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ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने बीजेपी के 'हाथ पकड़ने' के विवाद को किया खारिज

ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने बीजेपी के 'हाथ पकड़ने' के विवाद को किया खारिज

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक वायरल वीडियो से संबंधित विवाद को खारिज कर दिया है जिसमें उनके सहयोगी वीके पांडियन उनके कांपते हुए हाथ को पकड़े दिख रहे हैं। 77 वर्षीय पटनायक ने इसे 'बिना मुद्दे का मामला' बताते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर इसे अनावश्यक रूप से तूल देने का आरोप लगाया।

विवाद की शुरुआत

यह विवाद तब शुरू हुआ जब असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने वीडियो ट्वीट किया। इस वीडियो में पटनायक का हाथ कांपता हुआ दिखाई पड़ रहा है और उनके सहयोगी पांडियन, जो तमिलनाडु के एक सेवानिवृत्त पूर्व नौकरशाह हैं, उनका हाथ पकड़ कर स्थिर करने का प्रयास कर रहे थे। सरमा ने अपने ट्वीट में सुझाव दिया कि पांडियन का पटनायक पर भारी प्रभाव है और वह ओडिशा के भविष्य को लेकर चिंतित हैं।

बीजेपी का कहना

इस घटना के बाद, बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी ट्वीट किया और कहा कि पटनायक अस्वस्थ हैं और केवल दिखावटी सक्रियता दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि पांडियन ही असली शक्ति हैं और मुख्यमंत्री पर उनका गहरा प्रभाव है।

नवीन पटनायक का बयान

नवीन पटनायक का बयान

इन सारे आरोपों और विवादों के बीच, मुख्यमंत्री पटनायक ने प्रेस को संबोधित करते हुए इस पूरे मामले को 'बिना मुद्दे का मामला' करार दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी को बिना मतलब की बातें मुद्दा बनाने की आदत है और यह घटना भी उसी का हिस्सा है। पटनायक ने बताया कि उनका स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक है और वह पूरे जोश के साथ अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं।

वीके पांडियन का योगदान

मुख्यमंत्री के करीबी सहयोगी वीके पांडियन का पटनायक के प्रशासन में एक महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अपने करियर में कई प्रशासनिक पदों पर रह चुके पांडियन को पटनायक की आस्तीन का इक्का माना जाता है। BJP के आरोपों के बीच भी, पटनायक ने पांडियन के प्रति अपना विश्वास कायम रखा है और कहा कि वह हमेशा उनकी मदद के लिए तत्पर रहते हैं।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

इस विवाद ने ओडिशा की राजनीति में हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने भी इसका फायदा उठाने का प्रयास किया है, लेकिन जनता के बीच पटनायक का समर्थन अडिग है। उनके समर्थक इस पूरे विवाद को एक साजिश मानते हैं जिसका उद्देश्य पटनायक की छवि को धूमिल करना है।

इस घटनाक्रम ने यह साबित कर दिया है कि चाहे कितने भी विवाद सामने आएं, नवीन पटनायक अपने धैर्य और प्रशासनिक कौशल से हर चुनौती का सामना करने को तैयार हैं।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वे अपनी परिपक्वता और समर्पण से किसी भी विवाद से निपटने में सक्षम हैं। बीजेपी द्वारा शुरू किया गया यह विवाद उनके लिए ज्यादा मायने नहीं रखता और वे आगे भी अपने राज्य की सेवा में संलग्न रहेंगे।

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