भारत दिनभर समाचार

नवरात्रि 2025 की पूरी गाइड – कब, कैसे और कहाँ?

नवरात्रि हर साल के कैलेंडर में खास जगह रखता है, और 2025 में भी यही बात सही है। अगर आपके पास अभी तक तिथि नहीं पता, या आप नहीं जानते कि इस बार क्या कर‑कर कर के मनाएँ, तो पढ़िए ये लेख। आसान भाषा में, बिना किसी झंझट के, हम बताएंगे कब नवरात्रि शुरू होती है, कौन‑सी पूजा पर ध्यान दें, और कौन‑से शहर में मज़ा दोगुना मिलेगा।

नवरात्रि 2025 की तिथियां और शेड्यूल

2025 में नवरात्रि ऑक्टूबर 7 से लेकर अक्टूबर 15 तक चलेगी। पहला दिन शैल्पा (प्रथम) है, और नौवाँ दिन विजयादशमी (दान्ते) कहलाता है।

अगर आप शारदीय कैलेंडर के हिसाब से देखना चाहते हैं तो नवरात्रि अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की नौवीं तिथि पर पड़ती है। यह समय बहुत शुभ माना जाता है, इसलिए कई लोग इस दौरान उपवास रखकर महालक्ष्मी और दुर्गा माँ की पूजा करते हैं।

मुख्य पूजा‑पद्धति और रिवाज़

नवरात्रि में सबसे प्रमुख पूजा है दुर्गा माता की आरती। सुबह जल्दी घर में अथवा मंदिर में धुन बजाते हुए कलश स्थापित करें, फिर माँ के सात रूपों – सती, ब्रह्मचारी, कुंवर, कालरात्रि, महागौरी, हीरावली और शैल्पा – को क्रमशः अर्पित करें।

जब आप बाहर जाएँ तो स्थानीय मंदिरों में गड़ियों की कतारें लगती हैं। कुछ लोकप्रिय स्थल जैसे वैष्णो देवी, कल्याणी मंदिर (उडुपी) और जयपुर के शेरिस़ा मंदिर में भीड़ बहुत होती है, इसलिए समय से पहुंचिए और भीड़ से बचने के लिए सवेरे पहले फटकारें।

इसी के साथ फ़ास्टिंग (उपवास) भी बहुत प्रचलित है। महिलाएँ सख़्त उपवास रखती हैं, जबकि पुरुष हल्का उपवास रखते हैं – फल, सादे दूध और दही की सलाह दी जाती है। अगर आप पहली बार कर रहे हैं तो डॉक्टर से सलाह ले लीजिए।

नवमी (नौवें दिन) पर खासकर विजयादशमी / दशहरा का महात्म्य बढ़ जाता है। इस दिन मिट्टी के गुड़िया बनाकर रावण, कर्ण, दुश्मन के मॉडल को जलाते हैं और दुर्गा माँ के 10वें रूप – काली – की आरती होती है।

बच्चों के लिए गुड़िया विसर्जन भी एक मज़ेदार मज़ा है, जहाँ छोटी‑छोटी गुड़िया जलाने से घर में खुशहाली आती है।

यदि आप कोई विशेष रिवाज़ चाहते हैं, तो ज्वालाबली पूजा या घंटा-भामिनी का रात्रि उपवास भी कर सकते हैं। ये रिवाज़ शॉर्ट में भी बहुत असरदार होते हैं, बस सच्चे मन से करें।

ट्रैवल टिप्स – नवरात्रि के लिए कहाँ जाएँ?

नवरात्रि के मौके पर कई लोग अपने घर से बाहर जाकर बड़े मेले और जात्रा देखना पसंद करते हैं। सबसे लोकप्रिय स्थल हैं:

  • उज्जैन (मध्य प्रदेश): यहाँ का शीतलिंग कंजू और वारण महल सुहास हूँ।
  • वैष्णो देवी (जम्मू और कश्मीर): पहाड़ों में माँ का झरना, ट्रेकिंग और पूजा दोनों एक साथ।
  • जयपुर (राजस्थान):" पारंपरिक झांकियां और देवी के मेले से भरपूर।
  • कुड़्रा (पुहा): दशहरा में दुर्गा मूर्ति का जलसा बहुत लोगों को आकर्षित करता है।

इन जगहों पर यात्रा करने से पहले कोविड‑19 के नियम जांच लें, ट्रैफिक के झंझट से बचें और होटल बुकिंग जल्दी कर लें। स्थानीय खान-पान भी मज़ेदार होता है – जैसे मुली के सूप, दही‑भल्ले और नारियल की मिठाई।

यदि आप घर पर ही नवरात्रि मनाना चाहते हैं, तो अपने घर को रंग-बिरंगे रथ और फूलों से सजाएँ, और मेहमानों के लिए हल्का स्नैक तैयार रखें। ऐसा करके आप भी उत्सव का माहौल बनाते हुए महालक्ष्मी की कृपा पा सकते हैं।

तो अब नवरात्रि 2025 के बारे में पूरी जानकारी आप के पास है। चाहे घर में हो या बाहर, हमेशा साफ‑सुथरा रखें, सही समय पर पूजा करें और इस पवित्र माह का आनंद उठाएँ। शुभ नवरात्रि!

नवरात्रि 2025 के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का महत्व और विधि

नवरात्रि 2025 के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का महत्व और विधि

23 सितंबर को मनाए जाने वाले नवरात्रि 2025 के दूसरे दिन को मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित किया गया है। इस लेख में देवी की महत्ता, शुभ मुहूर्त, विस्तृत पूजा क्रम और मनीफा लाभों को समझाया गया है। भक्तों को सही समय, रंग और भोग की जानकारी भी दी गई है।