आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25: अधोसंरचना निवेश की विकसीत भारत 2047 योजना
भारतीय अर्थव्यवस्था के भविष्य के विकास को सुनिश्चित करने के लिए, आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 ने अधोसंरचना निवेश में निरंतर वृद्धि पर बल दिया है। वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने इस सर्वेक्षण को प्रस्तुत किया, जिसमें अगले दो दशकों में भारी अधोसंरचना निवेश की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। यह सर्वेक्षण भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की योजना विकसित भारत 2047 के लक्ष्यों के संदर्भ में है। सार्वजनिक पूंजी के अकेले इन जरूरतों को पूरा करने में असमर्थता जताई गई है।
सार्वजनिक-निजी भागीदारी की आवश्यकता
आर्थिक सर्वेक्षण में सार्वजनिक-निजी भागीदारी की अति महत्वता को उजागर किया गया है। निवेश प्रक्रिया में सुधार, जोखिम और राजस्व-साझेदारी के तरीके और परियोजनाओं की समझौता प्रबंधन के लिए आदर्श दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता बताई गई है। सरकार के प्रयासों को लोगों द्वारा पूर्ण समर्थन की जरूरत है। निजी क्षेत्र को भी इन प्रयासों के साथ बराबर का सहयोग देना होगा। वित्तीय बाजार के खिलाड़ियों, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट विशेषज्ञों और योजना कारकों के बीच समन्वित कार्यवाहियों की आवश्यकता है।
अधोसंरचना विकास में प्रगति
सर्वेक्षण के अनुसार, अधोसंरचना विकास के क्षेत्र में प्रगति हो रही है। नए ट्रेनों और हवाईअड्डों की शुरुआत, बंदरगाह संचालन की तेजी, विद्युत क्षमता में वृद्धि और दूरसंचार नेटवर्क में सुधार जैसे कार्य इस दिशा में उठाए जा रहे हैं। जुलाई से नवंबर के बीच इन प्रणालियों पर खर्च का स्तर बढ़ा है, और आगे ये गति बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, सड़कों और रेलवे लाइनों की लम्बाई में वृद्धि अपेक्षाकृत धीमी रही है।
आर्थिक विकास के लिए संरचनात्मक सुधार की आवश्यकता
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की आर्थिक वृद्धि के लिए 2025-26 के लिए 6.3% से 6.8% के बीच की वृद्धि की प्रस्तावित संभावना संभव है, लेकिन इसके लिए निम्न स्तर पर संरचनात्मक सुधारों और विनियमन में कमी की आवश्यकता है।
इस आर्थिक सर्वेक्षण ने भारतीय अर्थव्यवस्था की विकासशील पथ की मजबूती की ओर एक महत्वपूर्ण दिशा का निर्धारण किया है। इस जटिल परिदृश्य में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की साझेदारी ही सफलता की कुंजी साबित होगी। सार्वजनिक-निजी भागीदारी के लिए इच्छाशक्ति और सामंजस्यपूर्ण प्रयास ही इस योजना को असली परिणामों में बदलने में सक्षम होंगे।
venkatesh nagarajan
फ़रवरी 1 2025इस सर्वेक्षण में सब कुछ सही लगता है... लेकिन जब तक हम राज्य स्तर पर ब्यूरोक्रेसी को काट नहीं डालते, तब तक ये सब कागज़ पर ही रह जाएगा।
Drishti Sikdar
फ़रवरी 2 2025अरे भाई, ये सब तो बस टीवी पर चलता है। मेरे शहर में तो सड़क पर पानी भरा है और वहां एक बार बिजली नहीं आई तो दो हफ्ते तक रह गई।
indra group
फ़रवरी 3 2025अरे ये सब बकवास है! हमारे पास तो दुनिया की सबसे बड़ी आबादी है, फिर भी हम दूसरे देशों के नक्शे पर चल रहे हैं? हमें अपने तरीके से चलना होगा - निजी क्षेत्र को छोड़ दो, हम अपने हाथों से कर देंगे! भारत की शक्ति तो हमारे अंदर है, न कि विदेशी निवेशकों के पैसों में!
sugandha chejara
फ़रवरी 5 2025हां, ये सब सही है। लेकिन याद रखो - अधोसंरचना का मतलब सिर्फ राजमार्ग और रेलवे नहीं है। ये तो गांव के बच्चों को डिजिटल शिक्षा तक पहुंचाना है, गरीब महिलाओं को स्वच्छ पानी देना है। ये विकास है। और ये सब संभव है, बस हमें थोड़ा और धैर्य चाहिए।
DHARAMPREET SINGH
फ़रवरी 6 2025मैंने इस सर्वेक्षण को पढ़ा - इसमें PPP, EPC, BOT, DBFOM - जरूरी टर्म्स हैं, लेकिन कोई रियल-वर्ल्ड डेटा नहीं। जब तक ये लोग डेटा ड्रिवन डिसीजन नहीं लेंगे, तब तक ये सब एक बड़ा ब्लैक होल होगा।
gauri pallavi
फ़रवरी 7 2025तो फिर भी बिजली नहीं आ रही है, लेकिन एक नया एयरपोर्ट बन रहा है? हमारे गांव में तो बिजली के बिना भी बिजली के बारे में बातें कर रहे हैं। ये लोग शायद टीवी पर देखकर ये लिख रहे हैं।
Agam Dua
फ़रवरी 9 2025ये सब बहुत अच्छा लग रहा है... लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जब तक हम अपने आप को अंधविश्वास से मुक्त नहीं कर लेते, तब तक ये सब बकवास है? लोग अभी भी रेलवे स्टेशन पर चढ़कर देवता को प्रणाम करते हैं, और फिर उन्हीं लोगों को टैक्स देना है? ये अर्थव्यवस्था नहीं, भूतों की दुनिया है।
Gaurav Pal
फ़रवरी 10 2025भारत के लिए ये सब बेकार की बातें हैं। हमें तो अपने अंदर के विकास को देखना चाहिए - जैसे निजी क्षेत्र का अहंकार, जो अब तक कोई बड़ा प्रोजेक्ट नहीं बना पाया। हमारे नेता तो बस फोटो खिंचवाते हैं।
sreekanth akula
फ़रवरी 10 2025अगर हम इतिहास देखें - चोल राजवंश ने नहीं बनाया था बंदरगाह? मौर्य ने राजमार्ग? हमारे पास इतिहास में ये अधोसंरचना बनाने की परंपरा है। अब बस इसे आधुनिक तरीके से दोहराना है। ये सब नया नहीं है, बस नए ढंग से करना है।
Sarvesh Kumar
फ़रवरी 11 2025हम अपने आप को दुनिया के लिए बना रहे हैं, लेकिन अपने अंदर तो बस बातें कर रहे हैं। अगर भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है, तो पहले इन लोगों को जेल में डाल दो - जो इन प्रोजेक्ट्स को चोरी करते हैं।
Ashish Chopade
फ़रवरी 11 2025भारत का भविष्य निर्माण अभी शुरू हुआ है। यह एक ऐतिहासिक अवसर है। सार्वजनिक-निजी भागीदारी एक अनिवार्य आवश्यकता है। तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता है।
Shantanu Garg
फ़रवरी 12 2025मैं तो बस ये कहना चाहता हूं कि हमारे गांव में एक नया बस स्टॉप बन गया है। उसके बाद से लोग शहर जाने लगे। छोटी चीजें भी बदलाव ला सकती हैं।
Vikrant Pande
फ़रवरी 13 2025ये सब तो बस एक रिपोर्ट है - जैसे आपने कभी किसी को बताया हो कि आपके घर का टॉयलेट बंद है, और उसने आपको 12 पेज की रिपोर्ट दे दी। अब बताओ, क्या टॉयलेट ठीक हुआ?
Indranil Guha
फ़रवरी 15 2025हम इतने बड़े देश हैं कि हमारी अधोसंरचना दुनिया की तुलना में अभी भी बच्चों के खिलौने हैं। ये रिपोर्ट तो बस एक बड़ा धोखा है - जिसे हम अपने आप को बहलाने के लिए बनाते हैं।
srilatha teli
फ़रवरी 16 2025मैं एक गांव की शिक्षिका हूं। हमारे स्कूल में अभी भी बिजली नहीं है, लेकिन हम डिजिटल क्लासेस के लिए लैपटॉप लाए हैं - बैटरी से चलाते हैं। ये छोटी चीजें भी अधोसंरचना हैं। बड़े प्रोजेक्ट्स के साथ ये छोटी बातें भी देखी जानी चाहिए।
Sohini Dalal
फ़रवरी 17 2025अरे वाह, निजी क्षेत्र को भी लगाना है? तो फिर वो क्यों नहीं आता? शायद उन्हें लगता है कि हमारी सरकार बस बातें करती है और फिर बदल जाती है।
Suraj Dev singh
फ़रवरी 18 2025मैंने एक बार एक निजी कंपनी के साथ काम किया था - उन्होंने एक छोटा सा गांव बनाया था। लोगों ने खुद अपने हाथों से बनाया। निजी क्षेत्र का असली तरीका यही है - लोगों के साथ, न कि उनके ऊपर।
Arun Kumar
फ़रवरी 20 2025ये सब बकवास है। अभी तक कोई ने बताया नहीं कि ये पैसा कहां से आएगा? अगर निजी कंपनियां आ रही हैं, तो उनका फायदा क्या होगा? क्या हम अपनी जमीन बेच देंगे? ये तो नया ब्रिटिश राज है!
Agam Dua
फ़रवरी 20 2025अरे ये तो सिर्फ नया नहीं, बल्कि पुराना विषय है। जिस तरह से ये लोग बात कर रहे हैं - ऐसा लगता है जैसे हम बच्चे हैं जो अभी तक टॉयलेट नहीं सीख पाए। ये बातें तो बहुत बड़ी हैं, लेकिन हमारे अंदर अभी भी एक बच्चे का दिमाग है।