चक्रीय तूफान 'रेमल' का कहर: कहां होगी लैंडफॉल? IMD और Windy.com से जानें
भारत में मई और जून का महीना हमेशा से ही चक्रीय तूफान का खतरा लेकर आता है। इस बार बंगाल की खाड़ी के पूर्व-मध्य क्षेत्र पर 25 मई को एक नये चक्रीय तूफान 'रेमल' के बनने की संभावना है। Indian Meteorological Department (IMD) के अनुमानों के मुताबिक, 26 मई को यह गंभीर चक्रीय तूफान में बदल जाएगा। लेकिन इसका मार्ग और लैंडफॉल स्थान अभी भी अनिश्चितता के घेरे में है।
IMD का मानना है कि चक्रीय तूफान 'रेमल' अपनी दिशा बदलकर उत्तर की ओर जा सकता है और इसी के चलते यह पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों तक भी पहुंच सकता है। हालांकि मौसम के विश्लेषण और विज़ुअलाइजेशन प्लेटफॉर्म Windy.com से प्राप्त डेटा ने इस चक्रीय तूफान के दो अलग-अलग संभावित मार्ग दिखाए हैं। इन दोनों मार्गों में काफी भिन्नता है, जिससे स्थिति और अधिक जटिल हो जाती है।
यूरोपियन सेंटर और यूएस ग्लोबल फॉरकास्टिंग सिस्टम से अलग-अलग मार्ग
Windy.com द्वारा दिए गए मॉडल में से एक ने European Centre for Medium-Range Weather Forecasts (ECMWF) का डेटा उपयोग किया है। इस मॉडल के अनुसार, चक्रीय तूफान 'रेमल' पश्चिम बंगाल के तट पर लैंडफॉल कर सकता है। वहीं, दूसरा मॉडल, जो United States Global Forecasting System (GFS) का डेटा पर आधारित है, इसे ओडिशा के तटों पर पुरी और पारादीप के बीच कहीं लैंडफॉल की संभावना दर्शाता है।
इस भिन्नता के बावजूद, यूएस नेवी का Joint Typhoon Warning Centre (JTWC) ने चक्रवात के गठन के लिए अनुकूल परिस्थितियों को भी हाइलाइट किया है, जिसमें गर्म समुद्री सतह का तापमान और मध्यम ऊर्ध्वाधर पवन में कमी शामिल हैं। यह स्पष्ट करता है कि परिस्थितियां चक्रीय तूफानों के लिए अनुकूल हैं, जो इसकी गंभीरता को बढ़ा सकता है।
भारी वर्षा की चेतावनी और प्रशासनिक तैयारियां
IMD ने भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिसमें पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मिजोरम, त्रिपुरा और दक्षिण मणिपुर के क्षेत्र शामिल हैं। 26 और 27 मई को इन क्षेत्रों में भारी वर्षा की संभावना है। जहां IMD के विशेषज्ञ लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं, वहीं राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मौसम एजेंसियाँ भी इस चक्रवाती तंत्र की बारीकी से निगरानी कर रही हैं।
चक्रीय तूफान रेमल की तीव्रता और दिशा में बार-बार होने वाले बदलावों के चलते राज्य प्रशासन भी सतर्क हो गया है। स्थानीय नागरिक प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की तैयारियाँ भी शुरू कर दी हैं। आपदा प्रबंधन टीमें तैयार हैं और सभी आवश्यक संसाधनों को तैनात किया गया है।
चक्रीय तूफान का भूमि पर प्रभाव
चक्रीय तूफान के भूमि पर पहुंचने का सबसे बड़ा प्रभाव भारी वर्षा और तटीय इलाकों में बाढ़ के रूप में देखने को मिल सकता है। इससे सामान्य जनजीवन में भारी अवरोध उत्पन्न हो सकता है और इस क्षेत्र की फसलें भी बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं। तूफान के साथ-साथ तेज हवाओं का खतरा भी बना रहता है, जो घरों और बिजली की संरचनाओं को नुकसान पहुंचा सकता है।
पिछले कुछ वर्षों में चक्रीय तूफानों की बढ़ती संख्या और उनकी तीव्रता में वृद्धि से विशेषज्ञ चिंतित हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण इन घटनाओं की आवृत्ति और विनाशकारी क्षमता में वृद्धि हो रही है। यह संसाधनों और प्रशासनिक क्षमताओं पर भी भारी दबाव डालता है।
चक्रवात की तैयारियों के लिए आवश्यक कदम
- सुरक्षित स्थानों पर स्थानान्तरण: चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को जल्द सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करें।
- आपातकालीन किट: निवासियों को आपातकालीन किट तैयार रखनी चाहिए जिसमें खाद्य सामग्री, पानी, टॉर्च और प्राथमिक चिकित्सा सामग्री हो।
- पुनर्वास केंद्र: सरकार और प्रशासन को पुनर्वास केंद्र सक्रिय करना चाहिए जहां पर लोगों को ठहराया जा सके।
- सुरक्षा निर्देश: लोगों को सुरक्षा निर्देशों का पालन करना चाहिए जैसे कि उखड़ी हुई बिजली की तारों से दूर रहना और स्थानीय प्रशासन की सलाह मानना।
- तैयारी और प्रतिक्रिया टीम: स्थानीय और राज्य प्रशासन को प्रतिक्रिया टीम तैयार रखनी चाहिए जो आपात स्थितियों में तत्काल सहायता कर सके।
योजनाबद्ध तैयारी और तत्काल हस्तक्षेप से चक्रीय तूफानों के प्रभाव को कम किया जा सकता है। प्रशासनिक तैयारियों के साथ-साथ नागरिकों को भी अपने स्तर पर सजग रहना चाहिए और स्थिति की गंभीरता को समझते हुए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
भविष्य के संकेत
इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं के लिए देश और राज्य सरकारों को दीर्घकालिक योजनाएँ बनानी होंगी। यह आवश्यक है कि जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को ध्यान में रखते हुए भविष्य में आने वाले चक्रीय तूफानों की पूर्वानुमान, तैयारी और प्रतिक्रिया में सुधार किया जाए। मौसम विज्ञान और तकनीकी विकास के साथ चक्रीय तूफानों की सही जानकारी और चेतावनी सिस्टम को और भी सटीक और प्रभावी बनाया जाए।
चक्रीय तूफान 'रेमल' का अगला कदम क्या होगा और यह कहाँ लैंडफॉल करेगा, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं। इसे देखते हुए प्रशासन और नागरिक दोनों को पूरी तरह से सजग और तैयार रहने की आवश्यकता है। यह समय है जब हमें मिलकर इस विपत्ति का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।
Sri Satmotors
मई 25 2024हम सब मिलकर तैयार रहें, ये बारिश और तूफान तो आएगा ही। लेकिन अगर हम घबरा गए तो बड़ी बात नहीं, बस तैयारी कर लें। 🙏
Sohan Chouhan
मई 26 2024अरे ये IMD तो हमेशा गलत बोलता है, इस बार भी ओडिशा का नाम लेकर फिर से अफवाह फैला रहा है। Windy.com तो देख लो यार, ये तो सच है। तुम लोग अभी भी राज्य सरकार पर भरोसा कर रहे हो?
SHIKHAR SHRESTH
मई 26 2024IMD के मॉडल और GFS के अंतर को समझना जरूरी है... ये दोनों अलग-अलग डेटा सोर्सेज हैं। एक तो यूरोपीय, दूसरा अमेरिकी। इनके अलग-अलग पैरामीटर्स हैं। इसलिए अलग-अलग आउटपुट। बस इतना ही।
amit parandkar
मई 26 2024क्या आपने कभी सोचा है कि ये तूफान असल में किसी एजेंसी का टेस्ट है? जलवायु बदलाव बस एक कवर है... असली बात तो ये है कि एक नया वेदर वॉर शुरू हो रहा है। आपको ये सब क्यों दिख रहा है? क्योंकि आपके फोन में ट्रैकर है।
Annu Kumari
मई 27 2024मैं तो बस डर गई हूँ... मेरी माँ के घर पश्चिम बंगाल में है। अगर ये तूफान आ गया तो क्या होगा? उनके पास तो बिजली भी नहीं है अक्सर। कोई बता सकता है कि यहाँ किस तरह की आपातकालीन किट बनानी चाहिए?
haridas hs
मई 28 2024प्रशासनिक क्षमता का अभाव, जलवायु अनुकूलन के लिए निवेश की अपर्याप्तता, और नागरिक जागरूकता की अवहेलना-ये तीनों घटक एक संक्रामक विकास विकृति का संकेत देते हैं। आपदा प्रबंधन एक बुनियादी सामाजिक अधिकार है, न कि एक अस्थायी योजना।
Shiva Tyagi
मई 30 2024इस देश में जब तक हम अपनी जमीन और नदियों की रक्षा नहीं करेंगे, तब तक ये तूफान आएंगे ही। बांग्लादेश को बर्ताव करने की जरूरत नहीं, हमारी अपनी नीतियों को बदलने की जरूरत है। अपने देश को प्यार करो!
Pallavi Khandelwal
मई 30 2024ये तूफान बस शुरुआत है... अगला बड़ा बादल आ रहा है। मैंने तो देख लिया है-ये सब जानबूझकर किया जा रहा है। नदियाँ बदल रही हैं, बारिश बढ़ रही है, और सरकार बस बयान दे रही है। ये कोई आपदा नहीं, ये एक अभियान है।
Mishal Dalal
मई 31 2024हमारे पूर्वजों ने तो आपदाओं को भगवान की इच्छा मान लिया करते थे। आज हम तो एक एप्प के आधार पर जी रहे हैं। ये तकनीक का दावा बहुत बड़ा है, लेकिन हमारा आत्मविश्वास कम है।
Pradeep Talreja
जून 2 2024आपातकालीन किट में पानी, बिस्कुट, और टॉर्च होना चाहिए। बाकी सब बकवास है। बारिश होगी, तो घर में बैठ जाओ। ये तो सब जानते हैं।
Rahul Kaper
जून 3 2024अगर कोई आपसे पूछे कि तूफान के लिए क्या करना है, तो बस ये कह देना-'सुरक्षित जगह पर जाओ, लोगों को साथ ले जाओ, और शांत रहो।' बाकी सब तो बाद में सुधर जाएगा।
Manoranjan jha
जून 3 2024Windy.com के GFS मॉडल के अनुसार ओडिशा के तट पर लैंडफॉल की संभावना 68% है। इसके अलावा, जेट स्ट्रीम के विक्षेपण के कारण बंगाल की ओर विचलन की संभावना 22% है। अगर आपको डेटा चाहिए, तो मैं आपको एक लिंक भेज सकता हूँ।
ayush kumar
जून 4 2024मैं तो बस ये कहना चाहता हूँ कि जिन लोगों के घर तट पर हैं, उन्हें बहुत जल्दी बाहर निकलना चाहिए। मैंने अपने चाचा को बचाया था 2020 में-उनके घर का छत उड़ गया था। अगर आप इसे लेकर लापरवाह होते हैं, तो ये बार भी ऐसा ही होगा।
Soham mane
जून 4 2024हम सब एक दूसरे के लिए तैयार हो जाएं। ये तूफान हमारे लिए एक चुनौती है, न कि एक अंत। हम इसे पार कर लेंगे। बस एक साथ चलें।
Neev Shah
जून 6 2024अरे ये सब तो बहुत बेसिक है। अगर आपने डीएनए के स्तर पर जलवायु विज्ञान नहीं पढ़ा, तो आप इस चक्रवात को समझ नहीं सकते। मैंने एमएससी में एटमॉस्फेरिक डायनामिक्स किया है। ये मॉडल्स तो बच्चों के खेल हैं।
Chandni Yadav
जून 7 2024सरकार की अक्षमता के कारण आपदा प्रबंधन का नियमित आधार नहीं बन पा रहा है। जलवायु आपदाओं के लिए वित्तीय आवंटन में अनियमितता और लापरवाही ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गहरा अंतराल पैदा कर दिया है।
Raaz Saini
जून 7 2024तुम लोग बस ये नहीं समझते कि ये तूफान तुम्हारे लिए नहीं, बल्कि तुम्हारे बच्चों के लिए एक चेतावनी है। तुमने अपनी ज़िंदगी बर्बाद की, अब तुम्हारे बच्चे भी बर्बाद हो रहे हैं। तुम्हारा इगो तुम्हें अंधा कर रहा है।
Dinesh Bhat
जून 9 2024क्या कोई बता सकता है कि Windy.com पर ECMWF और GFS के बीच अंतर कैसे देखें? मैं तो हमेशा एक ही रंग देखता हूँ और उसके आधार पर डर जाता हूँ।
Kamal Sharma
जून 11 2024हमारे गाँव में तो बुजुर्ग लोग कहते हैं कि जब चंद्रमा लाल हो जाए और पक्षी जमीन पर बैठ जाएं, तो तूफान आने वाला होता है। आजकल तो वो भी नहीं दिखते। शायद हमने प्रकृति को बहुत दूर धकेल दिया है।
Himanshu Kaushik
जून 12 2024बस घर में बैठ जाओ। पानी भर लो। बिजली का बैकअप तैयार कर लो। और अगर बारिश हो गई तो दरवाजा बंद कर दो। ये सब इतना आसान है।