh nagarajan
दिसंबर 20 2024यहाँ बात ये नहीं कि परीक्षा कैसे होगी... बात ये है कि हम जीवन में जो भी असमानता देखते हैं, उसे बदलने का हौसला क्यों नहीं होता?
Drishti Sikdar
दिसंबर 21 2024मैंने तो सुना है कि खान सर को गिरफ्तार किया गया था... अब तो ये बात बहुत गंभीर है। अगर शिक्षकों को भी डराया जा रहा है, तो ये तो डिक्टेटरशिप है।
indra group
दिसंबर 22 2024इन छात्रों को तो बस एक अच्छा बैंक जॉब चाहिए, नहीं तो वो बिहार में फंसे रहेंगे। ये जो बदलाव हो रहा है, वो तो बस एक अंतर्राष्ट्रीय मानक है। जो नहीं समझेगा, वो फेल हो जाएगा।
sugandha chejara
दिसंबर 23 2024हर छात्र के लिए एक शिफ्ट में परीक्षा होना बहुत जरूरी है। अगर तुम अच्छी तैयारी कर रहे हो, तो तुम्हें ये बदलाव बहुत अच्छा लगेगा। बस थोड़ा धैर्य रखो। तुम अकेले नहीं हो।
DHARAMPREET SINGH
दिसंबर 24 2024अरे यार, ये सब तो बस एक बड़ा बाज़ारी धोखा है। BPSC के पास जो डेटा है, वो तो बिल्कुल भी ट्रांसपेरेंट नहीं है। ये लोग बस टाइम बर्बाद कर रहे हैं। इसके लिए एक जांच समिति बनानी चाहिए।