गैरेथ साउथगेट: निर्णय लेने में देरी का आरोपी
यूरो 2024 फाइनल में इंग्लैंड की हार ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। मुख्यतः, टीम के मैनेजर गैरेथ साउथगेट की जो बात सबसे ज्यादा आलोचना का कारण बनी है, वह है उनका अनफिट हैरी केन पर अंधभक्ति। हेड कोच के रूप में साउथगेट के निर्णय हमेशा सवालों के घेरे में रहे हैं। यह कहा जाता है कि उनके पास महत्वपूर्ण और निर्णायक क्षणों में फुर्ती से निर्णय लेने की क्षमता का अभाव है। यह समस्या केवल इस टूर्नामेंट तक सीमित नहीं है।
गत प्रतियोगिताओं में साउथगेट की समस्याओं का सिलसिला
अगर हम पीछे मुड़कर देखें, तो साउथगेट की यह आदत हमें 2018 के विश्व कप और 2020 के यूरो तक ले जाती है। 2018 में, इंग्लैंड सेमीफाइनल में लुका मोड्रिक की टीम से हार गई। मॉड्रिक की तीव्रता और पोलिशिंग खेल के सामने साउथगेट कोई सशक्त जवाब नहीं दे सके। 2020 के यूरो फाइनल में, इटली के खिलाफ, उनकी टीम मैनेजमेंट की कमी फिर उजागर हुई। इतालवी खिलाड़ियों के खिलाफ उनकी रणनीति सार्थक साबित नहीं हुई, और अंततः उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
यूरो 2024 में इंग्लैंड की स्थिति
यूरो 2024 के अभियान में भी यही रुख नजर आया। इंग्लैंड ने कुछ असाधारण प्रदर्शन जरूर किए, लेकिन समूह चरण और नॉकआउट मैचों में उनकी कमजोरियों ने सिर उठाया। कई मोड़ पर साउथगेट समय रहते निर्णय लेने में विफल रहे, जिसके कारण उनके खेल योजनाओं में खोखलापन दिखा। यही कारण रहा कि वे न केवल ग्रुप चरण में बल्कि नॉकआउट मैचों में भी धमाकेदार प्रदर्शन करने में असफल रहे।
इतिहास से सबक नहीं लिया
इतने वर्षों के तमाम अनुभव के बावजूद, साउथगेट ने अपने पुराने असफलताओं से सीख नहीं ली। वे elite कोचों की तरह नहीं सोच पाते। उनकी अनफिट खेलाडों पर विश्वास करना और नए और उभरते तारकों, जैसे कि जूड बेलिंगहैम और फिल फोडेन, को सही उपयोग में लाने में विफलता, उनके कोचिंग के बुनियादी कमजोरी को दर्शाती है।
गैरेथ साउथगेट का भविष्य
इंग्लैंड की फुटबॉल संघ अब एक कठिन निर्णय की ओर देख रही है। उन्हें यह निर्णय लेना होगा कि क्या साउथगेट उनके टीम के भविष्य के लिए सही व्यक्ति हैं या नहीं। जिस तरह से उन्होंने आने वाले नए टैलेंट्स को उपयोग करने में असफलता दिखाई है, वह उनके कोचिंग की सीमाओं को उजागर करती है। विश्लेषकों का मानना है कि इंग्लैंड को एक ऐसे कोच की आवश्यकता है जो निर्णायक क्षणों में समझदार और तेज निर्णय ले सके।
निष्कर्ष
गैरेथ साउथगेट का कार्यकाल इंग्लैंड के लिए मिश्रित सफलताएँ और असफलताएँ दोनों लेकर आया है। वह एक समर्पित कोच हैं, लेकिन बड़े मौकों पर उनकी असमर्थता ने इंग्लैंड के चैंपियन बनने का सपना धूमिल किया है। इंग्लैंड को एक नए और ताजगीदायक दृष्टिकोण की जरूरत है, जिससे वे दुनिया की सबसे बेहतरीन टीमों में शुमार हो सकें।
venkatesh nagarajan
जुलाई 17 2024कोचिंग सिर्फ टैक्टिक्स का मामला नहीं है। ये तो एक फिलॉसफी है। साउथगेट ने जो बनाया, वो एक टीम नहीं, एक इमारत थी - जिसमें हर कोने में रेंट बंधा था। लेकिन जब बारिश हुई, तो छत टूट गई। अब नया आर्किटेक्ट चाहिए, न कि नया रंग।
Drishti Sikdar
जुलाई 18 2024केन को बाहर निकालो और बेलिंगहैम को कप्तान बना दो - ये सबसे आसान समाधान है। क्योंकि जब तक एक अनफिट प्लेयर के चारों ओर टीम घूमती रहेगी, तब तक कोई भी जीत नहीं मिलेगी।
indra group
जुलाई 19 2024अरे भाई, ये साउथगेट को बर्खास्त कर दो, और अपने आप को बेहतरीन बनाने की बजाय, अमेरिका के फुटबॉल टीम को बुला लो! हम तो अपने खिलाड़ियों को नहीं, बल्कि उनके नामों को बदलने की कोशिश कर रहे हैं! जूड बेलिंगहैम? नहीं भाई, अब वो है जेम्स बॉन्ड!
sugandha chejara
जुलाई 20 2024साउथगेट को बहुत सम्मान है - वो एक अच्छा इंसान हैं। लेकिन फुटबॉल एक ऐसा खेल है जहाँ इंसानियत कम चलती है, और तेज़ फैसले ज्यादा। शायद अब वो एक बेहतरीन मेंटर बन सकते हैं - लेकिन नहीं कोच।
जूड को ट्रस्ट करो, फिल को खेलने दो, और केन को बैंच पर बैठने दो। ये बदलाव सिर्फ टीम के लिए नहीं, बल्कि उनके लिए भी है।
DHARAMPREET SINGH
जुलाई 22 2024साउथगेट का एक ही प्रॉब्लम है: वो बहुत बहुत एक्सपेरिमेंटल है। जब तक तुम एक बैटरी के बजाय एक फ्लैशलाइट के साथ एक नाव चलाओगे, तब तक तुम जीत नहीं पाओगे। एक्सपेरिमेंट्स बंद करो, और बेसिक्स पर फोकस करो।
हैरी केन के लिए बायोमेट्रिक्स डेटा तो बन गया है - अब उसके बाहर के लोगों को भी डेटा चाहिए।
gauri pallavi
जुलाई 23 2024क्या आपने कभी सोचा कि शायद साउथगेट जानता है कि वो गलत है… लेकिन वो इसे बदलने के बजाय, इसे बार-बार दोहरा रहा है क्योंकि वो डर रहा है कि अगर वो बदल गया, तो लोग कहेंगे - ‘अरे, ये तो वही नया चलन है!’
Agam Dua
जुलाई 24 2024अगर तुम्हारे टीम के कप्तान का फिटनेस लेवल 60% है और तुम उसे फाइनल में खेलवाते हो - तो तुम्हारी टीम का नाम नहीं, तुम्हारा दिमाग बेकार है। साउथगेट ने टीम को नहीं, अपने अहंकार को फाइनल में ले जाया।
Gaurav Pal
जुलाई 25 2024केन के बारे में बात करना बेकार है। ये सिर्फ एक ट्रेंड है। जब तक तुम एक फुटबॉल टीम को एक एक्टर की तरह नहीं देखोगे, तब तक तुम जीत नहीं पाओगे। ये खेल नहीं, बॉलीवुड है।
बेलिंगहैम को कप्तान बनाओ - वो तो एक नेचुरल लीडर है। और फिल को बाएं फ्लैंक पर भेजो, ताकि वो अपने डांस मूव्स से विरोधी को भ्रमित कर दे।
sreekanth akula
जुलाई 25 2024इंग्लैंड की टीम को अब एक नए दृष्टिकोण की जरूरत है - जो न केवल यूरोप के बाहर से आए, बल्कि एशिया के फुटबॉल फिलॉसफी से भी प्रेरित हो। जापान और दक्षिण कोरिया ने दिखाया है कि अगर टीम एक एकत्व में खेले, तो आकाश सीमा होती है।
साउथगेट ने अपने टीम को बनाया - लेकिन उन्होंने एक इंग्लिश टीम नहीं, बल्कि एक ब्रिटिश लैंड की याद दिलाई।
Sarvesh Kumar
जुलाई 27 2024हम जितना भी बोलेंगे, साउथगेट को नहीं हटाएंगे। ये इंग्लैंड का अंदरूनी डर है - बदलाव का। हम तो खुद ही बर्बर हैं। एक बार फिर एक फाइनल हारने के बाद, हम फिर से उसी आदमी को बुलाएंगे।
Ashish Chopade
जुलाई 28 2024साउथगेट को तुरंत हटाएं। अभी। अब। इंग्लैंड के लिए यह अंतिम मौका है। नए कोच के लिए बैठक आज ही शुरू होनी चाहिए।
Shantanu Garg
जुलाई 29 2024मैंने उनका एक इंटरव्यू देखा था - जब उन्होंने कहा था, ‘मैं अपने खिलाड़ियों को जानता हूँ’। लेकिन शायद वो अपने खिलाड़ियों को जानते हैं… बस उन्हें बदलने की हिम्मत नहीं है।
Vikrant Pande
जुलाई 30 2024तुम सब बेवकूफ हो। साउथगेट को नहीं बदलना चाहिए - तुम्हें बदलना चाहिए। तुम अभी भी उस युग के फुटबॉल को समझ नहीं पा रहे जिसमें फुटबॉल एक बॉल गेम नहीं, बल्कि एक फिलॉसफिकल एक्सप्रेशन है। जूड बेलिंगहैम नहीं, तुम्हारा अहंकार ही टीम को खो रहा है।