ऑस्ट्रेलिया ने ग्रेनाडा में वेस्टइंडीज को 133 रन से हराकर फ्रैंक वॉरेल ट्रॉफी 2-0 से अपने नाम कर ली

नवंबर 15, 2025 को ग्रेनाडा नेशनल स्टेडियम में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन ऑस्ट्रेलिया ने वेस्टइंडीज को 133 रन से हराकर फ्रैंक वॉरेल ट्रॉफी के लिए श्रृंखला में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली। जब नाथन लायन ने वेस्टइंडीज के आखिरी बल्लेबाज को आउट किया, तो ऑस्ट्रेलिया की जीत का ताज टिक गया। वेस्टइंडीज की दूसरी पारी 143 रन पर समाप्त हुई — 277 के लक्ष्य के बजाय — जिससे ऑस्ट्रेलिया ने दूसरे टेस्ट में भी 100 रन से जीत दर्ज की। यह जीत न केवल श्रृंखला का फैसला कर रही है, बल्कि 30 साल पुराने अधिकार को भी और मजबूत कर रही है।

ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी ने दिया आधार

ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 286 रन बनाए, जिसमें एलेक्स कैरी (63) और बू वेबस्टर (60) ने महत्वपूर्ण अंश दिया। दूसरी पारी में 243 रनों के जवाब में स्टीवन स्मिथ (71) और कैमरॉन ग्रीन (52) ने टीम को टिके रखा। ये स्कोर वेस्टइंडीज के लिए एक बड़ी चुनौती बन गए — खासकर जब उनकी पहली पारी केवल 253 रनों की रही।

वेस्टइंडीज का बल्लेबाजी ध्वंस

वेस्टइंडीज की दूसरी पारी में उनकी बल्लेबाजी ने फिर से आश्चर्य जन्माया। लक्ष्य के लिए जाने के बाद वे 7-99 पर ढेर हो गए। क्रेग ब्रैथवेट सिर्फ 7 रन पर आउट हुए, जबकि कीसी कार्टी भी बहुत कम रनों पर बाहर हुए। मिशेल स्टार्क (3-24) और बू वेबस्टर (1-15) ने शुरुआती झटके दिए। जब वेस्टइंडीज 143 पर आउट हुए, तो यह उनकी दूसरी पारी में दूसरी बार टॉप ऑर्डर का ध्वंस था — बारबाडोस में पहले टेस्ट में उन्होंने 8-86 का स्कोर बनाया था।

नाथन लायन और शमार जोसेफ: दोनों ओर के हीरे

ऑस्ट्रेलिया की जीत का श्रेय ज्यादातर नाथन लायन को जाता है, जिन्होंने वेस्टइंडीज की दूसरी पारी में 3-42 के आंकड़े दर्ज किए। उनकी आखिरी गेंद पर विकेट गिरा, और ग्रेनाडा के मैदान पर उनका नाम गूंज उठा। दूसरी ओर, शमार जोसेफ ने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में 4-66 के आंकड़े लगाए और 24 रन भी बनाए। उनके लिए यह चौथा टेस्ट था — और अब उनके पास ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 27 विकेट हैं, औसत 18 के साथ। यह एक ऐसा आंकड़ा है जो किसी भी वेस्टइंडीज गेंदबाज के लिए अब तक का सबसे बेहतरीन है।

ऑस्ट्रेलिया का 30 साल का अधिकार

ऑस्ट्रेलिया का 30 साल का अधिकार

फ्रैंक वॉरेल ट्रॉफी का इतिहास 1995 तक वेस्टइंडीज के नाम पर लिखा गया था — उन्होंने दो दशक तक इसे बरकरार रखा। लेकिन तब से, मार्क टेलर की ऑस्ट्रेलियाई टीम ने इसे छीन लिया। और आज तक, ऑस्ट्रेलिया ने इसे कभी नहीं खोया। यह अविश्वसनीय लगता है — जब वेस्टइंडीज अपने स्वर्णिम दौर में थे, तब भी वे इस ट्रॉफी को नहीं जीत पाए। अब यह लगता है जैसे ऑस्ट्रेलिया ने इसे अपने नाम कर लिया है, और कोई उसे वापस नहीं ले सकता।

अगला कदम: तीसरा टेस्ट और वेस्टइंडीज की राह

श्रृंखला का तीसरा और आखिरी टेस्ट अभी तक अनिश्चित स्थान पर खेला जाएगा। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के लिए अब सिर्फ एक बात बाकी है — 3-0 की स्वीप। वेस्टइंडीज के लिए, यह सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि अपने अपमान को भरने का मौका है। उनके टॉप ऑर्डर की लगातार असफलता ने टीम की आत्मविश्वास को नुकसान पहुंचाया है। क्या रोस्टन चेस की टीम अपनी गिरावट को रोक पाएगी? या फिर यह श्रृंखला भी एक बड़ी हार के साथ समाप्त हो जाएगी?

मैच के बाद की बातें

मैच के बाद की बातें

मैच के बाद कमेंटेटर शश्वत कुमार ने कहा, "वेस्टइंडीज के बल्लेबाज नहीं खेल रहे — वे बचने की कोशिश कर रहे हैं।" यह बात अकेली नहीं है। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने दोनों टेस्ट में लगातार बल्लेबाजी के बाद गेंदबाजी से दबाव बनाया। पैट कमिंस ने 8-1-26-1 के आंकड़े दिए, जबकि जोश हैजलवुड और मिशेल स्टार्क ने भी अपने गेंदबाजी के साथ टीम को संतुलित रखा।

अकेला उजाला: शमार जोसेफ

वेस्टइंडीज के लिए एकमात्र उम्मीद का किरण शमार जोसेफ हैं। उन्होंने दोनों पारियों में विकेट लिए, और दूसरी पारी में अपने बल्ले से भी अच्छा योगदान दिया। लेकिन उनके अलावा, टीम में कोई ऐसा नहीं है जो ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को डरा सके। यही कारण है कि वेस्टइंडीज के लिए तीसरा टेस्ट न सिर्फ एक मैच है — बल्कि एक जांच है कि क्या उनके खिलाड़ियों में अभी भी वो आत्मविश्वास है जो उन्हें एक समय दुनिया की सबसे खतरनाक टीम बनाता था?

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

ऑस्ट्रेलिया ने फ्रैंक वॉरेल ट्रॉफी कितने साल से रखी है?

ऑस्ट्रेलिया ने 1995 में मार्क टेलर की टीम द्वारा वेस्टइंडीज से ट्रॉफी छीनने के बाद से इसे लगातार 30 सालों तक अपने पास रखा है। इस अवधि में वेस्टइंडीज ने कभी भी इसे वापस नहीं पाया, जो इस ट्रॉफी के इतिहास में सबसे लंबा एक पक्ष का अधिकार है।

शमार जोसेफ क्यों वेस्टइंडीज के लिए इतने महत्वपूर्ण हैं?

शमार जोसेफ ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट में 27 विकेट लिए हैं, औसत 18 के साथ। यह उनके लिए एक ऐसा आंकड़ा है जो वेस्टइंडीज के किसी भी गेंदबाज के लिए अभी तक सबसे अच्छा है। उनकी गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में योगदान टीम के लिए एकमात्र आशा है।

वेस्टइंडीज की बल्लेबाजी क्यों इतनी कमजोर है?

दोनों टेस्ट में वेस्टइंडीज का टॉप ऑर्डर जल्दी आउट हो गया — पहले टेस्ट में 8-86 और इसमें 7-99। इसका कारण ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की एक्यूरेसी और वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों का डर दोनों हैं। उनकी टेक्निक तेज गेंदों के खिलाफ अधिक कमजोर है।

नाथन लायन की भूमिका इस जीत में क्या थी?

नाथन लायन ने वेस्टइंडीज की दूसरी पारी में 3-42 के आंकड़े दिए और आखिरी विकेट लेकर मैच जीता। उन्होंने वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों को लंबे समय तक बल्लेबाजी करने से रोका। उनकी बाएं हाथ की घूमती हुई गेंदें उनके लिए एक खतरा बनीं।

क्या वेस्टइंडीज के लिए अभी भी ट्रॉफी जीतने का कोई रास्ता है?

नहीं। ऑस्ट्रेलिया ने श्रृंखला में 2-0 की बढ़त बना ली है, और यह तीन मैचों की श्रृंखला में अजेय है। वेस्टइंडीज के लिए अब सिर्फ तीसरे टेस्ट में जीत का रास्ता है — लेकिन ट्रॉफी अब उनके नाम नहीं होगी।

तीसरा टेस्ट कहाँ खेला जाएगा?

तीसरा टेस्ट अभी तक अनिश्चित है, लेकिन यह वेस्टइंडीज के किसी भी स्थान पर हो सकता है — शायद जमैका, ट्रिनिडाड या गुयाना में। ऑस्ट्रेलिया ने अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड अपने घरेलू मैदानों पर खेलना चाहता है।