भारत बनेगा वैश्विक सेमीकंडक्टर निर्माण का प्रमुख केंद्र: पीएम मोदी ने SEMICON India 2024 में की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने SEMICON India 2024 के उद्घाटन के मौके पर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। इस तीन-दिवसीय सम्मेलन का थीम 'शेपिंग द सेमीकंडक्टर फ्यूचर' है, और इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत तेजी से वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग में अपनी भूमिका को मजबूत कर रहा है। उन्होंने बताया कि भारत 85,000 तकनीशियन, इंजीनियर और R&D विशेषज्ञों की workforce तैयार कर रहा है ताकि सेमीकंडक्टर डिजाइन और निर्माण में उत्कृष्टता प्राप्त की जा सके।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर उच्च-प्रौद्योगिकी और नेक्स्ट-जनरेशन चिप्स के विकास के लिए सेमीकंडक्टर रिसर्च सेंटर की भी घोषणा की जो भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान संस्थान और IITs के सहयोग से स्थापित किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर डिजाइन में पहले से ही 20% का योगदान देता है, और देश के छात्र एवं पेशेवरों को इस उद्योग के लिए तैयार किया जा रहा है।
मोदी ने यूनियन बजट 2023-24 का भी उल्लेख किया जिसमें राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन के लिए पांच साल में 1 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है ताकि विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास को मजबूत किया जा सके और उद्योग, अकादमिक, और सरकारी संगठनों के बीच सहयोग को बढ़ावा दिया जा सके।
वैश्विक सेमीकंडक्टर सम्मेलन का आयोजन
भारत वह आठवां देश है जो एक वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। इसका उद्देश्य भारत को एक वैश्विक सेमीकंडक्टर निर्माण केंद्र के रूप में स्थिर बनाना है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर भारत की अनोखी संभावनाओं पर जोर दिया और कहा, '21वीं सदी के भारत में, चिप्स कभी नीचे नहीं जाते,' और उन्होंने यह सपना साझा किया कि 'दुनिया के हर डिवाइस में एक भारतीय-निर्मित चिप होगी।'
महत्वपूर्ण खनिजों की सुरक्षा पर जोर
प्रधानमंत्री ने सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए महत्वपूर्ण खनिजों की सुरक्षा के लिए क्रिटिकल मिनरल मिशन पर भी विशेष जोर दिया। उन्होंने भारत की '3D पावर' का उल्लेख किया जो एक सुधारवादी सरकार, एक बढती हुई विनिर्माण आधार और एक महत्वाकांक्षी बाजार है जो तकनीकी रुझानों के साथ तालमेल में है।
सरकार की मजबूत नीतियों ने, जिसमें सेमीकंडक्टर निर्माण सुविधाओं के लिए 50% वित्तीय सहायता और राज्य सरकारों की भागीदारी शामिल है, 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश को आकर्षित किया है।
वैश्विक सहयोग और डिजिटल इंडिया की सफलता
भारत वैश्विक सहयोग को भी बढ़ावा दे रहा है जिसमें जापान, सिंगापुर और संयुक्त राज्य के साथ 'सिलिकॉन डिप्लोमेसी' शामिल है। प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल इंडिया मिशन की सफलता का भी उल्लेख किया और कहा कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन उत्पादक बन गया है और 5G हैंडसेट बाजार में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र, जो 150 अरब डॉलर से अधिक का है, का लक्ष्य 2030 तक 500 अरब डॉलर तक पहुँचना है और 6 मिलियन नौकरियों का सृजन करना है। प्रधानमंत्री ने इस बात की आवश्यकता पर जोर दिया कि COVID-19 और अन्य वैश्विक घटनाओं से उत्पन्न रुकावटों के मद्देनजर एक मजबूत सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला बनाई जानी चाहिए।
SEMICON India 2024 का आयोजन
SEMICON India 2024 भारत की सेमीकंडक्टर नीतियों और दृष्टिकोण को प्रदर्शित करेगा, जिसमें उद्योग के वैश्विक नेता, कंपनियां, और विशेषज्ञ एकत्र होंगे। इस आयोजन में अग्रणी सेमीकंडक्टर कंपनियों के शीर्ष कार्यकारी, 250 से अधिक प्रदर्शक और 150 वक्ता शामिल होंगे।
Vishal Raj
सितंबर 12 2024भारत के चिप्स दुनिया भर में चलने लगेंगे तो अब कोई भी कह नहीं सकता कि हम सिर्फ सेवाएं देते हैं। ये सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं, ये हमारी आत्मविश्वास की कहानी है।
Reetika Roy
सितंबर 14 2024इस तरह के बड़े निर्णयों के लिए सरकार को बधाई। अब बस इसे सही तरीके से लागू करने की जरूरत है।
Pritesh KUMAR Choudhury
सितंबर 14 2024मुझे लगता है कि ये एक बड़ा कदम है। अगर हम अपने अपने चिप्स बनाने लगे, तो आयात पर निर्भरता कम होगी।
Mohit Sharda
सितंबर 15 2024मैं बहुत उत्साहित हूँ। भारत के युवाओं के लिए ये एक नया अवसर है। अगर हम इस दिशा में लगातार काम करते रहें, तो ये सिर्फ एक सपना नहीं, एक वास्तविकता बन जाएगी।
Sanjay Bhandari
सितंबर 17 2024ye sab accha hai par kya humare college mei bhi iski training hogi?? koi bata sakta hai??
Mersal Suresh
सितंबर 17 2024सरकार की यह नीति अत्यंत उचित है। हालांकि, इसके लिए अकादमिक संस्थानों में व्यावहारिक अनुसंधान के लिए बुनियादी ढांचे को तुरंत अपग्रेड किया जाना चाहिए। वित्तीय सहायता तो है, लेकिन विशेषज्ञता का अभाव बड़ी समस्या है।
Pal Tourism
सितंबर 19 2024हमारे यहां चिप बनेगी? अरे भाई, पहले बताओ कि हमारे यहां बिजली का स्टेबल आउटपुट है या नहीं? हर दिन लाइट फ्लिकर होती है, अब चिप्स बनाने जा रहे हो? और ये 1.5 लाख करोड़ का बजट? ज्यादातर इसका इस्तेमाल किसी फैक्टरी के नाम पर बर्बाद हो जाएगा।
Sunny Menia
सितंबर 20 2024मैंने अपने दोस्त के साथ बात की, वो IIT बॉम्बे से इलेक्ट्रॉनिक्स में पढ़ रहा है। उसने कहा कि अब कई लैब्स में नए टूल्स आ रहे हैं। ये सिर्फ सरकार का जश्न नहीं, हमारा भी जश्न है।
Abinesh Ak
सितंबर 22 2024अरे यार, एक बार फिर से चिप्स का धमाल? जब हम अपने अपने रास्ते में बैठे हैं, तो दुनिया भर के डिवाइस में भारतीय चिप? बस एक बार देखो कि आज भी हमारे निर्माण के लिए कितने आयातित कंपोनेंट्स आते हैं। ये सब बस एक बड़ा डिजिटल ड्रीम है।
Anish Kashyap
सितंबर 24 2024भारत का ये जश्न हम सबका है दोस्तों। जब तक हम खुद को बदलते रहेंगे, दुनिया हमें बदलेगी। अब बस एक चिप के साथ नहीं, एक पूरी नई पीढ़ी की शुरुआत हो रही है।
Poonguntan Cibi J U
सितंबर 25 2024मैंने इस बारे में सोचा है लंबे समय तक। जब मैंने अपने फोन को खोला तो उसमें चीनी चिप थी। अब भारतीय चिप चाहिए? लेकिन क्या हम अपने बच्चों को भी ऐसा शिक्षा दे पाएंगे? क्या हमारे गांवों में इंटरनेट है? क्या हमारे टीचर्स इस टेक्नोलॉजी को समझते हैं? ये सब कुछ बस एक बड़ा गुम्मट है।
मैं एक टेक्नोलॉजी गुरु हूं, और मैंने देखा है कि जब तक हमारे यहां बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बन जाता, तब तक ये सब नाटक है।
मैंने एक लेख पढ़ा था जिसमें कहा गया था कि भारत में लगभग 70% छात्र इलेक्ट्रॉनिक्स के बारे में बुनियादी जानकारी नहीं रखते। तो फिर ये आठवें देश का नाम कैसे लगेगा?
मैं अपने दोस्त के बेटे के बारे में बात कर रहा हूं, जो 14 साल का है और अभी भी एक बार भी अपने फोन को खोला नहीं है।
ये जो वैश्विक सेमीकंडक्टर सम्मेलन है, उसमें तो बाहरी लोग आ रहे हैं, लेकिन हमारे यहां के लोग अभी भी अपने घरों में बैठे हैं।
ये बजट कहां जा रहा है? जिन लोगों को इसकी जरूरत है, उन्हें तो बिजली का बिल भी नहीं दे पा रहे।
मैं तो सोचता हूं कि अगर हम अपने घरों में बिजली दे दें, तो ये चिप्स खुद बन जाएंगे।
ये सब तो बस एक बड़ा फेक न्यूज है।
मैं अपने दादाजी के साथ बैठकर बात करता हूं, वो कहते हैं कि जब हम खुद को बदलेंगे, तभी दुनिया बदलेगी।
मैं अभी भी ये सोच रहा हूं कि क्या हम अपने आप को बदल पाएंगे?
Vishal Raj
सितंबर 26 2024पूंगुंतान भाई, तुम्हारी बात समझ में आती है। लेकिन जब तक कोई शुरू नहीं करता, तब तक कुछ नहीं होता। हम अभी शुरुआत कर रहे हैं। अगर अब नहीं तो कब?