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तुंगभद्रा बांध के गेट की चेन टूटने से 35,000 क्यूसेक पानी की अचानक नदी में निकासी

तुंगभद्रा बांध के गेट की चेन टूटने से 35,000 क्यूसेक पानी की अचानक नदी में निकासी

तुंगभद्रा बांध की अनहोनी घटना

शनिवार आधी रात को तुंगभद्रा बांध के 19वें गेट की चेन अचानक टूट गई, जिससे 35,000 क्यूसेक पानी नदी में बहने लगा। यह घटना बांध के इतिहास में पिछले 70 वर्षों में पहला प्रमुख मामला है। कर्नाटक के कोप्पल जिले स्थित इस बांध पर तुरंत अधिकारियों ने कार्रवाई की और प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया।

मरम्मत कार्य की चुनौतियां

तुंगभद्रा बांध प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि इस चेन टूटने की घटना के बाद मरम्मत का कार्य काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है। मरम्मत काम केवल उस स्थिति में शुरू हो सकता है जब 60 टीएमसी फुट पानी बांध से छोड़ा जाएगा। इस प्रक्रिया में समय लगेगा और इससे क्षेत्र के अन्य हिस्सों में भी जलस्तर पर असर पड़ेगा।

सार्वजनिक सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियां

सार्वजनिक सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियां

बांध पर इस आपातकालीन स्थिति के कारण प्रशासन ने तुरंत एक्शन लिया और प्रभावित क्षेत्रों में सूचना पहुंचाई। कोप्पल जिले के प्रभारी मंत्री शिवराज तंगड़गी ने रविवार सुबह बांध का दौरा कर स्थिति का आकलन किया। उन्होंने सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए। प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सचेत रहने की सलाह दी गई है।

गेटों से पानी की निकासी

घटना के बाद रविवार सुबह से बांध के सभी 33 गेटों से पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे एक लाख क्यूसेक पानी अब तक नदी में छोड़ा गया है। इसके चलते नदी के जीर्ण-शीर्ण स्थिति में सुधार हो सकता है, लेकिन आस-पास के इलाकों में भी जलमग्न स्थिति बन सकती है।

पर्यावरण और सामाजिक प्रभाव

पर्यावरण और सामाजिक प्रभाव

तुंगभद्रा नदी में इस अचानक बाढ़ की स्थिति के चलते निकटवर्ती क्षेत्रों के नागरिकों को सावधानी बरतनी होगी। पर्यावरण पर भी इसका व्यापक प्रभाव पड़ सकता है। जल जीवन और निकटवर्ती कृषि क्षेत्र को क्षति हो सकती है। राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन इस स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास में तत्पर हैं।

बांध का इतिहास और संरचना

तुंगभद्रा बांध का निर्माण 1953 में पूरा हुआ था और यह 33 गेट वाले बांध के रूप में प्रसिद्ध है। यह बांध तुंगभद्रा नदी पर स्थापित है और इसका प्राथमिक उद्देश्य सिंचाई और जल आपूर्ति के लिए जल संसाधनों का प्रबंधन करना है।

स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया

इस घटना के चलते स्थानीय समुदाय में भय और चिंता का माहौल व्याप्त हो गया है। प्रशासन द्वारा सुरक्षा के सभी उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन जल स्तर में वृद्धि से उन्हें पूरी सतर्कता बरतनी होगी।

इस आपदाजनक स्थिति में स्थानीय लोगों को प्रशासन का सहयोग करना महत्वपूर्ण होगा ताकि इस संकट का सामना आसानी से किया जा सके और सभी की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

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तुंगभद्रा बांध के 19वें गेट की चेन शनिवार आधी रात को टूट गई, जिससे 35,000 क्यूसेक पानी की अचानक नदी में बहाव हो गया। यह घटना 70 वर्षों में पहली बड़ी घटना है। अधिकारियों के अनुसार, मरम्मत का कार्य केवल 60 टीएमसी फुट पानी छोड़ने के बाद ही शुरू हो सकता है।

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