पूजा विधि: आसान कदम और सही रास्ता
घर में या मंदिर में पूजा करने का तरीका सबके लिए एक जैसा नहीं लगता, पर कुछ बेसिक चीजें होती हैं जो हर पूजा में शामिल होती हैं। अगर आप नहीं जानते कि कहाँ से शुरू करें, तो ये गाइड फॉलो करो, बस कुछ मिनटों में सब समझ में आ जाएगा।
पूजा की तैयारी
सबसे पहले साफ़-सफाई पर ध्यान दो। फर्श, मांडप और अल्टर को झाड़ू और कपड़े से पोंछो। साफ जगह में ही ऊर्जा ठीक से बहीगी। फिर जरूरी चीजें लाओ – धूप, दीपक, अगरबत्ती, पान, फूल, चावल और पवित्र जल। अगर आपके पास सुगंधित धूप नहीं है, तो हल्का धुंधला तेल भी चल सकता है।
अगला काम है देवता का चित्र या मूर्ति सेट करना। इसमें रानाहट चाहिए नहीं, बस सही दिशा देख लो – आमतौर पर पूर्व या पूर्वोत्तर दिशा सबसे बेहतर मानी जाती है। फिर हाथ में एक छोटा पान लेकर इत्र लगाओ, इससे माहौल पवित्र रहेगा।
पूजा के प्रमुख चरण
अब शुरू करो मुख्य पूजा। पहले दीपक जलाओ और धूप या अगरबत्ती डालो। फिर दो आँचल (एक हाथ से भगवान को नमन करो, दूसरा हाथ से जल/धूप चढ़ाओ)। इसके बाद पंचामृत (दूध, दही, शहद, गीला, शर्करा) से अभिषेक करो, अगर आपके पास नहीं है तो जल और दही भी चल सकता है।
फूल चढ़ाओ, फिर नारियल तोड़ो और उसे पूजा के आगे रखो। इस दौरान भगवान के नाम लेकर मंत्र जपें – “ॐ जय गणेशाय” से शुरू करो और फिर मुख्य देवता के मंत्र दोहराओ। अगर आप नहीं जानते तो सरल “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ निकुंजमंत्र” भी काम चल जाएगा।
आखिर में प्रसाद तैयार करो – एक छोटी थाली में लड्डू, चावल, मिठाई रख दो। इसे भगवान को चढ़ाओ और फिर घर वालों को बाँट दो। प्रसाद को हाथ में लेकर “भगवान का शरण लेते हैं, शांति मिले” कहें।
पूजा खत्म होने के बाद अल्टर को फिर से साफ़ करो, दीपक बुझा दो और धूप/अगरबत्ती का धुआँ हटाओ। कुछ देर बैठकर शांति से ध्यान लगाओ, इससे पूजा का असर बढ़ेगा।
अगर पहली बार कर रहे हो तो छोटा सा टाइम सेट करो – 10‑15 मिनट में पूरी प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए। धीरे‑धीरे समय बढ़ाओ, अधिक समय से मन नहीं लग पाएगा।
आखिर में याद रखो, पूजा का असली मतलब दिल से होने वाला इरादा है। सामग्री या ढंग जरूरी नहीं, सच्ची भावना ही सबसे बड़ी पूजा बनाती है। अब आप तैयार हो, अपने घर में शुद्ध और सच्ची पूजा कर सकते हो।
23 सितंबर को मनाए जाने वाले नवरात्रि 2025 के दूसरे दिन को मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित किया गया है। इस लेख में देवी की महत्ता, शुभ मुहूर्त, विस्तृत पूजा क्रम और मनीफा लाभों को समझाया गया है। भक्तों को सही समय, रंग और भोग की जानकारी भी दी गई है।