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सोलर पैनल: घर में सस्ती और हरित बिजली कैसे बनायें

आजकल बिजली बिल बढ़ते ही जा रहे हैं, लेकिन एक समाधान बहुत आसान है – सोलर पैनल लगवाना। ये ना सिर्फ आपके खर्चे कम करते हैं बल्कि पर्यावरण को भी साफ़ रखते हैं. चलिए देखते हैं कि सोलर पैनल कैसे काम करता है और इसे आपके घर में कैसे फिट कर सकते हैं.

सोलर पैनल की बुनियादी बातें

सौर ऊर्जा का स्रोत सूरज की रोशनी है। पैनलों पर मौजूद सिलिकॉन सेल प्रकाश को सीधे इलेक्ट्रिक करंट में बदलते हैं. इस प्रक्रिया को फोटोवॉल्टाइक इफेक्ट कहा जाता है. घर के लिए आम तौर पर 1 किलowatt‑पीक (kWp) क्षमता वाला सिस्टम पर्याप्त रहता है, जिससे लगभग 3‑4 kWh रोज़ाना बिजली मिलती है.

सिस्टम में तीन मुख्य घटक होते हैं: सोलर पैनल, इन्वर्टर और बैटरियों (अगर आप ग्रिड‑फ्री रखना चाहते हों). इन्वर्टर पैनलों से आने वाले डीसी करंट को एसी में बदलता है जो घर के सभी उपकरणों में इस्तेमाल हो सके.

स्थापना और खर्च का अंदाज़ा

पहला कदम है सही जगह चुनना – छत की दिशा (दक्षिण या दक्षिण‑पूर्व) और बिना छाया वाला क्षेत्र सबसे बेहतर रहता है. एक पेशेवर इंस्टालर आपके घर के आकार, ऊर्जा जरूरत और बजट के हिसाब से पैनलों की संख्या तय करेगा.

लगभग 5 kWp सिस्टम की लागत 1.2 लाख से 2 लाख रुपये तक हो सकती है, लेकिन कई राज्य सरकारें सब्सिडी या टैक्स छूट देती हैं। इसको देखते हुए पहले निवेश थोड़ी बड़ी लगती है, पर 8‑10 साल में बिजली बिल बचत से इसे आसानी से कवर कर लिया जाता है.

यदि आप बैटरी स्टोरेज चाहते हैं तो लागत बढ़ेगी, लेकिन रात या बादल वाले दिन भी पावर उपलब्ध रहेगी. लिथियम‑आयन बैटरियों की लाइफ 5‑7 साल होती है और इन्हें समय-समय पर बदलना पड़ता है.

एक बार इंस्टॉल हो जाने के बाद रख‑रखाव बहुत आसान है – साफ़ सफ़ाई, साल में एक बार इन्वर्टर जांच और पैनलों की क्षति नहीं देखनी चाहिए. अधिकांश कंपनियां 5‑साल की वारंटी भी देती हैं.

अगर आप ग्रिड से पूरी तरह अलग होना चाहते हैं तो माइक्रो‑इनवर्टर या हाइब्रिड सिस्टम पर विचार कर सकते हैं। ऐसे सेटअप में जब सोलर ऊर्जा अधिक हो, तो अतिरिक्त बिजली को बैटरी में स्टोर किया जाता है और आवश्यकता पड़ने पर इस्तेमाल होता है.

सरकार द्वारा दी जा रही योजनाओं की जानकारी के लिए राज्य ऊर्जा विभाग या नवीनीकृत ऊर्जा मंत्रालय की वेबसाइट देखें. कई बार ऑनलाइन आवेदन करके आप तुरंत सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं.

सोलर पैनल अपनाकर आप न केवल अपने खर्चे घटाते हैं, बल्कि भविष्य में हरित ऊर्जा के विस्तार में योगदान भी देते हैं। तो देर किस बात की? आज ही एक भरोसेमंद इंस्टालर से परामर्श लेकर अपने घर को सौर शक्ति से चलाने का कदम बढ़ाएँ.

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वारी एनर्जीज़ 21 अक्टूबर, 2024 को अपना आईपीओ लॉन्च करने जा रही है। कंपनी का लक्ष्य ₹3600 करोड़ जुटाना है, जिसमें नई शेयरों की पेशकश और 48 लाख इक्विटी शेयरों की बिक्री शामिल है। इस राशि का प्रयोग ओडिशा में सोलर मॉड्यूल निर्माण के लिए होगा। कंपनी ने पहले सितंबर 2021 में आईपीओ के लिए सेबी में दस्तावेज दाखिल किए थे।

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