नेत्र देखभाल: हर दिन आसान कदम से आंखों की रखवाली
क्या आपको अक्सर धुंधला दिखता है या कंप्यूटर स्क्रीन पर देर तक काम करने के बाद आँखें थक जाती हैं? अगर हाँ, तो आप अकेले नहीं हैं। भारत में बहुत सारे लोग वही समस्या झेलते हैं, लेकिन कई बार छोटी‑छोटी आदतों को बदलने से फर्क पड़ जाता है। इस लेख में हम रोज़मर्रा की आसान तकनीकों, घर के किचन में मिल सकने वाले पोषक तत्व और कुछ आयुर्वेदिक उपायों पर चर्चा करेंगे ताकि आप अपनी नेत्र देखभाल खुद कर सकें।
आँखों की दैनिक देखभाल के बेसिक नियम
सबसे पहले, स्क्रीन टाइम को मैनेज करना जरूरी है। 20‑20‑20 नियम अपनाएं: हर 20 मिनट पर स्क्रीन से दूर हटें और 20 फुट (लगभग 6 मीटर) दूर किसी चीज़ को 20 सेकंड तक देखें। यह आंखों की फोकस बदलाव को आराम देता है और मांसपेशियों की थकान घटाता है।
आँखों को सूखा न रहने दें। एसी या हीटेड रूम में हवा बहुत तेज़ चलती है, इसलिए कमरे में ह्यूमिडिफायर रख सकते हैं या बस पानी का एक ग्लास पास रखें। यदि आप लेंस पहनते हैं तो नियमित तौर पर क्लीनिंग सॉल्यूशन से साफ करें और रात को लेंस निकालकर आराम दें।
नींद की गुणवत्ता नेत्र स्वास्थ्य में बड़ी भूमिका निभाती है। कम से कम 7‑8 घंटे की गहरी नींद आँखों की मरम्मत के लिए जरूरी है, इसलिए सोने से पहले मोबाइल या टीवी बंद रखें और कमरे को अंधेरा बनाकर स्लीप एन्हांसमेंट रूटीन अपनाएँ।
सही पोषण: खाने में क्या रखें?
आँखों की रोशनी को बनाए रखने के लिए विटामिन‑ए, सी और ज़िंक बहुत जरूरी हैं। गाजर, शकरकंद, पालक, अंडा और मछली (विशेषकर सैल्मन) इन पोषकों से भरपूर होते हैं। आप एक साधारण सलाद में कद्दूकस किया हुआ गाजर और नींबू का रस मिलाकर ले सकते हैं; इससे विटामिन‑सी की एंटीऑक्सिडेंट प्रभाव बढ़ती है।
ओमेगा‑3 फैटी एसिड भी आँखों के रेटिना को सुरक्षित रखता है। हफ्ते में दो बार तली हुई मछली या अलसी का तेल लेना फायदेमंद रहेगा। यदि आप शाकाहारी हैं तो अखरोट, चिया सीड और सोयाबीन से ओमेगा‑3 प्राप्त कर सकते हैं।
चाय या कॉफ़ी में बहुत ज्यादा कैफ़ीन लेने से आँखों की नमी घट सकती है। इसलिए दिन भर में दो कप तक सीमित रखें और हर कप के साथ एक गिलास पानी पिएँ, यह शरीर को हाइड्रेटेड रखता है।
घरू आयुर्वेदिक उपाय
आंखों की थकान दूर करने के लिए ठंडे खीरे के स्लाइस या गुलाब जल से पैड बनाकर आँखों पर 10‑15 मिनट रखें। खीरा में मौजूद एंटी‑इंफ़्लेमेटरी घटक सूजन कम करते हैं, जबकि गुलाब जल आंखों की पिच को शीतलता देता है।
त्रिफला चाय भी नेत्र देखभाल में मददगार होती है। सुबह खाली पेट त्रिफला का एक कप उबालें और दिन भर में दो बार सेवन करें; यह डिटॉक्सिफ़िकेशन प्रभाव से आंखों के रक्त प्रवाह को सुधारता है।
बेसिक आयुर्वेदिक तेल मालिश भी उपयोगी है। नारियल या सरसों का हल्का गर्म तेल लेकर आँखों के चारों ओर धीरे‑धीरे गोलाकार गति में 2‑3 मिनट मसाज करें, फिर एक कप पानी से धो लें। यह रक्त परिसंचरण बढ़ाता है और तनाव कम करता है।
इन छोटे‑छोटे कदमों को रोज़मर्रा की रूटीन में जोड़ने से आप नेत्र देखभाल पर खर्च करने वाले डॉक्टर के विजिट को घटा सकते हैं। याद रखें, आंखें हमारे सबसे मूल्यवान इंद्रियों में से एक हैं; उनका ख्याल रखना आसान है अगर हम सही जानकारी और साधारण आदतों को अपनाएँ।