पेरिस ओलंपिक्स 2024: भारतीय खिलाड़ियों का दमदार प्रदर्शन
पेरिस ओलंपिक्स 2024 के 11वें दिन भारतीय खिलाड़ी अपनी पूरी मेहनत और जोश के साथ विभिन्न स्पर्धाओं में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। नीरज चोपड़ा ने 89.34 मीटर के थ्रो के साथ पुरुषों की भाला फेंक फाइनल के लिए क्वालिफाई किया। यह थ्रो नीरज के कैरियर का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, क्योंकि उन्होंने पहले ही टोक्यो ओलंपिक्स में स्वर्ण पदक जीता था। उनके साथ ही किशोर जेना ने भी अपनी पहली कोशिश में 80.73 मीटर भाला फेंक कर अपनी जगह फाइनल में बनाई।
विनेश फोगाट: पहला ओलंपिक पदक जीतने के करीब
कुश्ती की प्रसिद्ध खिलाड़ी विनेश फोगाट एक और जीत से अपने पहले ओलंपिक पदक के बहुत करीब हैं। विनेश का सेमीफाइनल मुकाबला दिखाने वाला है कि उनका सपना कितना साकार हो सकता है। उनका मुकाबला एक कठिन प्रतिद्वंदी से है, लेकिन उनके आत्मविश्वास और अभ्यास का कोई मुकाबला नहीं है।
भारतीय हॉकी टीम का जर्मनी से मुकाबला
भारतीय हॉकी टीम जर्मनी के खिलाफ सेमीफाइनल में उतरेगी। भारतीय टीम का सफर अब तक शानदार रहा है और वे सेमीफाइनल में एक और जीत की उम्मीद कर रहे हैं। टीम के कोच और खिलाड़ी दोनों ही इस मुकाबले के लिए पूरी तरह तैयार हैं और उन्होंने अपने रणनीति पर ध्यान केंद्रित किया है।
गत दिवस की प्रमुख घटनाएं
पेरिस ओलंपिक्स के 10वें दिन भारतीय खिलाड़ियों को मिश्रित परिणाम मिले। बैडमिंटन में लक्ष्या सेन कांस्य पदक जीतने से चूक गए जब वे मलेशिया के ली ज़ी जिया से हार गए। टेबल टेनिस में भारत ने रोमानिया के खिलाफ 3-2 की जीत हासिल की और क्वॉर्टर-फाइनल में प्रवेश किया।
एथलेटिक्स में भारतीय प्रदर्शन
एथलेटिक्स में किरण पाहल ने महिलाओं की 400 मीटर स्पर्धा के अपने पहले राउंड में सातवां स्थान हासिल किया और रिपीकाज चरण में प्रवेश किया। वहीं, अविनाश साबले ने पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा के पहले राउंड की हीट 2 में पाँचवां स्थान प्राप्त किया और फाइनल में अपनी जगह बनाई।
इसके अलावा अन्य स्पर्धाओं में भारतीय प्रदर्शन
- जैवेलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा और किशोर जेना की प्रदर्शन
- कुश्ती में विनेश फोगाट का सेमीफाइनल मुकाबला
- हॉकी में भारतीय टीम का जर्मनी से मुकाबला
- लक्ष्या सेन का बैडमिंटन कांस्य पदक मैच
- टेबल टेनिस में भारत की जीत और क्वॉर्टर-फाइनल में प्रवेश
- एथलेटिक्स में किरण पाहल और अविनाश साबले के प्रदर्शन
भारतीय खिलाड़ी अपनी मेहनत और प्रतिभा से देश का नाम रोशन कर रहे हैं। पेरिस ओलंपिक्स में उनके प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय खेल प्रतिभाएँ विश्व स्तर पर भी अपना लोहा मनवा सकती हैं।
Drishti Sikdar
अगस्त 7 2024नीरज चोपड़ा का ये थ्रो बस एक जीत नहीं, एक इतिहास है। जब तक भारत के खिलाड़ी ऐसे ही लगन से खेलेंगे, हम दुनिया को दिखा सकते हैं।
indra group
अगस्त 8 2024क्या ये सब बकवास है? हमारे खिलाड़ी तो हमेशा फाइनल में जाते हैं और फिर चांदी या कांस्य लेकर आते हैं। नीरज का स्वर्ण तो एक बार का भाग्य था, अब फिर से वो नहीं होगा।
sugandha chejara
अगस्त 9 2024विनेश फोगाट के लिए ये सिर्फ एक मुकाबला नहीं, एक जीत का सपना है। उनकी मेहनत देखकर लगता है कि असली जीत तो उनकी लगन में है। बस थोड़ा और धैर्य, और ये ओलंपिक पदक भी तुम्हारा होगा।
DHARAMPREET SINGH
अगस्त 9 2024हॉकी टीम ने जर्मनी के खिलाफ क्या रणनीति बनाई? क्या वो अभी भी बाएं फ्लैंक पर फोकस कर रहे हैं? ये तो 2010 की बात है। अब तो ट्रांसिशन गेम चलाना होगा, नहीं तो फिर से बर्बादी होगी।
gauri pallavi
अगस्त 9 2024बस देखो नीरज का चेहरा... उसमें कोई जिद नहीं, कोई दबाव नहीं... बस एक आदमी जो अपना काम कर रहा है। ये ही असली शान है।
Agam Dua
अगस्त 11 2024लक्ष्या सेन क्यों नहीं जीत पाया? क्या उसकी तकनीक ढीली है? या फिर वो दबाव में फंस गया? हमारे खिलाड़ियों को तो मानसिक ट्रेनिंग भी चाहिए, सिर्फ फिजिकल नहीं।
Gaurav Pal
अगस्त 13 2024अविनाश साबले का स्टीपलचेज? वो तो बस एक ट्रैक एथलीट है। भारत को तो टेबल टेनिस या बैडमिंटन में ध्यान देना चाहिए, जहां हमारे खिलाड़ी असली चैंपियन हैं।
sreekanth akula
अगस्त 13 2024क्या आपने कभी सोचा है कि भारतीय खेलों में इतनी शक्ति कहाँ से आती है? ये नीरज, विनेश, अविनाश... ये सब गाँवों से आए हैं, जहाँ सुविधाएँ नहीं, लेकिन इच्छाशक्ति है। ये ही हमारी असली विरासत है।
Sarvesh Kumar
अगस्त 14 2024हमारे खिलाड़ियों को बस एक बार अमेरिका या ऑस्ट्रेलिया में ट्रेनिंग दिलाओ, तो ये सब पदक बरसने लगेंगे। हमारी सरकार तो बस फोटो खींचकर शेयर करती है, असली समर्थन कहाँ है?
Ashish Chopade
अगस्त 14 2024भारत की ओर से इतनी उपलब्धियाँ। यह एक नए युग की शुरुआत है। गौरव और गर्व का विषय। आगे बढ़ते रहें।
Shantanu Garg
अगस्त 14 2024किरण पाहल का 400 मीटर राउंड तो बहुत अच्छा रहा। अगर वो अगले राउंड में भी ऐसा ही दिखे, तो फाइनल में जाने की उम्मीद है।
Vikrant Pande
अगस्त 16 2024ये सब तो बस एक ओलंपिक है। भारत के खिलाड़ियों को तो अंतर्राष्ट्रीय लीग में खेलने का मौका दो, नहीं तो ये सब बस एक फेक फेस लाइट है।
Indranil Guha
अगस्त 17 2024क्या आप भूल गए कि भारत ने ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था? ये तो बस एक शुरुआत है। हमारे खिलाड़ियों को देश के लिए खेलना है, न कि खुद के लिए।
srilatha teli
अगस्त 19 2024हर एक खिलाड़ी जो ओलंपिक पर जाता है, वो एक अनुपम बलिदान करता है। उनकी मेहनत, उनका समय, उनकी अकेलापन - ये सब किसी के लिए नहीं, बल्कि हर एक भारतीय के लिए है। ये पदक नहीं, ये अहसास है।
Sohini Dalal
अगस्त 20 2024मैंने तो सोचा था नीरज चोपड़ा फाइनल में जाएंगे... लेकिन अगर वो स्वर्ण नहीं लाए, तो क्या हम उन्हें भूल जाएंगे?