श्रीलंका ने विश्व कप में धमाकेदार जीत के साथ की विदाई
श्रीलंका ने सेंट लूसिया में नीदरलैंड्स को 83 रनों से हराकर अपने विश्व कप अभियान का शानदार समापन किया। यह उनकी टूर्नामेंट में एकमात्र जीत थी, लेकिन यह जीत कई मायनों में महत्वपूर्ण रही।
मैच की शुरुआत और टॉस
टॉस जीतकर श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया और अपनी पारी की शुरुआत धमाकेदार तरीके से की। शुरूआती पावरप्ले में ही टीम ने पांच ओवरों में 40 रन बना लिए। हालांकि, पॉल वैन मीकरन ने छठे ओवर में एक महत्वपूर्ण विकेट लेकर कुछ हद तक नीदरलैंड्स को राहत दी।
कुसल मेंडिस और धनंजय डी सिल्वा की साझेदारी
कुसल मेंडिस और धनंजय डी सिल्वा ने मिलकर 45 रन की साझेदारी की, जिससे श्रीलंका का स्कोर तेजी से बढ़ता गया। कुसल मेंडिस ने 29 गेंदों पर 46 रन बनाए, जबकि धनंजय डी सिल्वा ने लगातार रन बंटोरते हुए इसे 13वें ओवर में 100 के पार पहुंचा दिया। दोनों खिलाड़ियों की शानदार पारी ने टीम को मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया।
अन्य बल्लेबाजों का योगदान
इसके बाद चारिथ असलंका ने भी बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए 21 गेंदों पर 46 रन बनाए और अंत में एंजेलो मैथ्यूज ने 15 गेंदों पर नाबाद 30 रन जोड़कर टीम का स्कोर 201/6 तक पहुंचा दिया।
नीदरलैंड्स की पारी
नीदरलैंड्स ने भी जवाबी पारी की शुरुआत अच्छी की, लेकिन विक्रमजीत सिंह और सायब्रैंड एंगलब्रेच के सातवें और आठवें ओवर में आउट होने के बाद टीम की स्थिति कठिन हो गई। टीम के कप्तान विनिंदु हसरंगा ने नौवें ओवर में दो विकेट लेकर नीदरलैंड्स की रीढ़ को तोड़ दिया।
नीदरलैंड्स की बल्लेबाजी का पतन
इसके बाद नीदरलैंड्स ने अगले पांच ओवर्स में पांच विकेट खो दिए। स्कॉट एडवर्ड्स जिन्होंने 24 गेंदों पर 31 रन बनाए, उनके आउट होते ही टीम की हार तय हो गई। अंततः श्रीलंका ने 83 रनों की बढ़त के साथ नीदरलैंड्स को 118 रनों पर सिमट कर इस खेल का समापन किया।
विश्व कप में श्रीलंका का प्रदर्शन
भले ही यह श्रीलंका की टूर्नामेंट में एकमात्र जीत थी, लेकिन यह जीत टीम के मनोबल को बढ़ाने वाली रही। नीदरलैंड्स के सुपर एट्स में जाने की उम्मीद इस हार के साथ टूट गई, जबकि बांग्लादेश की जीत ने उन्हें आगे बढ़ा दिया। इस प्रकार श्रीलंका ने अपने प्रदर्शन से एक बार फिर साबित कर दिया कि वे किसी भी समय खेल का रुख पलट सकते हैं।
आगे की दिशा
श्रीलंका की यह जीत उन खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणास्रोत साबित हो सकती है जो आने वाले टूर्नामेंट्स में अपने खेल को और ज्यादा बेहतर करने के लिए मेहनत कर रहे हैं। भविष्य में टीम को इसी तरह के उत्साही और आक्रामक प्रदर्शन की आवश्यकता है।