एम्स क्या है? आपातकालीन मेडिकल सर्विस की आसान समझ
आपको अचानक दर्द या चोट लग गई और नहीं पता कि मदद कहाँ से मिलेगी? यही वो समय है जब "एम्स" आपके लिए काम आती है। एम्स यानी Emergency Medical Services, एक ऐसी त्वरित चिकित्सा सहायता प्रणाली है जो आपातकाल में तुरंत एम्बुलेंस भेजती है, बेसिक लाइफ सपोर्ट देती है और अस्पताल तक सुरक्षित पहुंचाती है।
एम्स कब बुलाएँ?
हर कोई सोचता है कि केवल बड़ी दुर्घटना या गंभीर बीमारी पर ही एम्स को कॉल करना चाहिए। असल में, अगर आप इनमें से किसी भी लक्षण को महसूस करें तो तुरंत नंबर डायल करें:
- सांस लेने में तकलीफ या घुटन
- दिल की धड़कन तेज़ या अनियमित होना
- गंभीर चोट, जैसे हड्डी टूटना या गहरा रक्तस्राव
- दौरे के बाद अचानक बेहोशी या झटके
- भारी एलर्जी के कारण एनीफ़िलैक्सिस का खतरा
इन स्थितियों में देर करने से स्थिति बिगड़ सकती है, इसलिए तुरंत 108 (या अपने राज्य का एम्स नंबर) डायल करें।
एम्स कैसे काम करती है?
कॉल मिलने पर सबसे पहले डिस्पैचर आपकी लोकेशन और समस्या की जानकारी लेता है। फिर निकटतम एम्बुलेंस को भेजा जाता है, जिसमें प्रशिक्षित पैरामेडिक होते हैं। वे प्राथमिक उपचार जैसे ऑक्सीजन देना, रक्त दाब मापना, बुनियादी दवाइयाँ देना आदि करते हैं। साथ ही एम्बुलेंस में ECG, डिफिब्रिलेटर और इंट्यूबेशन किट जैसी सुविधाएँ होती हैं ताकि गंभीर केस को अस्पताल तक सुरक्षित पहुंचाया जा सके।
एम्स की सबसे बड़ी ताकत है समय पर प्रतिक्रिया। शहरों में औसत उत्तरदायित्व 8-10 मिनट होता है, जबकि ग्रामीण इलाकों में थोड़ा अधिक हो सकता है। इसलिए आप अपने स्थानीय हेल्थ सेंटर या पुलिस स्टेशन से भी मदद ले सकते हैं—वे अक्सर एम्स को एम्बुलेंस भेजने में सहयोग करते हैं।
अब बात करते हैं कुछ उपयोगी टिप्स की जो आपको एम्स कॉल करने में मदद करेंगे:
- सटीक पता दें: अपने घर, गली या किसी प्रमुख लैंडमार्क का नाम बताएं ताकि एम्बुलेंस जल्दी पहुँच सके।
- स्थिति स्पष्ट रखें: रोगी की उम्र, लक्षण, और क्या हुआ है, यह संक्षेप में बता दें।
- शांत रहें: यदि आप घबरा रहे हैं तो डिस्पैचर को सही जानकारी देना मुश्किल हो सकता है। गहरी साँस लेकर बात करें।
- एम्स के आने तक प्राथमिक देखभाल: अगर रक्तस्राव बहुत तेज़ है तो साफ कपड़े से दबाव डालें, या सांस न ले रहे हों तो रोगी को आराम की स्थिति में रखें।
एक और महत्वपूर्ण बात—अपनी एम्बुलेंस नंबरों को अपने फोन की फेवरेट लिस्ट में जोड़ लें। आपातकाल में यह छोटी सी तैयारी बड़ी मदद कर सकती है।
एम्स सिर्फ एक कॉल नहीं, बल्कि आपके जीवन बचाने का पहला कदम है। सही समय पर सही कार्रवाई करके आप न केवल अपनी सुरक्षा बल्कि आसपास के लोगों की भी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। याद रखें, देर करने से नुकसान बढ़ता है—तो जब भी संकोच हो, तुरंत 108 डायल करें।