गुवाहाटी में भारत महिला टीम ने DLS से 59 रन से श्रीलंका को हराया
- Chirag Bansal
- 6 10 2025 खेल
गुवाहाटी में भारत महिला टीम ने DLS से 59 रन से श्रीलंका को हराते हुए ICC विश्व कप 2025 की शानदार शुरुआत की, जिससे भारतीय महिलाओं को बड़ी बूस्ट मिली।
जब बात होती है डकवर्थ-लेविस-स्टर्न, एक सांख्यिकीय मॉडल जो बारिश या अन्य रुकावटों के बाद दो टीमों के बीच टार्गेट स्कोर को बराबर बनाता है, इसे अक्सर DLS कहा जाता है। साथ ही, यह क्रिकेट, ऑफ़िशियल खेल जहाँ दो टीमें बॉल और बैट से स्कोर बनाती हैं और रेन रेशियो, वह अनुपात जो बाधित ओवर और बची हुई ओवर के आधार पर लक्ष्य को समायोजित करता है के साथ जुड़ी होती है। इसीलिए DLS सिर्फ एक फ़ॉर्मूला नहीं, बल्कि पूरी खेल‑परिस्थिति को संतुलित करने वाला तंत्र है।
DLS का मूल सिद्धांत यह है कि “समान संसाधन” के आधार पर दो टीमों को बराबर मौका देना चाहिए। जब पहली टीम पूरा इन्किंग पूरा कर लेती है, तब दूसरी टीम को कम ओवर या कम गेंदें मिलती हैं। रेन रेशियो के माध्यम से यह तय किया जाता है कि उपलब्ध संसाधनों (गेंदें, विकेट) कितने प्रतिशत बचे हैं, फिर उस प्रतिशत को लक्ष्य में बदला जाता है। इससे फॉल्ट या मौसम‑वज़न के कारण स्कोर में अन公平ता नहीं रहती। यही कारण है कि टेस्ट, वन‑डे और टी20 फॉर्मैट में DLS के पैरामीटर अलग‑अलग होते हैं—टेस्ट में लंबी अवधि, वन‑डे में 50 ओवर, टी20 में 20 ओवर के हिसाब से गणना की जाती है।
पहला घटक है "उपलब्ध संसाधन"—बचे ओवर और बचे विकेट। दूसरा घटक है "मूल औसत"—जिस टीम का स्कोर सेट किया गया था, उसकी औसत रन‑रेट। तीसरा घटक है "सुधार कारक"—वर्तमान मौसम, पिच की स्थिति और टीम की बैटिंग क्षमता। इन तीनों को मिलाकर वह अंतिम टार्गेट बनता है जिसे दूसरी टीम को पीछा करना पड़ता है। उदाहरण के तौर पर, यदि भारत ने 250 रन बनाकर 50 ओवर पूरे किए और बारिश से 10 ओवर हट गए, तो बची हुई 40 ओवर के लिए DLS को रेन रेशियो (लगभग 0.86) के हिसाब से नया लक्ष्य निकालता है, जिससे लक्ष्य 215‑220 के आसपास हो सकता है। यह प्रक्रिया हर बार रिफ़्रीश होती है, इसलिए वास्तविक मैच में टार्गेट लगातार बदल सकता है।
जब आप हमारे नीचे दिखाए गए समाचार पढ़ते हैं—जैसे "Asia Cup 2025 में भारत‑पाक मुक़ाबला" या "Harleen Deol की अजीब रनआउट"—तो अक्सर आपको DLS के प्रभाव की झलक मिलती है। यदि मौसम रुकावटें आती हैं, तो टीम की रणनीति, बैटिंग क्रम और बॉलर के विकल्प तुरंत बदलते हैं। इसलिए इस पेज को पढ़कर आप न केवल DLS के तकनीकी पहलू समझेंगे, बल्कि यह भी देखेंगे कि ये बदलाव वास्तविक मैच‑परिदृश्य में किस तरह काम आते हैं।
दूसरी ओर, DLS की सीमाएँ भी हैं। यह मानता है कि दोनों टीमें समान संसाधन के साथ समान स्कोरिंग क्षमता रखती हैं, लेकिन असली मैदान में खिलाड़ी की फॉर्म, पिच की बदलाव और मानसिक दबाव इससे अलग हो सकते हैं। यही वजह है कि आजकल ICC ने DLS के बाद "विज़िंग स्ट्रैटेजी" (V‑S) नामक एक वैकल्पिक मॉडल भी पेश किया है, जो अधिक डाइनामिक फ़ॉर्मूला उपयोग करता है। फिर भी, DLS अभी भी अधिकांश अंतरराष्ट्रीय और घरेलू टूर्नामेंट में मानक रहता है, इसलिए इसका समझना हर क्रिकेट फैन के लिए ज़रूरी है।
अब आप तैयार हैं DLS की बारीकियों को समझने के लिए—चाहे आप मैदान में हों, टीवी पर देख रहे हों, या सोशल मीडिया पर मैच की पॉइंट‑बाय‑पॉइंट अपडेट पढ़ रहे हों। नीचे के लेखों में आप पाएँगे DLS‑संबंधित विश्लेषण, वास्तविक मैच में इसका प्रयोग, और विशेषज्ञों की राय। इन लेखों के माध्यम से आप अगली बारिश‑रोकने वाली स्थिति में भी अपने पसंदीदा टीम की रणनीति को बेहतर समझ पाएँगे। चलिए, इस टैग पेज पर मौजूद रोचक ख़बरों और गहन दृष्टिकोणों की एक झलक देखते हैं।
गुवाहाटी में भारत महिला टीम ने DLS से 59 रन से श्रीलंका को हराते हुए ICC विश्व कप 2025 की शानदार शुरुआत की, जिससे भारतीय महिलाओं को बड़ी बूस्ट मिली।