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इमिग्रेशन सुधार – क्या बदल रहा है और आपको क्या करना चाहिए?

इमिग्रेशन सुधार शब्द सुनते ही दिमाग में वीजा, कार्य परमिट, रहन-सहन की बात आती है। सरकार अब नियमों को आसान बनाने पर फोकस कर रही है, ताकि विदेशियों का भारत में प्रवास और यहाँ के लोगों के लिए नौकरी के अवसर दोनों बेहतर हो सकें। इस लेख में हम सबसे अहम बदलावों को देखेंगे और बताएंगे कि इनका आपके लिये क्या मतलब है।

नया वीजा सिस्टम – ई-वीज़ा और सिंगल विंडो

पहले विला वर्क वीजा और टूरिस्ट वीजा अलग‑अलग प्रक्रियाओं से गुजरते थे। अब अधिकांश वीज़ा ऑनलाइन – ई-वीज़ा के माध्यम से मिलते हैं। आप सिर्फ एक फ़ॉर्म भरते हैं, दस्तावेज़ अपलोड करते हैं और भुगतान ऑनलाइन कर देते हैं। इससे समय भी बचता है और मध्यस्थों का हाथ घटता है।

सिंगल विंडो के तहत सभी इमिग्रेशन एप्लिकेशन (वर्क, स्टडी, बिजनेस) एक ही पोर्टल पर संभाले जाते हैं। इस पोर्टल पर आप अपने आवेदन की स्थिति रीयल‑टाइम देख सकते हैं, जिससे अनावश्यक इंतजार नहीं रहता।

भ्रष्टाचार रहित नागरिकता (OCI) और स्थायी निवास

ओवरसिज़ इंडियन (OCI) कार्डधारकों के लिए अब कई सुविधाएँ आसान हो गई हैं। पिछले साल से OCI धारकों को भारत में अपना घर खरीदने, भूमि बंधक लगाने और कुछ पेशेवर क्षेत्रों में काम करने की अनुमति दी गई है – बस कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी।

स्थायी निवास (PR) के लिए नई क्वालिफ़िकेशन लायटी बनाई गई है। यदि आप पाँच साल लगातार भारत में काम या पढ़ाई कर चुके हैं, तो आप PR के लिए आवेदन कर सकते हैं। PR मिलने पर आपको कई टैक्स लाभ और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में भागीदारी का अधिकार मिलेगा।

इन बदलावों से न केवल विदेशी निवेशकों को फायदा होगा, बल्कि भारतीय कंपनियों को कुशल विदेशी कर्मचारियों को आसानी से लाने का मौका मिलेगा। इससे नई तकनीक और नौकरियों का सृजन भी तेज़ होगा।

क्या आपको अभी भी कुछ सावधानी बरतनी चाहिए?

नई प्रक्रियाएँ आसान लग सकती हैं, लेकिन कुछ बातें नज़रअंदाज़ नहीं करनी चाहिए। पहले तो आधिकारिक पोर्टल (www.indianvisa.gov.in) पर ही फ़ॉर्म भरें, क्योंकि थर्ड‑पार्टी साइटें फ़ीस ले सकती हैं या जानकारी लीक कर सकती हैं। दूसरा, सभी दस्तावेज़ों को सत्यापित रखें – पासपोर्ट, शिक्षा प्रमाणपत्र, रोजगार का ऑफ़र लेटर। कभी‑कभी छोटे‑छोटे चेकलिस्ट पोर्टल पर डाउनलोड कर सकते हैं, जिससे लंबी‑लंबी पूछताछ से बचा जा सके।

अगर आप छात्र हैं तो स्टूडेंट वीज़ा में काम करने की मान्य सीमा (दिखाई गई घंटे) का ध्यान रखें, नहीं तो फॉर्मैलिटी में जटिलता आ सकती है। इसी तरह, वर्क वीज़ा पर हैं तो आपके नियोक्ता को लाइटर लेबर लॉ की जानकारी होनी चाहिए – इससे दस्तावेज़ प्रोसेसिंग तेज़ होगी।

संक्षेप में, इमिग्रेशन सुधार ने प्रक्रियाओं को तेज़ और पारदर्शी बनाया है, लेकिन सही जानकारी और आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करना अभी भी जरूरी है। इन साधनों को समझकर आप भारत में अपने सपनों को आसानी से साकार कर सकते हैं।

UAE में सिंगल नेम पासपोर्ट पर प्रतिबंध: पंजाबी यात्रियों को बड़ा झटका

UAE में सिंगल नेम पासपोर्ट पर प्रतिबंध: पंजाबी यात्रियों को बड़ा झटका

UAE ने सिंगल नेम पासपोर्ट वाले यात्रियों को प्रवेश से रोकने का नियम लागू किया है, जिससे पंजाबी यात्रियों को कठिनाइयाँ झेलनी पड़ रही हैं। नियम जनवरी 2025 से लागू है, लेकिन यदि पासपोर्ट में पिता या परिवार का नाम कहीं और मौजूद है तो छूट है। यह नीति पर्यटन विज़ा धारकों को लक्षित करती है, जबकि रहिवासी व रोजगार वीज़ा धारकों को नहीं प्रभावित करती। कई भारतीय राज्य अब दस्तावेज़ में उपनाम जोड़ने की पहल कर रहे हैं। भविष्य में संभावित ढील के संकेत भी मिले हैं।

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