8 साल बाद शै होप ने बनाया शतक, टेस्ट में नया रिकॉर्ड बनाते हुए वेस्टइंडीज को दिया जीवन

20 नवंबर, 2025 को दिल्ली के फिरोज शाह कोटला मैदान पर शै होप ने 8 साल और 45 दिन के शतक दावत के बाद एक ऐसा शतक बनाया जिसने न सिर्फ उनके करियर को बचाया, बल्कि टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में एक नया रिकॉर्ड भी लिख दिया। 31 साल के इस दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 214 गेंदों में 103 रन बनाए, जो उनका पहला टेस्ट शतक था — जिसके बाद वे लीड्स में 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ दोनों पारियों में शतक बनाने के बाद लंबे समय तक चुप रहे थे। ये शतक सिर्फ एक बुरी बात को भुलाने का नहीं, बल्कि एक बड़ी विरासत को फिर से जगाने का इशारा था।

रिकॉर्ड बनाते हुए भी आलोचना का सामना

शै होप ने दो विश्व रिकॉर्ड बनाए: पहला, वेस्टइंडीज के लिए सबसे लंबा अंतराल — 8 साल 45 दिन — जो पिछले रिकॉर्ड धारक गॉर्डन ग्रीनिज के 6 साल 15 दिन को पार कर गया। दूसरा, विश्व स्तर पर सबसे अधिक पारियों के बीच शतक — 58 टेस्ट पारियाँ। ये रिकॉर्ड उन्हें जेरमेन ब्लैकवुड (47), क्रिस गेल (46) और शिवनारायण चंदरपाल (41) के पीछे छोड़ देता है। लेकिन ये उपलब्धि के बावजूद, क्रिकेट विश्लेषकों की आँखों में एक अजीब सी अंधेरी छाया थी। क्रिकेट वन के वेस्टइंडीज के संवाददाता ने कहा, ‘होप ने 2017 में लीड्स में दोनों पारियों में शतक बनाए थे, लेकिन उसके बाद टेस्ट क्रिकेट में उनकी आत्मविश्वास की आग बुझ गई।’

चार साल की अनुपस्थिति और T20 का जादू

2021 से 2025 तक, होप ने वेस्टइंडीज के लिए कोई टेस्ट मैच नहीं खेला। इस दौरान उन्होंने 120 से अधिक T20 मैच खेले — विभिन्न फ्रैंचाइजी लीगों में, अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में, और व्हाइट बॉल की टीम की कप्तानी भी की। इंडियन एक्सप्रेस ने उनके बारे में लिखा: ‘होप के टेस्ट करियर पर बड़े सवाल थे।’ वह ओडीआई में 18 शतकों के साथ 50 के ऊपर औसत बनाने वाले बल्लेबाज थे, लेकिन टेस्ट में उनकी बातचीत एक अज्ञात भाषा लगती थी। कई विश्लेषकों का मानना था कि अगर ये बात किसी अन्य देश के लिए होती, तो उन्हें टीम से निकाल दिया जाता। उनका टेस्ट करियर एक ‘भयानक दाग’ बन चुका था — जिसे अन्य टीमें बिना सोचे हटा देतीं।

दिल्ली का जादू: जॉन कैंपबेल के साथ 177 रनों की जोड़ी

भारत ने पहली पारी में 515 रन बनाए थे। दिल्ली का पिच फ्लैट था, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने शुरुआत में रिवर्स स्विंग के साथ वेस्टइंडीज को दबाव में डाल दिया। तब आया जॉन कैंपबेल — जिन्होंने 2025 का पहला वेस्टइंडीज टेस्ट शतक बनाया। दोनों ने 177 रन की भागीदारी की। कैंपबेल ने रवींद्र जडेजा के रिवर्स स्वीप शॉट में अपनी जान गंवा दी। फिर आया रॉस्टन चेस, जिनके साथ होप ने अपना शतक पूरा किया। नयी गेंद के बाद जब होप आउट हुए, तो छह विकेट 40 रन में गिर गए। लेकिन अंतिम जोड़ी ने वेस्टइंडीज को 120 रनों का लक्ष्य दिया — जो एक बहुत ही डिफेंडेबल टारगेट था।

ओडीआई में भी इतिहास: सभी 12 टेस्ट देशों के खिलाफ शतक

ओडीआई में भी इतिहास: सभी 12 टेस्ट देशों के खिलाफ शतक

इस टेस्ट शतक से सिर्फ 7 दिन पहले, होप ने न्यूजीलैंड के खिलाफ नेपियर में एक अजेय 109 बनाया था — 69 गेंदों में। यह शतक उनका 19वाँ ओडीआई शतक था, जिससे वे ब्रायन लारा के बराबर हो गए — वेस्टइंडीज के दूसरे सबसे ज्यादा ओडीआई शतक बनाने वाले बल्लेबाज। सिर्फ क्रिस गेल (25) उनसे आगे हैं। इस शतक के साथ होप ने एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया: वे दुनिया के पहले खिलाड़ी बन गए जिन्होंने सभी 12 टेस्ट खेलने वाले देशों के खिलाफ किसी भी फॉर्मेट में शतक बनाया है। इसके साथ ही उन्होंने 6,000 ओडीआई रन पूरे किए — वेस्टइंडीज के सातवें खिलाड़ी बनकर, और विव रिचर्ड्स के बाद दूसरे सबसे तेज़ (147 मैचों में)।

वेस्टइंडीज के लिए एक नया आशा का बीज

वेस्टइंडीज क्रिकेट लंबे समय से टेस्ट क्रिकेट में बर्बरता से गुजर रहा है। उनकी टीम ने पिछले दो दशकों में कई बार टेस्ट श्रृंखला हारी है। होप का शतक इस बार बस एक व्यक्तिगत जीत नहीं थी — यह एक संकेत था कि टीम अभी भी टेस्ट क्रिकेट में लड़ सकती है। उनके शतक के बाद टीम के खिलाड़ियों ने अपने बैट्समैन के लिए तालियाँ बजाईं। इस बार बार उन्हें लगा कि वे कुछ बदल सकते हैं। एक खिलाड़ी जिसे लोग भूल चुके थे, उसने टीम को फिर से याद कराया।

अगला कदम क्या होगा?

अगला कदम क्या होगा?

अब सवाल यह है: क्या यह शतक सिर्फ एक अस्थायी उछाल है, या एक नए युग की शुरुआत? वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड ने अभी तक कोई ऑफिशियल बयान नहीं दिया है, लेकिन टीम के अंदरूनी स्रोतों के मुताबिक, होप को अगले टेस्ट मैच में शामिल किए जाने की संभावना है। अगर वे अगले मैच में भी अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उनकी टेस्ट टीम में जगह सुरक्षित हो सकती है। वरना, उनका करियर फिर से अंधेरे में चला जाएगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

शै होप का टेस्ट करियर क्यों इतना अस्थिर रहा?

शै होप को 2017 के बाद टेस्ट क्रिकेट में लगातार असफलता का सामना करना पड़ा। उनकी बल्लेबाजी धीमी और बहुत समय लेने वाली लगती थी, जबकि टेस्ट क्रिकेट में तेज़ निर्णय लेने की जरूरत होती है। उन्होंने चार साल तक टेस्ट मैच नहीं खेले, और इस दौरान T20 लीगों में अधिक ध्यान दिया। यह अंतर उनकी टेस्ट बल्लेबाजी के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया।

क्या होप का यह शतक वेस्टइंडीज के टेस्ट क्रिकेट को बचा सकता है?

एक शतक टीम को बचा नहीं सकता, लेकिन यह एक नई आशा का संकेत है। वेस्टइंडीज के पास अभी भी बहुत कम टेस्ट बल्लेबाज हैं, और होप की अनुभवी बल्लेबाजी उनके लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है। अगर वे लगातार प्रदर्शन करते हैं, तो यह टीम के लिए एक नए नेतृत्व का आधार बन सकता है।

होप के ओडीआई और टेस्ट करियर में क्या अंतर है?

ओडीआई में होप एक तेज़ और आक्रामक बल्लेबाज हैं — उनकी स्ट्राइक रेट 90+ है। लेकिन टेस्ट में उनकी बल्लेबाजी धीमी और अक्सर बहुत सावधानी से चलती है। इसका कारण है कि टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाज को गेंदबाज के विकेट लेने की चाल को समझना पड़ता है, जबकि ओडीआई में बस रन बनाना होता है।

क्या वेस्टइंडीज ने अब टेस्ट क्रिकेट के लिए एक नया दृष्टिकोण अपनाया है?

अभी तक नहीं। लेकिन होप के शतक के बाद बोर्ड के अंदरूनी बैठकों में चर्चा हो रही है कि क्या टेस्ट क्रिकेट के लिए बल्लेबाजों को T20 लीगों से दूर रखना चाहिए। यह एक बड़ा नीतिगत बदलाव हो सकता है, जिससे भविष्य में टेस्ट क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन संभव हो सकता है।