जब Multi Commodity Exchange (MCX) ने 7 अक्टूबर 2025 को 10 ग्राम सोने की फ्यूचर कीमत को ₹1,20,900 तक धकेल दिया, तो पूरे देश ने दिल की धड़कन तेज़ अनुभव की। यह रिकॉर्ड कीमत सिर्फ एक संख्या नहीं, यह निवेशकों की असुरक्षा, अंतरराष्ट्रीय आर्थिक तनाव और देशीय त्योहारी मांग का मिलाजुला प्रतिबिंब थी। इस संघर्ष का मुख्य कारण US Government Shutdown 2025 के सातवें दिन का बंद होना, साथ ही फेडरल रिज़र्व द्वारा संभावित ब्याजदर कमी की उम्मीद थी।
पिछला इतिहास और मौजूदा परिप्रेक्ष्य
सोने की कीमतों ने 2020‑2023 के दौरान कई उतार‑चढ़ाव देखे हैं, लेकिन इस बार की उछाल खासतौर पर United States Government के फ्रीज हुए $1.7 ट्रिलियन बजट और विश्वसनीय सुरक्षा संपत्ति की माँग में वृद्धि से प्रेरित थी। पिछले वर्ष के इस समय, MCX पर 10 ग्राम सोना लगभग ₹1,05,000 पर ट्रेड हो रहा था। आज के ₹1,20,900 की कीमत से यह 15 % से अधिक की छलांग दर्शाती है।
विस्तृत कीमत‑विभाजन और शहर‑वार तुलना
शहर‑वार आंकड़े देखते हुए, दिल्ली के सराफा बाज़ार में 18 कटे का सोना ₹91,670 प्रति 10 ग्राम था, जबकि कोलकाता और मुंबई के बाजार में यह ₹91,520 पर मिला। इंदौर‑भोपाल में ₹91,570, लेकिन चेन्नई ने सबसे ऊँचा ₹92,750 मूल्य दर्ज किया। 22 कटे की कीमत दिल्ली में ₹1,12,000, मुंबई‑कटा में समान स्तर, और 24 कटे का सोना सर्वोच्च ₹1,22,070 पर ट्रेड हुआ।
- सिल्वर की कीमत भी क्रमशः ₹1,47,784 / किलोग्राम (डिसेम्बर 2025) से ₹1,57,000 / किलोग्राम तक बढ़ी।
- शेयर‑बाजार में सोने का ओपन इंटरेस्ट पिछले सप्ताह की तुलना में 12 % बढ़ा।
- भविष्य में फेडरल रिज़र्व की मौद्रिक नीति में बदलाव का अनुमान लगाते हुए, कई विशेषज्ञ सोना को “सुरक्षित आश्रय” के रूप में देखते हैं।

विशेषज्ञों की राय और बाजार विश्लेषण
वॉल स्ट्रीट में अनुभवी विश्लेषक Ramesh Kumar ने कहा, “US Government Shutdown के कारण निवेशकों का विश्वास कमज़ोर हो रहा है, और फेडरल रिज़र्व के ब्याज दर कटौती संकेत सोने को फिर से हाई‑डिमांड में ले आएंगे।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि “त्वरित रिटेल खरीदारों को थोडा इंतज़ार करना चाहिए, क्योंकि फेस्टिवल सीजन के दौरान इस तरह की अनिश्चितता से कीमतें और भी झूल सकती हैं।”
दूसरी ओर, बँकिंग विशेषज्ञ सुनीता गुप्ता ने चेतावनी दी कि “भारी मूल्य वृद्धि के साथ सोने की मांग को संतुलित करना मुश्किल हो सकता है, खास कर जब घरेलू उपभोक्ता कीमतों के कारण सस्ते विकल्पों की ओर मुड़ते हैं।”
फेस्टिवल सीजन और निवेश रणनीति
दशहरा‑दीपावली के करीब आते ही ज्वेलरी बाजार में खरीद‑बिक्री की गति बढ़ने की उम्मीद है। लेकिन वर्तमान अस्थिरता को देखते हुए, कई रिटेलर और निवेश सलाहकार लोगों को “खरीदारी पहले या बाद में” इस सवाल पर दो‑तीन बार सोचने की सलाह दे रहे हैं। आम तौर पर शॉपिंग‑हॉल्स अपने स्टार्टर‑ऑफ़र को कम करने के बदले में अल्पकालिक छूट देती हैं, पर इस वर्ष ऐसा करने का जोखिम अधिक लग रहा है।
यदि आप दीर्घकालिक निवेश के तौर पर सोना देख रहे हैं, तो विशेषज्ञ मानते हैं कि वर्तमान स्तर पर एक भाग खरीद कर पोर्टफोलियो में विविधता लाना सुरक्षित हो सकता है। परंतु अल्पकालिक ट्रेडिंग में प्रवेश करने वाले को सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि अगले कुछ हफ़्ते में मूल्य दृढ़ता से गिर‑या‑उछाल दिखा सकता है।

भविष्य में क्या आशा रखी जा सकती है?
US Government Shutdown के आगे के परिणाम और फेडरल रिज़र्व की नीति दिशा निर्धारित करती रहेगी कि सोने की कीमतें किस दिशा में मोड़ेंगी। यदि फेडरल रिज़र्व दरें घटाती है, तो आमतौर पर सोना और भी महंगा हो जाता है। दूसरी तरफ, अगर बजट इम्पीचमेंट सॉल्व हो जाता है, तो बाजार में राहत का माहौल बन सकता है और कीमतें फिर से स्थिर हो सकती हैं।
दूसरी ओर, घरेलू आर्थिक संकेतक—जैसे महँगी दरों पर कर्ज़, ब्याज दरें, और निर्यात‑आयात की स्थिति—भी इस धारा को प्रभावित करेंगे। इस जटिल परिदृश्य में, निवेशकों को सूचनात्मक बने रहना और निवेश के जोखिम‑फ़ायदे को समझना बेहद आवश्यक है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
US Government Shutdown का सोने की कीमत पर सीधा असर क्यों पड़ा?
शटडाउन के कारण वैश्विक निवेशकों में जोखिम‑भय बढ़ा, जिससे उन्होंने सुरक्षित संपत्ति—सोने—को खरीदना शुरू किया। यह अचानक मांग मूल्य में तेज़ी लाती है।
क्या फेस्टिवल सीजन में सोने की कीमतें घटेंगी?
ऐसा संभावना है कि तीव्र खरीदारी के कारण अल्पकालिक कीमतें बढ़ेंगी, पर शॉर्ट‑टर्म में कीमतों में उतार‑चढ़ाव जारी रह सकता है क्योंकि बाजार अभी भी US नीति‑परिवर्तनों को जाँच रहा है।
फेडरल रिज़र्व की दर घटाने की संभावना सोने को कैसे प्रभावित करेगी?
दर घटाने से डॉलर की वैल्यू कम होती है, जिससे सोने का अंतरराष्ट्रीय मूल्य बढ़ता है। इस कारण घरेलू निवेशकों के लिए सोना अधिक आकर्षक बन जाता है।
सिल्वर की कीमतें भी बढ़ रही हैं, क्या यह समान कारणों से है?
हां, सिल्वर भी सुरक्षित‑हैज मानकर माना जाता है, इसलिए US शटडाउन और फेडरल नीति की अनिश्चितता ने दोनो धातुओं की मांग को समान रूप से बढ़ाया है।
क्या दीर्घकालिक निवेशकों को अभी भी सोना खरीदना चाहिए?
वित्तीय विशेषज्ञ मानते हैं कि रिकॉर्ड‑हाई पर भागीदारी जोखिम भरा हो सकता है, पर यदि आप पोर्टफोलियो में विविधता चाहते हैं तो छोटे हिस्से को सोने में डालना समझदारी हो सकती है।
Ravi Patel
अक्तूबर 8 2025सोने की कीमत में इतनी तेज़ी देखना वाकई में बाजार की अस्थिरता को दर्शाता है। सावधानी से कदम बढ़ाना बेहतर रहेगा।