NEET-UG 2024 काउंसलिंग प्रक्रिया में देरी: कारण और परिणाम
नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट अंडरग्रेजुएट (NEET-UG) 2024 के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया में देरी हो गई है। यह प्रक्रिया जुलाई के पहले सप्ताह में शुरू होने वाली थी, लेकिन अब यह कब शुरू होगी, इसकी कोई निश्चित तिथि नहीं है। इस देरी का मुख्य कारण कुछ मेडिकल कॉलेजों को अनुमति पत्र जारी करने में हो रही देरी और नए सीटों के जोड़े जाने संबंधी प्रक्रियाओं का अधूरा रहना है।
परीक्षा में धांधली के आरोप और कानून व्यवस्था
NEET-UG 2024 परीक्षा के ऊपर धांधली के कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिनमें प्रश्न पत्र लीक और व्यक्ति-भेष का उपयोग शामिल है। इन आरोपों ने व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शनों और परीक्षा रद्द करने की मांग को जन्म दिया है। इन विरोधों के चलते नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) और केंद्र सरकार, दोनों ही कानूनी और प्रशासनिक जांच के दायरे में आ गए हैं।
इस मामले को ध्यान में रखते हुए, केंद्र सरकार ने NTA के पूर्व महानिदेशक सुभोध सिंह को उनके पद से हटा दिया है और पूर्व ISRO प्रमुख आर. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय पैनल का गठन किया है, जो परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए रखने के उद्देश्य से कार्य करेगा।
शीर्ष अदालत की प्रतिक्रिया और छात्रों की चिंताएं
मामले की गंभीरता को देखते हुए, सर्वोच्च न्यायालय ने पिछली सुनवाई में काउंसलिंग प्रक्रिया को टालने से इनकार कर दिया था। इस मुद्दे पर 8 जुलाई को फिर से सुनवाई होनी है, जिसमें विभिन्न याचिकाओं पर विचार किया जाएगा। छात्रों और उनके अभिभावकों के बीच इस देरी को लेकर चिंता बढ़ गई है। वे इस बात को लेकर आशंकित हैं कि नियमित कोर्स की शुरुआत में देरी हो जाने से उनकी पढ़ाई प्रभावित होगी और परीक्षा की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह खड़े होंगे।
छात्र-हित और प्रश्नपत्र लीक के आरोप
छात्र और अभिभावकों की मांग है कि इस परीक्षा में हुई धांधली को गंभीरता से लिया जाए और जो छात्र ईमानदारी से परीक्षा में शामिल हुए हैं, उनके साथ न्याय हो। कई छात्र संगठनों और अभिभावकों ने पुन: परीक्षा कराने की मांग की है ताकि परीक्षा की निष्पक्षता बरकरार रहे।
NEET-UG 2024 काउंसलिंग प्रक्रिया में आए इस व्यवधान ने एक बार फिर से शिक्षा व्यवस्था की जटिलताओं और उसकी पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। पिछली कुछ वर्षों में कई बार बड़े राष्ट्रीय परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक होने के मामले सामने आए हैं, जिससे छात्रों, अभिभावकों और शिक्षा प्रणाली के प्रति विश्वास कम होता जा रहा है।
उच्च-स्तरीय पैनल का गठन और सुधार के प्रयास
इस परिस्थिति को सुधारने तथा परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से, केंद्र सरकार ने पूर्व ISRO प्रमुख आर. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय पैनल का गठन किया है। इस पैनल का उद्देश्य इन प्रक्रियाओं को साफ-सुथरी और निष्पक्ष बनाना है ताकि आगे से इस तरह की समस्याएं न उत्पन्न हों।
इस पैनल का गठन करने का एक अन्य उद्देश्य यह भी है कि भविष्य में उत्तीर्ण होने वाली परीक्षाओं में किसी प्रकार की धांधली का पहचाना जा सके और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। पैनल का यह कदम निश्चित ही छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए एक आश्वासन के रूप में देखा जा रहा है कि उनकी चिंताओं का समाधान होगा।
छात्रों के लिए आगे की राह
छात्रों और अभिभावकों के बीच इस समय अनेक सवाल खड़े हैं। क्या कोर्स की शुरुआत में देरी होने से उनका भविष्य प्रभावित होगा? क्या परीक्षा के परिणाम और उसमें पूर्व-लगाए गए आरोप उनकी मेहनत पर पानी फेर देंगे? इन सब सवालों के बीच, यह महत्वपूर्ण है कि छात्रों को उनके प्रयासों का सही मापदंड मिले और उन्हें विशेषकर पुन: परीक्षा या ऐसी किसी अन्य योजना में शामिल किया जाए जो उन्हें न्याय दिला सके।
उम्मीद और सुधार की ओर बढ़ते कदम
NEET-UG 2024 की काउंसलिंग प्रक्रिया में आई इस चुनौती ने न केवल शिक्षा प्रणाली की समस्याओं को सामने लाया है, बल्कि इसे सुधारने और अधिक पारदर्शी बनाने की जरूरत को भी उजागर किया है। छात्रों और अभिभावकों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, आवश्यक कदम उठाना और सही समय पर सही निर्णय लेना शिक्षा व्यवस्था के सम्मुख एक महत्वपूर्ण चुनौती बनी हुई है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही इस मुद्दे का समाधान हो जाएगा और छात्रों का भविष्य सुरक्षित रहेगा।