जन्माष्टमी की शुभकामनाएं: अपने प्रियजनों के लिए खूबसूरत शायरी, SMS, और बधाई संदेश
भगवान कृष्ण का उत्सव, जन्माष्टमी, हर साल बड़े ही उत्साह और आनंद के साथ मनाया जाता है। यह पर्व भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी में मनाया जाता है, जिन्हें विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है। इस बार जन्माष्टमी 26 अगस्त, 2024 को मनाई जाएगी। इस खास मौके पर लोग अपने मित्रों और परिजनों को बधाई संदेश भेजकर अपनी भावनाएँ प्रकट करते हैं।
शुभकामनाएं और संदेश
जन्माष्टमी के इस महत्वपूर्ण अवसर पर लोग अपने प्रियजनों को शायरी, SMS, और बधाई संदेशों के माध्यम से खुशियाँ बाँटते हैं। यहाँ हम आपके लिए कुछ खास और चुनिंदा कृष्णा शायरी और संदेश लेकर आए हैं जिनसे आप अपनों को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दे सकते हैं।
- “कृष्ण ही सत्य हैं, कृष्ण अनंत हैं, कृष्ण अनादि हैं, कृष्ण भगवान्त हैं, कृष्ण शक्ति हैं, कृष्ण ही भक्ति हैं।”
- “हे कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा, एकमात्र स्वामी तुम सखा हमारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा।”
- “मचकते माखन का स्वाद, मीठी राधा के संग रास, गोपियों संग रचते रास, जय हो नंद के लाल।”
- “जिसका तन माखन, और मन गोपियाँ, वही है कान्हा, वही है कृष्ण।”
- “कृष्णा तेरे जन्मदिन पर सबको है सुख समृद्धि का दर्शन, तेरा नाम लेके मिटाएंगे हर कष्ट का कारण।”
भगवान कृष्ण का जीवन
भगवान कृष्ण का जीवन एक अद्वितीय उदाहरण है जो हमें कर्तव्यनिष्ठा, प्रेम, और भक्ति का मार्ग दिखाता है। गोकुल में उनका बचपन, गोपियों के संग रासलीला, माता यशोदा और देवकी के साथ उनका अटूट बंधन, सभी भारतीय संस्कृति और धार्मिकता का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इसी पुण्य अवसर पर लोग उपवास रखते हैं, भजन-कीर्तन का आयोजन करते हैं, और भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना करते हैं।
सोशल मीडिया और वॉलपेपर
आधुनिक युग में, जन्माष्टमी की खुशियाँ बांटने के लिए सोशल मीडिया एक महत्वपूर्ण माध्यम बन गया है। व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम आदि पर स्टेटस और पोस्ट के रूप में संदेश भेजना लोग ज्यादा पसंद करते हैं। इसके लिए आप विभिन्न खूबसूरत वॉलपेपर और फोटोज का भी सहारा ले सकते हैं, जो जन्माष्टमी के माहौल को और भी रंगीन बना देंगे।
कुछ विशेष संदेश
- “राधा की भक्ति, मुरली की मिठास, माखन का स्वाद और गोकुल का वास, जन्माष्टमी के इस पावन अवसर पर, शुभकामनाएं मेरी आएं आपके पास।”
- “कैसे समझाऊं तुम्हें इस जन्माष्टमी पर, कान्हा की मूरत में बसते हैं, सारे जहां के सुख और शक्ति का सार।”
- “गोकुल का माखन, और यशोदा का प्यार, सबको बांधे रखता है, कान्हा का उपहार।”
- “कान्हा का प्यारा मुस्कान, और बंसी की तान, जन्माष्टमी के इस पावन पर्व पर, करो जी भर के कान्हा का गुणगान।”
- “ध्यान में रखो मथुरा का वो नजारा, जब नंदलाल ने लिया अवतार, आओ मिलकर मनाएं जन्माष्टमी का त्यौहार।”
इस प्रकार, जन्माष्टमी पर इन बधाई संदेशों और शुभकामनाओं के द्वारा आप अपने प्रियजनों के साथ इस पर्व की खुशियाँ बाँट सकते हैं। यह सभी संदेश और शायरी भगवान कृष्ण के दिव्य स्वरूप और उनके जीवन की शिक्षाओं को सजीव बनाते हैं, जिससे आप और आपके प्रियजनों का यह जन्माष्टमी पर्व और भी शुभ और मंगलमय हो जाए।
Gaurav Pal
अगस्त 28 2024ये सब शायरी तो बहुत पुरानी है भाई, 2024 में भी इतनी बेकार की बातें डाल रहे हो? कृष्ण के जीवन की गहराई को समझने के बजाय बस माखन और रासलीला के नाम पर फेक नॉलेज फैला रहे हो। असली भक्ति तो गीता पढ़ने से शुरू होती है, न कि व्हाट्सएप पर शायरी भेजने से।
sreekanth akula
अगस्त 29 2024अरे वाह! ये शायरी तो बिल्कुल सही हैं! देखो, ये दूसरी शायरी में “नाथ नारायण वासुदेवा” का प्रयोग-ये वैदिक वाक्यांश है, जिसका उपयोग वेदों में भी हुआ है! और फिर “मचकते माखन का स्वाद”-ये एक बहुत ही सूक्ष्म आध्यात्मिक रूपक है, जो आत्मा की निर्मलता को दर्शाता है! बहुत बढ़िया! अगर आप चाहें, तो मैं आपको इसका वैदिक उत्पत्ति स्रोत भी दे सकता हूँ! और ये वॉलपेपर-क्या आपने देखा कि उनमें गोकुल के प्राचीन वास्तुकला के तत्व भी शामिल हैं? बहुत गहरा विचार!
Sarvesh Kumar
अगस्त 31 2024इतनी बकवास क्यों लिख रहे हो? हमारे देश में लाखों बच्चे भूखे हैं, लेकिन तुम यहाँ कृष्ण के माखन की बात कर रहे हो? ये सब धार्मिक नाटक तो बस लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए है! अगर तुम सच में भक्त हो, तो स्कूलों में शिक्षा बढ़ाओ, न कि फोटो शेयर करो! ये भारत की असली जरूरत है, न कि ये शायरी का झंडा!
Ashish Chopade
अगस्त 31 2024जन्माष्टमी का असली मतलब भक्ति है।
भक्ति का अर्थ शायरी नहीं, कर्म है।
कर्म का अर्थ निःस्वार्थ सेवा है।
सेवा का अर्थ गरीबों को खाना देना है।
इसलिए, आज से शुरू करो।
माखन नहीं, मानवता बाँटो।
Shantanu Garg
सितंबर 2 2024बहुत अच्छा सामग्री है ये
मैंने अपने दादा को भेज दी
उन्हें बहुत पसंद आई
अब तो हर साल यही शेयर करते हैं
कोई नया नहीं ढूंढना पड़ता
Vikrant Pande
सितंबर 3 2024ये सब शायरी तो बस बॉलीवुड के रचनाकारों ने बनाई है, जो जन्माष्टमी को बच्चों की खेल की तरह पेश करते हैं। असली गीता में तो कृष्ण ने कहा है-‘कर्मण्येवाधिकारस्ते’-कर्म करो, फल की चिंता मत करो। लेकिन यहाँ तो सब फल चाहते हैं-व्हाट्सएप पर लाइक, इंस्टाग्राम पर शेयर, और फिर घर पर बैठकर गोपियों की कल्पना करते हैं। बहुत स्मार्ट लगता है न?
Indranil Guha
सितंबर 3 2024यह सामग्री अत्यंत अपर्याप्त है। भगवान कृष्ण के जीवन की गहराई को समझने के लिए, आपको वैदिक ग्रंथों, श्रीमद्भागवतम, और भगवद्गीता के अध्ययन की आवश्यकता है। इस तरह के साधारण शायरी और वॉलपेपर केवल धार्मिक अवहेलना का रूप हैं। आपको यह जानना चाहिए कि आपके द्वारा बांटी जा रही यह सामग्री, भारतीय संस्कृति के विरुद्ध एक अपराध है। यह न केवल अशिक्षित है, बल्कि अधर्मी भी है।
srilatha teli
सितंबर 4 2024मैं इस पोस्ट को बहुत प्यार से पढ़ रही हूँ।
हर शायरी में एक छोटी सी आत्मा की आवाज़ है।
कृष्ण का जीवन हमें याद दिलाता है कि प्रेम और सेवा ही असली शक्ति है।
ये शायरी बस शब्द नहीं, वो एक भावना हैं जो हमें जीवन के गहरे सच की ओर ले जाती हैं।
हम जब इन्हें भेजते हैं, तो हम अपने अंदर के बच्चे को भी याद करते हैं-जो गोकुल की हवा में खेलता था, जो माखन चुराता था, जो बंसी की धुन पर नाचता था।
इस दिन, शायरी नहीं, हमारा दिल बोलता है।
और जब दिल बोलता है, तो भगवान भी सुनते हैं।