भारत दिनभर समाचार

पटना दर्शनीय स्थल – इतिहास, संस्कृति और घूमने के बेहतरीन जगहें

अगर आप बिहार की राजधानी में पहला कदम रख रहे हैं तो जानिए कि पटना सिर्फ सरकारी दफ़्तरों का शहर नहीं है। यहाँ पर कई ऐसी जगहें हैं जहाँ इतिहास, कला और स्थानीय ज़िंदगी एक साथ मिलती है। इस लेख में हम उन प्रमुख आकर्षणों को बताएँगे जो आपकी यात्रा को आसान और रोचक बनाते हैं।

इतिहासिक स्थल

पटना के सबसे पुराने मोती में गोलघर शामिल है, जिसे 1786 में बनाया गया था। यहाँ का घुमावदार रास्ता आपको शहर के पुरानी गलियों की याद दिलाएगा। अगले कदम पर जाएँ पाटलिपुत्र संग्रहालय, जहाँ प्राचीन मगध साम्राज्य के सिक्के और शिलालेख रखे हैं—इतिहास प्रेमी यहाँ कई घंटे बिता सकते हैं। अगर आप किले में रूचि रखते हैं तो हरिहर दरबार देखिए, जहाँ पर राजाओं की कहानियाँ जीवंत होती हैं। इन जगहों के खुलने का समय आमतौर पर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक रहता है और प्रवेश शुल्क बहुत कम होता है।

सांस्कृतिक अनुभव

पटना में संस्कृति का मज़ा लेना आसान है। बाबू साहिब सेंट्रल पार्क एक हरी‑भरी जगह है जहाँ आप सुबह की सैर या शाम के योग क्लास कर सकते हैं। यहाँ से गुजरते समय स्थानीय स्ट्रीट फ़ूड जैसे लिट्टी-चोखा और बनारसी पथर वाले स्नैक्स का स्वाद लेना न भूलें। अगर कला देखना पसंद है तो बिहार राज्य संगीत अकादमी में चल रही कार्यक्रमों की जानकारी पहले से ले लें—क्लासिकल कॉन्सर्ट या स्थानीय नृत्य प्रदर्शन अक्सर होते हैं और टिकट मुफ्त या न्यूनतम कीमत पर मिलते हैं।

ट्रांसपोर्ट भी बहुत सुविधाजनक है। पटना जंक्शन से शहर के सारे प्रमुख स्थान बस, ऑटो या टैक्सी द्वारा 10‑15 मिनट में पहुँचे जा सकते हैं। अगर आप ट्रेन से आ रहे हैं तो पटना रेलवे स्टेशन से बाहर निकलते ही एक छोटा सूचना कियोस्क मिलता है जहाँ स्थानीय ट्रैवल एजेंसियों की सूची होती है। यात्रा के दौरान पानी की बोतल और हल्का स्नैक साथ रखें, क्योंकि कई छोटे‑छोटे मोड़ पर आपको ठंडा पेय या चाय मिलना मुश्किल हो सकता है।

पटना में खरीदारी भी एक अनुभव है। फोरनाइट मार्केट में आप हाथ से बने सिल्क स्कार्फ, जूते और स्थानीय कलाकृतियाँ सस्ते दामों पर पा सकते हैं। यहाँ का माहौल बहुत ही जीवंत रहता है—बाज़ार के कोने‑कोने में संगीत बजता है और दुकानों की आवाज़ें गूँजती रहती हैं। खरीदारी करते समय मोलभाव करना न भूलें, क्योंकि स्थानीय विक्रेता अक्सर उचित दाम पर बातचीत करने को तैयार रहते हैं।

अंत में, अगर आप पटना की यात्रा को पूरी तरह से यादगार बनाना चाहते हैं तो एक छोटा सा योजना बनाएं: पहला दिन इतिहासिक स्थल देखें, दूसरा दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम और स्थानीय भोजन का मज़ा लें, और तीसरा दिन खरीदारी व आराम के साथ अपने सफर को समाप्त करें। इस तरीके से आप पटना की हर झलक को बिना थके देख पाएँगे और यादें हमेशा ताज़ा रहेंगी।

बिहार में BPSC अभियार्थियों का विरोध: क्या हैं परीक्षा प्रणाली में बदलाव के मुद्दे और खान सर की भूमिका?

बिहार में BPSC अभियार्थियों का विरोध: क्या हैं परीक्षा प्रणाली में बदलाव के मुद्दे और खान सर की भूमिका?

पटना में BPSC अभियार्थियों ने परीक्षा प्रणाली में प्रस्तावित बदलावों के खिलाफ प्रदर्शन किए, जिसमें सामान्यीकरण प्रक्रिया को हटाना और सभी छात्रों के लिए एक शिफ्ट में परीक्षा की मांग शामिल है। यूट्यूबर और शिक्षक खान सर प्रदर्शनकारियों के साथ थे और उन्होंने जोर दिया कि प्रदर्शन संवैधानिक हैं। छात्रों ने निष्पक्षता के लिए अपनी मांगें जारी रखी हैं।

और पढ़ें