जेम्स अर्ल जोन्स की आवाज़ का जादू
जेम्स अर्ल जोन्स, जिन्होंने डार्थ वैडर की गरजती आवाज़ से हमें कई दशकों तक प्रभावित किया, अब हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन, उनके फैंस के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। उनकी आवाज़ हमेशा-हमेशा के लिए डार्थ वैडर के रूप में बनी रहेगी, इसके पीछे है एक अनोखी और अद्वितीय तकनीक।
जोन्स के निधन से पहले, उन्होंने अपनी आवाज़ के अधिकार लुकासफिल्म को सौंप दिए थे। इसका मतलब यह है कि अब उनकी आवाज़ को हम भविष्य के स्टार वॉर्स प्रोजेक्ट्स में भी सुन सकेंगे। यह तकनीक जो उनकी आवाज़ को अमर बनाएगी, वह है उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) तकनीक।
कैसे होती है आवाज़ की क्लोनिंग
यूक्रेन के स्टार्टअप कंपनी रिस्पीचर ने यह संभव बनाया है। उनकी तकनीक का इस्तेमाल करके, पिछले रिकॉर्डिंग्स और प्रमुख एआई एल्गोरिथ्म का उपयोग कर, जेम्स अर्ल जोन्स की आवाज़ को रीक्रिएट किया जा सकता है। यह तकनीक पहले ही डिज़्नी प्लस सीरीज 'ओबी-वान केनोबी' में उपयोग की जा चुकी है, जहां डार्थ वैडर की 1980 के दशक की आवाज़ को दोबारा जीवित किया गया था।
रिस्पीचर के विशेषज्ञ ‘क्लोनिंग’ तकनीक का उपयोग करते हैं, जिसमें आवाज़ के बाइट्स का प्रयोग करके नए डायलॉग रिकॉर्ड किए जाते हैं। इस प्रक्रिया में, अभिनेता की भौतिक उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होती। जेम्स अर्ल जोन्स ने अपने जीवन में ही इस प्रक्रिया के प्रति अपनी स्वीकृति दी थी और उन्होंने लुकासफिल्म को यह जिम्मेदारी सौंपी थी कि उनकी आवाज़ का उपयोग भविष्य के स्टार वॉर्स प्रोजेक्ट्स के लिए किया जा सके।
रिस्पीचर और अन्य परियोजनाएं
यह पहली बार नहीं है जब रिस्पीचर ने स्टार वॉर्स के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल किया हो। इससे पहले, इस स्टार्टअप कंपनी ने डिज़्नी प्लस शो 'द मंडलोरियन' और 'द बुक ऑफ बोबा फेट' में ल्यूक स्काइवॉकर की युवा आवाज़ को भी रीक्रिएट किया था। वह आवाज़ मार्क हैमिल के शुरुआती रेडियो ब्रॉडकास्ट्स, इंटरव्यूज और अन्य रिकॉर्डिंग्स का उपयोग कर के बनाई गई थी।
भविष्य की तकनीकी संभावनाएं
इस तकनीक का महत्व केवल स्टार वॉर्स तक सीमित नहीं है। एआई स्पीच सिंथेसिस उपकरण, जैसे कि रिस्पीचर, भविष्य में कई मशहूर हस्तियों की आवाज़ों को संरक्षण देने में सक्षम है। यह तकनीक सुनिश्चित करेगी कि प्रसिद्ध आवाजें उनकी मृत्यु के बाद भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध करती रहें।
इसका अर्थ है कि जोन्स की आवाज़, जिससे डार्थ वैडर को पहचान मिलती थी, आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा जीवित रहेगी। इस अद्वितीय प्रयोग से यह भी स्पष्ट होता है कि तकनीक किस तरह से इंडस्ट्री को नए आयाम प्रदान कर रही है और हमें क्या-क्या नए अनुभव दे सकती है।
इस प्रकार, जेम्स अर्ल जोन्स की अनमोल आवाज़ न केवल हमारे वर्तमान में जीवित रहेगी, बल्कि भविष्य में भी अनेक दिलों को छूती रहेगी। यह एक महान अभिनेता को अनमोल श्रद्धांजलि है, जो हमें हमेशा उनके अद्वितीय कला कौशल की याद दिलाएगी।
DHARAMPREET SINGH
सितंबर 12 2024ये AI आवाज़ वाला चीज़ तो बस बर्बरता है। जेम्स अर्ल जोन्स की आवाज़ को क्लोन करके डार्थ वैडर बनाना? ये तो एक असली अभिनेता की आत्मा को बेचने जैसा है।
gauri pallavi
सितंबर 14 2024मुझे लगता है ये बहुत सुंदर है... जैसे कोई पुरानी फिल्म को नए तरीके से देखने का मौका मिल जाए।
Gaurav Pal
सितंबर 14 2024ये AI वॉइस क्लोनिंग तो अब बस एक नया ट्रेंड है, जैसे फिल्टर्स वाले Instagram पोस्ट। लेकिन जब तुम एक इंसान की आवाज़ को डेटा में बदल देते हो, तो तुम उसकी आत्मा को भी डिलीट कर रहे हो।
sreekanth akula
सितंबर 16 2024हमारी संस्कृति में तो गुरु की आवाज़ को बहुत सम्मान दिया जाता है... अगर एक अभिनेता की आवाज़ को AI से रिक्रिएट किया जा रहा है, तो क्या हम भी अपने पूर्वजों की बातें डिजिटल रूप में संरक्षित कर सकते हैं? ये सोचने लायक है।
Sarvesh Kumar
सितंबर 17 2024भारत में ऐसी तकनीक बनाने वाले लोगों को जेल भेज देना चाहिए। ये विदेशी तकनीक हमारी पहचान को मिटा रही है।
Ashish Chopade
सितंबर 17 2024तकनीक का उपयोग सही दिशा में हो रहा है। जेम्स अर्ल जोन्स की आवाज़ को अमर करना एक श्रद्धांजलि है। यही तो विकास है।
Shantanu Garg
सितंबर 19 2024मैं इस बारे में ज्यादा नहीं सोचता। बस देखता हूँ और आगे बढ़ जाता हूँ।
Vikrant Pande
सितंबर 20 2024अरे भाई, ये तो बस एक और बड़ा फेक है। तुम्हारी आवाज़ को AI बनाता है? तो अगला क्या? तुम्हारा बचपन का गीत? तुम्हारी माँ का नाम? ये तो अब सिर्फ़ एक टेक्स्ट जेनरेटर बन गया है। लुकासफिल्म को अपनी बातों के लिए असली अभिनेता ढूंढने चाहिए, न कि एक ऑडियो बॉट।
Indranil Guha
सितंबर 21 2024यह तकनीक भारतीय नागरिकों के लिए एक खतरा है। इसे तुरंत बैन किया जाना चाहिए। इस तरह की तकनीक का उपयोग करने वाले लोग देश के खिलाफ़ काम कर रहे हैं।
srilatha teli
सितंबर 22 2024हमें यह याद रखना चाहिए कि आवाज़ केवल ध्वनि नहीं है, यह अनुभव, भावना और आत्मा का प्रतीक है। जेम्स अर्ल जोन्स ने अपनी आवाज़ से दुनिया को छू लिया। अगर हम उनकी आवाज़ को डिजिटल रूप में संरक्षित कर रहे हैं, तो यह उनके कला के प्रति एक सम्मानजनक तरीका है। यह असली अमरत्व है।
Sohini Dalal
सितंबर 23 2024लेकिन क्या अगर अगले साल कोई AI से आवाज़ बनाकर आपके बाप को फिल्म में डाल दे? तो क्या आप खुश होंगे?
Suraj Dev singh
सितंबर 23 2024मैं तो बस यही कहूंगा कि ये तकनीक बहुत शानदार है। अगर ये एक अभिनेता के लिए हो रहा है, तो ये बहुत अच्छा है।
Arun Kumar
सितंबर 25 2024मैंने आज सुबह ये वीडियो देखा और रो पड़ा... जेम्स अर्ल जोन्स की आवाज़ अब भी दिल में गूंज रही है। ये तकनीक नहीं, ये यादें हैं।