जो बाइडन का निर्णय और भविष्य की राजनीति
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रविवार को एक अप्रत्याशित घोषणा की कि वे 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में भाग नहीं लेंगे। इसके बजाय, उन्होंने अपनी सहयोगी और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के रूप में समर्थन देने का ऐलान किया। यह निर्णय न केवल राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा रहा है, बल्कि इसके दूरगामी प्रभाव भी हो सकते हैं।
बाइडन का कार्यकाल और चुनौतियाँ
बाइडन ने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन उनकी छवि को भी कई बार आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। उनकी घोषणा के कुछ समय पहले ही पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विरुद्ध एक बहस में उनकी कमजोर प्रदर्शन ने डेमोक्रेटिक विधानमंडलों के बीच निराशा फैला दी थी। इस निर्णय के पीछे यह चर्चा भी प्रमुख है कि रिपब्लिकन द्वारा बाइडन की मानसिक क्षमता पर लगातार सवाल उठाए जा रहे थे, जिससे उनकी क्षमता पर संदेह बढ़ गया था।
बाइडन की प्रमुख उपलब्धियां
जो बाइडन की राजनीतिक करियर करीब पांच दशकों का है, जिसमें उन्होंने कई महत्वपूर्ण मोड़ और चुनौतियों का सामना किया है। उन्होंने पहली बार 1988 में राष्ट्रपति चुनाव के लिए दावेदारी की थी और फिर 2016 में बराक ओबामा की प्रशासन में उपराष्ट्रपति चुने गए थे।
- महामारी राहत: बाइडन ने $1.9 ट्रिलियन के महामारी राहत पैकेज की घोषणा की, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली।
- बाल गरीबी की कमी: उनके कार्यक्रमों ने अस्थायी रूप से बच्चों की गरीबी को आधा कर दिया।
- रोजगार सृजन: बाइडन के कार्यकाल में 15.7 मिलियन नौकरियों का सृजन हुआ।
- आपूर्ति श्रृंखलाओं में सुधार: वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुधारने के लिए कार्यकारी आदेश जारी किए।
- बुनियादी ढांचा: $1 ट्रिलियन का द्विदलीय बुनियादी ढांचा पैकेज पारित किया।
- तनख्वाह और स्वास्थ्य सेवा: उनकी नीतियों के तहत तनख्वाह में वृद्धि हुई और अधिक लोगों ने सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाया।
अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर बाइडन
बाइडन ने चीन के साथ अधिक प्रतिस्पर्धात्मकता की नीति को अपनाया और नाटो जैसे गठबंधन को पुनर्निर्माण किया। उन्होंने अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी को पूरा किया और यूक्रेन को निरंतर सैन्य और मानवीय सहायता प्रदान की। इसके साथ ही, उन्होंने रूस के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया।
महिलाओं के अधिकारों का समर्थन
बाइडन ने अमेरिका में सुरक्षित और कानूनी गर्भपात के अधिकार का समर्थन किया। उनके इस कदम ने महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षित करने के उनके संकल्प को प्रमाणित किया।
बाइडन की विरासत
जो बाइडन का निर्णय 2024 के चुनाव से हटने का निश्चय निश्चित रूप से अमेरिकी राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। उनके पांच दशकों के राजनीतिक करियर और राष्ट्रपति के रूप में उनकी प्रमुख उपलब्धियों ने उनकी एक अमिट छाप छोड़ी है। अब देखने वाली बात यह होगी कि उनकी समर्थित उम्मीदवार कमला हैरिस इस नवोदित राजनीति में कैसे आगे बढ़ती हैं और डेमोक्रेटिक पार्टी को क्या दिशा दिखाती हैं।
Arun Kumar
जुलाई 24 2024ये बाइडन तो बस एक राजनीतिक फ्लैश था, अब जाकर कमला के ऊपर बोझ डाल दिया। अमेरिका की राजनीति तो अब बस टीवी शो बन गई है।
sugandha chejara
जुलाई 24 2024अच्छा हुआ कि उन्होंने अपनी विरासत को सुरक्षित रखने के लिए निकल गए। कमला अब इस बोझ को उठाएगी, और मैं उन पर भरोसा करती हूँ। बहुत सारे लोगों के लिए ये बहुत मायने रखता है।
indra group
जुलाई 25 2024हाँ भाई, बाइडन ने जो किया वो अच्छा था... लेकिन अमेरिका अब भारत की तरह नहीं है जहाँ हम अपने नेताओं को रातोंरात बदल देते हैं। ये सब बस एक नाटक है जिसमें ट्रंप और बाइडन दो बड़े एक्टर हैं।
Shantanu Garg
जुलाई 26 2024मैं तो बस ये कहना चाहता हूँ कि जब तक अमेरिका के अंदर एक अच्छा राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम नहीं बन जाता, तब तक ये सब बस बाहरी चमक है।
gauri pallavi
जुलाई 27 202415.7 मिलियन नौकरियाँ? बहुत अच्छा। लेकिन क्या ये नौकरियाँ वाकई इंसानों के लिए जीवनयापन के लायक थीं? या फिर बस एक नंबर था जिसे ट्वीट करने के लिए इस्तेमाल किया गया?
Manu Tapora
जुलाई 28 2024बाइडन के कार्यकाल के दौरान अमेरिकी अर्थव्यवस्था में जो बदलाव आया, उसका विश्लेषण करने के लिए डेटा चाहिए। महामारी राहत पैकेज के बाद बेरोजगारी दर 3.4% तक आ गई, जो 50 साल का रिकॉर्ड है। बुनियादी ढांचा अभी तक 40% ही पूरा हुआ है, लेकिन इसका प्रभाव देखने में 5-7 साल लगेंगे।
Suraj Dev singh
जुलाई 29 2024कमला हैरिस के लिए ये एक बहुत बड़ा चुनौती है। अगर वो अपने नेतृत्व को दिखा पाती हैं, तो अमेरिका में एक नई ऊर्जा आ सकती है। मैं उनकी ताकत को देखने के लिए उत्सुक हूँ।
DHARAMPREET SINGH
जुलाई 30 2024बाइडन के दो घंटे के भाषण में तीन बार अपना नाम बोल दिया। अब ये बात नहीं कि उन्होंने क्या किया, बल्कि ये है कि उनके बारे में कितना बोला गया। ये सब एक बड़ा बाज़ारी नाटक है।
Drishti Sikdar
जुलाई 31 2024तुम सब बाइडन की उपलब्धियों की बात कर रहे हो, लेकिन क्या तुमने कभी सोचा कि उनके दो बेटे कैसे मरे? क्या तुम्हें पता है कि उनकी बीवी कैसे चली गई? ये आदमी जिसने अपनी जिंदगी के बहुत सारे दर्द को झेला, वो अभी भी वहाँ खड़ा है। ये कोई नाटक नहीं है, ये इंसान है।
sreekanth akula
अगस्त 2 2024मैं भारत से देख रहा हूँ। यहाँ हम नेताओं को बदलते हैं जब वो असफल हो जाते हैं। अमेरिका में वो बदलते हैं जब वो अपनी विरासत को सुरक्षित करना चाहते हैं। दोनों तरीके अलग हैं। लेकिन क्या अमेरिका के लिए ये सही था? ये सवाल अभी भी खुला है।
Ashish Chopade
अगस्त 3 2024अगर बाइडन ने ये निर्णय नहीं लिया, तो डेमोक्रेट्स का चुनाव खो जाता। ये एक राजनीतिक निकास था, न कि एक नाटक। इसकी गहराई समझो।
venkatesh nagarajan
अगस्त 5 2024क्या एक इंसान जिसकी उम्र अब बहुत हो गई है, वो एक देश का नेता बन सकता है? ये सवाल नहीं है कि उसने क्या किया, बल्कि ये है कि वो अब क्या हो सकता है। ये एक दर्द भरा निर्णय है।
Gaurav Pal
अगस्त 6 2024बाइडन के लिए ये एक शर्म की बात है। वो खुद को नहीं बचा सका। अब उसकी उपलब्धियाँ भी उसकी कमजोरियों के छाया में खो गईं। ये तो बस एक अंत है, न कि एक विरासत।
Sarvesh Kumar
अगस्त 6 2024अमेरिका की राजनीति में कोई भी नेता अपनी विरासत नहीं बना सकता। वो बस अपने नाम को ट्वीट करता है। बाइडन ने भी ऐसा ही किया। अब देखो कि कमला कैसे बच निकलती है।
Agam Dua
अगस्त 6 2024बाइडन ने कुछ किया... लेकिन उसके बाद क्या? क्या उसके बाद कोई योजना थी? या फिर वो बस इस बात के लिए रहा कि उसकी तस्वीरें न्यूज़ में आएं? ये राजनीति नहीं, ये बाज़ारी बाज़ार है।