तीन दिनों में सोने की कीमत में गिरावट
पिछले तीन दिनों में सोने की कीमत में जोरदार गिरावट दर्ज की गई है। ये गिरावट प्रति 10 ग्राम ₹2000 की रही, जिससे निवेशकों और बाजार के पर्यवेक्षकों में हलचल मच गई है। बुधवार को ₹50, गुरुवार को ₹1050 और शुक्रवार को ₹900 की गिरावट देखी गई। इसके परिणामस्वरूप सोने की कीमत दिल्ली सर्राफा बाजार में ₹72650 प्रति 10 ग्राम तक गिर गई है। चांदी की कीमत भी ₹92100 प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है।
फेडरल रिजर्व की नीतियों का प्रभाव
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस गिरावट के पीछे मुख्य कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौजूदा ब्याज दर नीति और आर्थिक डेटा है। अमेरिका के अग्रणी इकनॉमिस्ट मानते हैं कि फेडरल रिजर्व आने वाले समय में ब्याज दरों को उच्च स्तर पर बनाए रख सकता है। इस आशंका ने सोने और चांदी की कीमतों पर दबाव बढ़ा दिया है।
हुआ मुद्रास्फीति
हमें ये भी विचार करना होगा कि इन कीमतों में गिरावट सोने और चांदी के दामों पर अविश्वास का संकेत हो सकती है। इसके साथ ही यह मुद्रास्फीति के अनुमान की ओर भी इशारा करता है, जिससे लोग सुरक्षित निवेश के विकल्पों की तलाश में रहते हैं। मुद्रास्फीति के बढ़ते संकेतों के कारण निवेशक अब सोने और चांदी की बजाय शेयर और बांड जैसे विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं।
MCX पर कीमतों में गिरावट
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने की कीमत में ₹2455 प्रति 10 ग्राम और चांदी में ₹476 प्रति किलोग्राम की गिरावट आई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी स्पॉट गोल्ड की कीमतें $2334 प्रति औंस और चांदी की कीमतें $30.36 प्रति औंस पर बंद हुई हैं।
ताजा 24, 22, 20, 18, और 14 कैरेट सोने के भाव
अभी के नवीनतम बंद भाव के अनुसार, 24 कैरेट सोने की कीमत ₹72030 प्रति 10 ग्राम है। इसी तरह, 22 कैरेट सोने की कीमत ₹7030 प्रति 10 ग्राम, 20 कैरेट सोने की कीमत ₹6410 प्रति 10 ग्राम, 18 कैरेट सोने की कीमत ₹5834 प्रति 10 ग्राम और 14 कैरेट सोने की कीमत ₹4646 प्रति 10 ग्राम है। 999 शुद्धता वाली चांदी की कीमत ₹89762 प्रति किलोग्राम दर्ज की गई है। कीमतों में 3% GST और मेकिंग चार्जेस शामिल नहीं हैं।
आर्थिक विश्लेषण
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के कमोडिटी विश्लेषक सौमिल गांधी के अनुसार, अमेरिकी अर्थव्यवस्था से आए मजबूत आंकड़े सोने की कीमतों में इस बड़ी गिरावट का प्रमुख कारण हैं। ये आंकड़े संकेत देते हैं कि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों को लंबे समय तक उच्च स्तर पर बनाए रख सकता है। निवेशकों को यह रुख चिंताजनक लग रहा है, क्योंकि इससे सोने और चांदी की कीमतों में कमी आ सकती है। इसलिए, निवेशकों को अपने निवेश रणनीतियों में बदलाव करने की जरूरत पड़ सकती है।
निवेशकों के लिए सलाह
सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट निवेशकों के लिए चिंता का विषय हो सकती है, किन्तु यह समय धैर्य रखने का है। जो लोग दीर्घकालिक निवेश की सोच रखते हैं, उनके लिए यह अस्थाई गिरावट एक खरीद अवसर के रूप में देखी जा सकती है।
निवेशकों को सटीक जानकारी और उचित विश्लेषण के आधार पर अपने निवेश निर्णय लेने चाहिए। सोने और चांदी जैसे कीमती धातुओं में निवेश हमेशा से सुरक्षित माना जाता रहा है, परंतु बाजार की मौजूदा स्थिति और फेडरल रिजर्व की नीति पर ध्यान देना बेहद महत्वपूर्ण है।
भविष्य की संभावनाएं
सोना और चांदी की कीमतों का भविष्य की संभावनाएं अब भी अनिश्चितता से घिरी हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियाँ, वैश्विक आर्थिक हालात, और अंतरराष्ट्रीय बाजारों की स्थिति सोने और चांदी की कीमतों को प्रभावित करती रहेंगी। निवेशकों को इसे ध्यान में रखते हुए अपनी निवेश योजनाओं में लचीलापन बनाए रखना चाहिए।
संक्षेप में, पीली धातु की कीमतों में यह गिरावट कई वैश्विक और घरेलू कारकों का परिणाम है। निवेशकों के लिए यह समय समझदारी से कदम उठाने का है और दीर्घकालिक लाभ के लिए उपयुक्त अवसरों की तलाश करने का है।
Himanshu Kaushik
मई 27 2024ये गिरावट तो बहुत बड़ी है भाई। पिछले साल जब ₹65000 थी, तो सोना खरीदने का मन नहीं हुआ था। अब फिर से लग रहा है कि थोड़ा ले लूँ।
Sri Satmotors
मई 28 2024हर गिरावट में एक नया अवसर छिपा होता है। धैर्य रखो, सोना हमेशा वापस आता है। 🌱
Sohan Chouhan
मई 28 2024अरे ये सब लोग बस बकवास कर रहे हैं। फेडरल रिजर्व की नीति के बारे में तुम्हारा क्या पता? तुम तो बस फेसबुक पर पढ़े हो। सोना गिर रहा है क्योंकि अमेरिका ने भारत के खिलाफ इकोनॉमिक वॉर शुरू कर दिया है। अब तो लोग भारतीय सोना खरीदने लगे हैं, वरना तुम्हारा बैंक बंद हो जाएगा।
SHIKHAR SHRESTH
मई 29 2024मुद्रास्फीति के बारे में, ये बात सच है... लेकिन, यह भी ध्यान देना चाहिए कि फेडरल रिजर्व की नीति का असर भारतीय बाजार पर भी पड़ रहा है। ये गिरावट अस्थायी है। लेकिन, ये जरूरी है कि निवेशक अपने बैलेंस को रिवाइज करें।
amit parandkar
मई 29 2024ये सब एक शानदार फेक है। जानते हो क्या हो रहा है? फेडरल रिजर्व और बैंक ऑफ इंडिया एक साथ मिलकर सोने की कीमतों को नियंत्रित कर रहे हैं। लोगों को शेयर मार्केट में डालने के लिए। ये तो एक बड़ा कॉन्सिरेसी है। अगर तुमने कभी अमेरिका के ट्रेड डिफिसिट को देखा है, तो तुम्हें पता होगा।
Annu Kumari
मई 31 2024मैं तो बस यही कहूँगी कि जो लोग अपने बच्चों के लिए सोना बचा रहे हैं, उनके लिए ये अच्छा समय है। बस थोड़ा और धैर्य रखें। सब कुछ ठीक हो जाएगा।
haridas hs
जून 1 2024इस गिरावट को एक निरंतर डिसलोकेशन के रूप में देखा जाना चाहिए। फेडरल रिजर्व के फाइनेंशियल नेटवर्किंग फ्रेमवर्क के अंतर्गत, सोने की डिमांड का स्ट्रक्चरल शिफ्ट हुआ है। निवेशकों को एक डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो के लिए रिस्क-वेटेड एसेट्स को रीबैलेंस करना चाहिए।
Shiva Tyagi
जून 1 2024हमारे देश में सोना एक धरोहर है। ये गिरावट बाहरी शक्तियों का षड्यंत्र है। हमें अपनी परंपराओं को बचाना होगा। अगर तुम अमेरिकी बैंकों के खिलाफ नहीं खड़े हो रहे, तो तुम भारत के खिलाफ हो। अपना सोना खरीदो, अपना देश बचाओ।
Pallavi Khandelwal
जून 1 2024मैं तो रो रही हूँ... पूरी जिंदगी बचत की, और अचानक ये गिरावट! मैंने तो अभी तक सोने का गहना नहीं खरीदा था... अब तो ये देखो कि क्या हो गया! ये बाजार तो बस जानलेवा है!