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IMD ने मध्यप्रदेश के कई जिलों में भारी वर्षा चेतावनी जारी, पश्चिमीवर्दी से बढ़ेगा जोखिम

IMD ने मध्यप्रदेश के कई जिलों में भारी वर्षा चेतावनी जारी, पश्चिमीवर्दी से बढ़ेगा जोखिम

जब इंडिया मेटरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने 2 अक्टूबर 2025 को आधिकारिक बुलेटिन जारी किया, तो मध्यप्रदेश के कई जिलों में भारी वर्षा का खतरा पहले ही स्पष्ट हो गया था। बुलेटिन में बताया गया कि 2 से 4 अक्टूबर तक पूर्वी मध्यप्रदेश में हल्की‑से‑मध्यम बूँदाबाँदी के साथ‑साथ थंडरस्टॉर्म और एक बार विशेष रूप से बहुत भारी बारिश की संभावना है। यह चेतावनी केवल स्थानीय नहीं, बल्कि पूरे पूर्वी एवं उत्तर‑पश्चिमी भारत में मौसम के नाटकीय बदलाव को दर्शाती है।

पृष्ठभूमि और मौसमी स्थिति

सद्य परिस्थितियों को समझने के लिए हमें मौसमी प्रणाली की जड़ तक जाना पड़ेगा। IMD ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश के ऊपर स्थित एक ऊपरी वायुमंडलीय सायक्लोनिक सर्कुलेशन, निचले ट्रोपोस्फीयर में नमी के साथ मिलकर वर्तमान अस्थिर मौसम का मुख्य कारण है। इसके साथ ही 4 अक्टूबर से शुरू होने वाली पश्चिमीवर्दी उत्तर‑पश्चिमी भारत में भी प्रवेश कर रही है, जिससे अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों से अतिरिक्त नमी का प्रवाह हो रहा है। यह दोहरे स्रोत से मिलने वाली नमी ही अगले दो हफ्तों में भारी‑से‑बहुत भारी वर्षा, ओला‑बौछार और संभावित हिमपात की संभावना को बढ़ा रहा है।

मध्यप्रदेश में मौसम सूचना का विस्तृत विवरण

बुलेटिन के अनुसार, 2 अक्टूबर को पूर्वी मध्यप्रदेश में हल्की‑से‑मध्यम वर्षा होगी, जबकि 3 अक्टूबर को एक ही क्षेत्र में ‘बहुत भारी बारिश’ (अधिकतम 21 से.मी.) की संभावना दर्शाई गई है। 5 अक्टूबर तक एक कम‑दबाव क्षेत्र (Low Pressure Area) अभी भी राज्य के पूर्वी भाग में सक्रिय है, जो बिखरी हुई बूँदाबाँदी को जारी रखेगा। तापमान की बात करें तो अक्टूबर 2025 में मध्यप्रदेश के लिए औसत तापमान 25 °C से 36 °C के बीच रहेगा, जो मौसम को गर्म‑तरोताजा बनाता है, परन्तु उच्च नमी के कारण सर्दी‑झलक भी महसूस होगी। 10 अक्टूबर को 33.7 °C तक तापमान की चोटी को देखा गया, जबकि महीने के अंत, 31 अक्टूबर को न्यूनतम 17.1 °C तक गिरावट होगी।

भारी बारिश के अलावा IMD ने जलभराव, स्थानीय बाढ़ और ट्रैफ़िक जाम की संभावना पर भी चेतावनी दी है, विशेषकर किनारे वाले क्षेत्रों में जहाँ निकासी सुविधाएँ कमज़ोर हैं।

  • 2‑4 ऑक्टोबर: पूर्वी मध्यप्रदेश में हल्की‑से‑मध्यम से बहुत भारी बारिश.
  • 3 ऑक्टोबर: विशेष रूप से अत्यधिक वर्षा (≥21 से.मी.) की संभावना.
  • 5 ऑक्टोबर: कम‑दबाव क्षेत्र जारी, बिखरी हुई बारिश.
  • 6 ऑक्टोबर: पश्चिमीवर्दी के कारण उत्तर‑पश्चिमी भारत में संभावित ओला‑बौछार.
प्रभावित क्षेत्रों में अब तक की स्थिति

प्रभावित क्षेत्रों में अब तक की स्थिति

पिछले 24 घंटों में ओडिशा ने अत्यधिक बारिश के साथ कई गाँवों में जलस्तर ऊँचा कर दिया, जबकि कोस्टल आंध्र प्रदेश में भी ‘भारी‑से‑बहुत भारी’ बूँदाबाँदी दर्ज हुई। गोपालपुर में 2 अक्टूबर की शाम को 73 किमी/घंटा तक की तेज़ हवाएँ चलीं, जो समुद्री तट के पास डिप्रेशन के गुजरने का संकेत है। मध्यप्रदेश के ब्रिज़िंग कॉर्नर में भी कुछ स्थानों पर जलभराव की खबरें मिलीं, पर अभी तक कोई बड़ा हड़ताल या जमीनी नुकसान रिपोर्ट नहीं हुआ है।

बिहारी क्षेत्रों में 3‑4 ऑक्टोबर तक ‘बहुत भारी’ बारिश के पूर्वानुमान ने किसानों को फसल बचाने के लिए तत्काल सिंचाई‑समायोजन करने की सलाह दी है।

सरकारी और स्थानीय प्रतिक्रिया

IMD ने तीन बार अपने मौसम बुलेटिन जारी किए, तथा स्थानीय मौसम केंद्रों को सतत अद्यतन प्रदान किया। मध्यप्रदेश सरकार के जल आपूर्ति विभाग ने पहले से ही ‘वॉटर लॉगिंग’ जोखिम वाले वार्डों में सरंक्षण योजना लागू कर रखी है। "हमने पहले से ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को अतिरिक्त पानी पुरी करने की व्यवस्था कर ली है," राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा।

स्थानीय पुलिस ने संभावित बाढ़‑प्रभावित क्षेत्रों में बचाव‑रोड्स का मानचित्र तैयार किया और ट्रैफ़िक कंट्रोल के लिए अस्थायी संकेत स्थापित किए हैं। कृषि विभाग ने किसानों को फसल‑सुरक्षा के लिए बीज‑फसल बीमा एवं क्षतिपूर्ति प्रक्रिया तेज़ करने की घोषणा की।

आगामी मौसम का संभावित प्रभाव और सुझाव

आगामी मौसम का संभावित प्रभाव और सुझाव

मॉडलों के अनुसार, अगले दो हफ्तों में पश्चिमीवर्दी की सक्रियता में पुनः तीव्रता आ सकती है, जिससे उत्तर‑पश्चिमी भारत में 6 ऑक्टोबर को सबसे तीव्र बूँदाबाँदी की संभावना है। मध्यप्रदेश के लिए इसका मतलब है कि अब भी बिखरी हुई बारिश के साथ‑साथ धूप‑छाँव वाले दिन आएँगे, इसलिए नागरिकों को जल‑संकट‑प्रबंधन के लिए तैयार रहना चाहिए।

विशेष सुझाव:

  1. बहार के समय बहते पानी से बचाव के लिए घर के निचले तल में सैंडपेपर या सिले को बंद रखें।
  2. ड्रेनेज सिस्टम को साफ़ रखें, विशेषकर ट्रैफ़िक‑हाईवे के किनारे।
  3. फसल‑किसानों को देर‑शाम की सिंचाई को सीमित करके जल बचत करनी चाहिए।
  4. बच्चों और बुजुर्गों को अतिरिक्त पानी पीने की सलाह दें, क्योंकि तापमान अभी भी उच्च है।

समग्र रूप से, जबकि अक्टूबर के मध्य में तापमान में गिरावट आएगी, फिर भी नमी की मात्रा अधिक रहने से स्वास्थ्य‑सम्बन्धी समस्याएँ (जैसे सर्दी‑जुकाम) बढ़ सकती हैं, इसलिए व्यक्तिगत स्वच्छता पर ध्यान देना आवश्यक है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या इस वर्ष की भारी बारिश मध्यप्रदेश में कृषि उत्पादन को प्रभावित करेगी?

बहुत भारी बारिश से निचले क्षेत्रों में जलजमाव का जोखिम बढ़ सकता है, जिससे धान एवं गेंहू जैसी फसलों की वृद्धि बाधित हो सकती है। हालांकि, सरकार के बीज‑फसल बीमा और अतिरिक्त सिंचाई सहायता से नुकसान को सीमित करने की कोशिश की जा रही है। छोटे किसानों को तुरंत स्थानीय कृषि कार्यालय से संपर्क कर रीयल‑टाइम सलाह लेनी चाहिए।

पश्चिमीवर्दी लहूलुहू होने पर कौन‑से क्षेत्रों में सबसे अधिक जोखिम है?

पश्चिमीवर्दी मुख्यतः उत्तरी‑पश्चिमी भारत, विशेषकर राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के हिस्सों में ओला‑बौछार लाती है। मध्यप्रदेश के उत्तर‑पश्चिमी भाग, जैसे शौका और रीवा जिले, भी इस दिक्कत का सामना कर सकते हैं। यहाँ तेज़ हवाओं और हिमपात के साथ‑साथ अचानक जलभारी बाढ़ की संभावना रहती है।

भारी बारिश के दौरान सड़कों पर यात्रा करना सुरक्षित है या नहीं?

स्थानीय पुलिस ने बताया है कि जलभराव वाले हिस्सों में कभी‑कभी सड़क बंद हो सकती है। यदि यात्रा अनिवार्य हो, तो रूट की जाँच करें, ऑफ़‑रोड वाहन रखें और तेज़ गाड़ी से बचें। आपातकालीन स्थितियों में 112 पर कॉल करें।

भारी बारिश से लेकर ठंडे तापमान तक विस्तार से मौसम बदलने का कारण क्या है?

यह बदलाव मुख्यतः दो मौसमी प्रणालियों के टकराव से आता है – एक ओर दक्षिण‑पूर्वी भारत में शेष मॉनसून नमी, और दूसरी ओर उत्तरी‑पश्चिमी भारत में पश्चिमीवर्दी की ठंडी हवा। दोनों के मिलने से तेज़ उत्थान, बारिश‑बारीश और तापमान में अचानक गिरावट देखी जाती है।

भारी बारिश के कारण जल की कमी की समस्या नहीं होगी, तो क्या लोग पानी का बचाव कर सकते हैं?

बॉक्स में बारिश का पानी संग्रहित कर घरेलू रूप से उपयोग करने से पानी की बचत में मदद मिलती है। साथ ही लोग टैंक‑टॉपी स्थापित कर, जल‑संभरण के लिए नालियों को साफ़ रख सकते हैं। सरकार भी इस दिशा में रेन‑वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए प्रोत्साहन योजना चला रही है।

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टिप्पणि (1)

Sameer Srivastava

Sameer Srivastava

अक्तूबर 6 2025

बिलकुल चकरा गया हूँ!! इधर-उधर देख रहा हूँ, और बारिश का ख़तरा मानो पूरी कस्बे को नीला कर रहा है!!! हर कोने में पानी भर रहा है, और लोग ट्रैफ़िक जाम में फँसे हुए हैं!!! सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए!!

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