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शुभ मुहूर्त – कब और क्यों उपयोगी है?

हर दिन में ऐसे कुछ समय होते हैं जिनको "शुभ मुहूर्त" कहा जाता है। लोग इन समयों में नई योजना शुरू करते हैं, शादी कराते हैं या कोई महत्वपूर्ण काम करते हैं। क्यों? क्योंकि माना जाता है कि इन पलों में ऊर्जा सबसे अनुकूल होती है और सफलता की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

शुभ मुहूर्त की गणना कैसे करें

शुभ मुहूर्त निकालने के लिए दो मुख्य चीज़ें चाहिए – पंचांग और ग्रहों की स्थिति। पंचांग में तिथि, वार, नक्षत्र और योग बताया जाता है। इनको देख कर हम तय करते हैं कि कौन सा समय अच्छा रहेगा। आजकल कई मोबाइल ऐप और वेबसाइट भी यही जानकारी दे देती हैं, इसलिए आपको कठिन गणना नहीं करनी पड़ती।

गणना का सरल तरीका यह है: पहले दिन की तिथि देखें, फिर यह पता करें कि उस दिन कौन से योग (जैसे शुभ, अभाज्य) हैं। उसके बाद दिन के भाग को चार भाग में बांटें – सुबह, दोपहर, शाम और रात। प्रत्येक भाग में दो-तीन समय स्लॉट होते हैं, जैसे 07:00‑09:00 या 15:00‑17:00। इन स्लॉट्स में से वही चुनें जिसका योग शुभ हो और ग्रहों की दिशा आपके काम के अनुकूल हो।

आज के प्रमुख शुभ मुहूर्त

आज 2 फरवरी 2025 (वसंत पंचमी) है, इसलिए कई लोग इस दिन नई पढ़ाई या रचनात्मक काम शुरू करना चाहते हैं। इस दिन दो मुख्य शुभ समय हैं:

  • सुबह 06:30‑08:30 – यह समय नई शिक्षा, लेखन या कोई आध्यात्मिक कार्य करने के लिये उत्तम है।
  • शाम 18:00‑20:00 – इस दौरान व्यापारिक निर्णय, नई नौकरी की शुरुआत या विवाह सम्बन्धी बातों पर चर्चा करना बेहतर रहता है।

अगर आप इन समयों में कोई प्रमुख काम रखें तो अक्सर सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। लेकिन याद रखिए, मुहूर्त केवल मदद करता है, मेहनत और सही योजना के बिना कोई जादू नहीं करता।

ध्यान रखने वाली बातें:

  • सुबह के पहले दो घंटे (सुबह 04:00‑06:00) को अक्सर “ब्रह्म मुहूर्त” कहा जाता है, यह ध्यान या योग के लिए बहुत अच्छा है।
  • शुभ मुहूर्त में अगर ग्रहों की दिशा उल्टी (विपरीत) हो तो थोड़ा सावधानी बरतें, वैकल्पिक समय चुनें।
  • जब भी संभव हो, कई स्रोतों से मुहूर्त की पुष्टि कर लें – ऐप, स्थानीय पंचांग या ज्योतिषी से।

अंत में हम यही कहेंगे – शुभ मुहूर्त को एक दिशा मानिए, लेकिन अपने लक्ष्य को पाने के लिये लगातार मेहनत और सही कदम जरूरी हैं। अगर आप इस जानकारी को अपनी दैनिक योजना में शामिल करेंगे तो काम आसान लगेगा, और परिणाम भी बेहतर आएंगे। अब जब आप जानते हैं कि कब शुभ काल होता है, तो अगला कदम उठाएँ और अपने काम को सही समय पर शुरू करें।

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23 सितंबर को मनाए जाने वाले नवरात्रि 2025 के दूसरे दिन को मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित किया गया है। इस लेख में देवी की महत्ता, शुभ मुहूर्त, विस्तृत पूजा क्रम और मनीफा लाभों को समझाया गया है। भक्तों को सही समय, रंग और भोग की जानकारी भी दी गई है।