हाथरस भगदड़ में मारे गए कई लोग
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक धार्मिक आयोजन के दौरान हुई भगदड़ में कई लोगों के मारे जाने और अनेक के घायल होने की खबर से समूचा प्रदेश हिल गया है। यह हादसा एक धर्मगुरु नारायण हरी के सम्मान में आयोजित सभा के दौरान हुआ। हादसे की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 15 महिलाओं और बच्चों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, जबकि घटनास्थल पर राहत कार्य जारी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए घायलों के जल्दी स्वस्थ होने की कामना की है। योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन को तत्काल प्रभाव से राहत कार्य और घायलों के उचित उपचार के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मंडलायुक्त अलीगढ़ और एडीजी आगरा को इस घटनाक्रम की विस्तृत जांच कराने का आदेश दिया है।
आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति
सत्ता और विपक्ष के नेताओं के बीच इस हादसे को लेकर बयानबाजियों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस हादसे को अत्यंत दुखद बताते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति सहानुभूति जताई है। उन्होंने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि सार्वजनिक आयोजनों में भीड़ पर काबू पाने के लिए समुचित व्यवस्थाएं क्यों नहीं की गईं। वहीं, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस हादसे पर गहरी चिंता व्यक्त की है और राज्य सरकार से त्वरित कार्रवाई करने की अपील की है।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की संवेदनाएं
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हादसे पर शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा कि हाथरस में हुई इस भगदड़ की घटना अत्यंत दुखद है। इस मुश्किल घड़ी में मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। उन्होंने राज्य सरकार और प्रशासन से मृतकों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने और घायलों को हर संभव मदद मुहैया कराने की अपील की है।
राहत और बचाव कार्य
इस हादसे के बाद घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की एक टीम भी मौके पर पहुंच रही है, जो राहत कार्यों में स्थानीय प्रशासन की मदद करेगी। पोस्टमॉर्टम हाउस में 25 महिलाओं और 2 पुरुषों के शव प्राप्त हुए हैं।
जांच की प्रक्रिया
मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच एडीजी आगरा और अलीगढ़ आयुक्त की निगरानी में की जा रही है। प्रशासन ने कहा है कि इस हादसे की विस्तृत जांच कराई जाएगी और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस हादसे ने एक बार फिर सार्वजनिक आयोजनों में भीड़ प्रबंधन की खामियों को उजागर कर दिया है। ऐसे हादसों से बचने के लिए राज्य सरकार और प्रशासन को समुचित उपाय करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
DHARAMPREET SINGH
जुलाई 4 2024ये सब तो हमेशा की बात है। एक बार फिर भीड़ का बवाल, एक बार फिर लापरवाही। जब तक सरकार अपने बाजार वाले ठेकेदारों को नहीं रोकेगी, ऐसी घटनाएं बंद नहीं होंगी। NDRF आया तो अब बच गए, पर जो गए, वो वापस नहीं आएंगे।
gauri pallavi
जुलाई 5 2024अरे भाई, ये सब तो सिर्फ फोटो और ट्वीट्स के लिए होता है। जब तक किसी की बेटी या बहन नहीं मरती, तब तक कोई चिंता नहीं करता। अब तो योगी साहब भी शोक व्यक्त कर रहे हैं... जैसे उन्होंने कभी भीड़ के लिए एक बार भी सोचा हो।
Gaurav Pal
जुलाई 6 2024देखो ये सब नेता अब अपने अपने ट्वीट्स भेज रहे हैं। मोदी जी की संवेदना? बहुत अच्छा। पर अगर उन्होंने अपने नेतृत्व में एक बार भी भीड़ प्रबंधन के लिए एक नियम बनाया होता, तो ये हादसा नहीं होता। शोक तो सब देते हैं, पर जिम्मेदारी कौन लेता है?
sreekanth akula
जुलाई 8 2024हाथरस में जो हुआ, वो केवल एक भगदड़ नहीं, बल्कि भारतीय समाज के अंदर छिपे असुरक्षा के निशान हैं। धार्मिक आयोजनों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा मानकों के अनुसार आयोजित करना जरूरी है। अगर अमेरिका में ऐसा होता, तो तुरंत फेडरल एजेंसियां आ जातीं।
Sarvesh Kumar
जुलाई 8 2024अब ये लोग बस राहुल गांधी के नाम पर बातें कर रहे हैं। लेकिन ये भगदड़ क्यों हुई? क्योंकि यूपी में लोगों को अपने धर्म के नाम पर भूल जाने की आदत है। जब तक हम अपने धर्म को बुद्धि से नहीं जोड़ेंगे, ऐसी घटनाएं होती रहेंगी।
Ashish Chopade
जुलाई 9 2024राहत कार्य तुरंत शुरू किया गया। जिम्मेदारी स्वीकार की गई। जांच चल रही है। ये तीन बातें हैं। अब बाकी लोग जिस तरह से इसे राजनीति में बदल रहे हैं, वो बहुत दुखद है।
Shantanu Garg
जुलाई 10 2024मैं तो बस ये कहना चाहता हूं कि जिनके परिवार में कोई गया है, उनके लिए दुआएं। बाकी सब बातें बाद में।
Vikrant Pande
जुलाई 11 2024अरे भाई, ये सब तो सिर्फ एक बड़ी सी भीड़ थी। अगर ये एक फुटबॉल मैच होता तो लोग कहते कि 'कूल वाला मैच'। लेकिन जब धार्मिक आयोजन होता है, तो तुरंत जांच, जांच, जांच। ये दोहरा मानक है। अगर ये हादसा किसी गैर-हिंदू आयोजन में हुआ होता, तो क्या ये सब चर्चा होती?
Indranil Guha
जुलाई 13 2024इस घटना के लिए केवल राज्य सरकार जिम्मेदार नहीं है। ये एक राष्ट्रीय विफलता है। जब तक हम अपने धर्म को राष्ट्रीय सुरक्षा के रूप में नहीं देखेंगे, तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। नेता जी, अब तो आप भी अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करें।
srilatha teli
जुलाई 14 2024हर जीवन अमूल्य है। ये हादसा हमें याद दिलाता है कि सुरक्षा केवल नियमों का मुद्दा नहीं, बल्कि एक मानवीय जिम्मेदारी है। आइए अब नियम बनाने के बजाय, दया और जिम्मेदारी को आयोजनों की नींव बनाएं। ये नहीं कि भीड़ को नियंत्रित करना है, बल्कि उसे सम्मान देना है।
Sohini Dalal
जुलाई 15 2024अच्छा बात है, अब तो लोग भीड़ के बारे में बात करने लगे। पर पिछले 10 साल में जब 5 बार ऐसा हुआ, तो किसी ने बस एक बार भी सोचा था? ये सब तो फिर से भूल जाएंगे।
Suraj Dev singh
जुलाई 16 2024ये जो लोग आज राजनीति कर रहे हैं, उन्हें याद दिलाना चाहूंगा कि जब भीड़ में एक महिला गिर जाती है, तो उसके बाद दूसरी भी गिर जाती है। ये एक श्रृंखला है। और इसे रोकने के लिए बस एक चीज चाहिए - बुद्धि।
Arun Kumar
जुलाई 17 2024ये तो बस एक और बड़ा शो था। जब तक लोग अपने धर्म के नाम पर भीड़ में जाते रहेंगे, तब तक ये हादसे दोहराएंगे। अब तो योगी जी भी आंखें बंद करके शोक व्यक्त कर रहे हैं। बस एक बार आंखें खोल लो, देखो भीड़ के आगे क्या हो रहा है।
Manu Tapora
जुलाई 19 2024इस हादसे के बाद, क्या कोई ने ये सोचा कि भीड़ प्रबंधन के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा रहा? जैसे कि ब्लूटूथ बीकन, ड्रोन मॉनिटरिंग, या एआई-आधारित भीड़ विश्लेषण? ये सब तकनीक उपलब्ध है, पर कोई इस्तेमाल नहीं करता।
venkatesh nagarajan
जुलाई 20 2024अगर ये हादसा हमारे धर्म के लिए हुआ है, तो शायद ये देवता की इच्छा थी। जो गए, वो अपने कर्मों का फल भोग रहे हैं। हम जिम्मेदार नहीं, बल्कि नियति के बंधन में हैं।