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हरियाणा के स्वतंत्र विधायक राकेश दौलताबाद का 45 वर्ष की आयु में निधन

हरियाणा के स्वतंत्र विधायक राकेश दौलताबाद का 45 वर्ष की आयु में निधन

हरियाणा के विधायक राकेश दौलताबाद का असामयिक निधन

हरियाणा के बादशाहपुर विधानसभा सीट से स्वतंत्र विधायक राकेश दौलताबाद का शनिवार की सुबह 45 वर्ष की आयु में हार्ट अटैक से निधन हो गया। शनिवार, 25 मई 2024 की सुबह 10 बजे के आसपास उन्हें अचानक सीने में दर्द हुआ और उन्हें तुरंत एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों के प्रयासों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। दौलताबाद ने 2019 के विधानसभा चुनाव में बादशाहपुर सीट से जीत हासिल की थी और उसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अपना समर्थन दिया था।

दौलताबाद के निधन की खबर से उनके समर्थकों और अन्य राजनेताओं में शोक की लहर दौड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व हरियाणा भाजपा अध्यक्ष ओपी धनखड़ और पूर्व मंत्री गोपाल कांडा ने दौलताबाद के असामयिक निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मोदी ने उनकी मृत्यु को राज्य की राजनीति के लिए ‘एक बड़ी क्षति’ बताया, जबकि सैनी ने इसे राज्य की राजनीति में एक ‘शून्य’ करार दिया। धनखड़ और कांडा ने भी अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं और दुख व्यक्त किया।

राकेश दौलताबाद का राजनीतिक सफर

राकेश दौलताबाद का जन्म हरियाणा के एक साधारण परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद राजनीति में कदम रखा और शुरू में गांव के स्तर पर सक्रिय रहे। समाजसेवा और गांवों के विकास के प्रति उनके समर्पण ने उन्हें ग्रामीण जनता के बीच लोकप्रिय बनाया। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। अपने संवेदनशील और मेहनती स्वभाव के कारण, वे जल्द ही अपने क्षेत्र के लोगों के बीच लोकप्रिय हो गए।

राकेश दौलताबाद ने विधायक बनने के बाद अपने क्षेत्र में कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत की। शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्य किए। दौलताबाद का दृष्टिकोण हमेशा से ही ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के विकास को समान रूप से महत्व देने का रहा। उनके इस दृष्टिकोण ने उन्हें न केवल अपने क्षेत्र के लोगों के बीच, बल्कि राज्य के अन्य हिस्सों में भी एक सम्मानित नेता के रूप में स्थापित किया।

राकेश दौलताबाद के निधन पर राजकीय प्रतिक्रिया

राकेश दौलताबाद के निधन पर राजकीय प्रतिक्रिया

राकेश दौलताबाद के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, 'राकेश दौलताबाद का असामयिक निधन हरियाणा की राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है। वे एक संवेदनशील और समर्पित नेता थे, जिन्होंने हमेशा जनता की सेवा को प्राथमिकता दी। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।' मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी दुःख व्यक्त करते हुए कहा, 'राकेश दौलताबाद के निधन से हरियाणा की राजनीति में एक बड़ा शून्य उत्पन्न हो गया है, जिसे भर पाना बहुत मुश्किल होगा।'

इसके अलावा, पूर्व हरियाणा भाजपा अध्यक्ष ओपी धनखड़ और पूर्व मंत्री गोपाल कांडा ने भी दौलताबाद के निधन पर शोक व्यक्त किया। धनखड़ ने कहा, 'राकेश एक संजीदा और अव्वल दर्जे के नेता थे। उनके काम करने का तरीका और जनता से उनका जुड़ाव हमेशा ही प्रेरणादायक रहेगा।' कांडा ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा, 'राकेश दौलताबाद का निधन एक व्यक्तिगत हानि है। उनके जैसा नेता बहुत कम देखने को मिलता है।'

राजनीतिक और सामाजिक जगत में दौलताबाद के योगदान को याद किया गया

राकेश दौलताबाद ने अपने छोटे से राजनीतिक करियर में ही बड़े-बड़े काम किए। उनके कार्यकाल में उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उनके प्रयासों से कई गांवों में पक्की सड़कों का निर्माण हुआ और गांवों में बिजली और पानी की व्यवस्था को सुधारा गया। दौलताबाद ने हमेशा अपने क्षेत्र की जनता की समस्याओं को प्राथमिकता दी और उन्हें जल्द से जल्द सुलझाने का प्रयास किया।

दौलताबाद के निधन से हरियाणा की राजनीति को एक बडा झटका लगा है। उनके समर्थक और सहयोगी नेता उनकी कमी को हमेशा महसूस करेंगे। उनके द्वारा किए गए काम और उनके प्रति लोगों का प्यार हमेशा उन्हें यादगार बनाकर रखेगा।

राजकीय श्रद्धांजलि और अंतिम संस्कार

राजकीय श्रद्धांजलि और अंतिम संस्कार

राकेश दौलताबाद के अंतिम संस्कार में राज्य के कई वरिष्ठ नेता एवं उनके समर्थक शामिल हुए। अनेक गणमान्य लोग, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि और समाज के विभिन्न वर्गों के लोग उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे। राकेश दौलताबाद को राजकीय सम्मान के साथ विदा किया गया।

पूरे राज्य में शोक की लहर है और लोग उनकी कमी को महसूस कर रहे हैं। उनकी याद और उनके कार्यों को हमेशा याद रखा जाएगा और उनके योगदान का सदा सम्मान किया जाएगा।

दौलताबाद ने अपने जीवनकाल में यह साबित किया कि जनसेवा ही असली राजनीति है। उनके आदर्श और उनकी विचारधारा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनी रहेंगी।

राजनीतिक करियर की मुख्य उपलब्धियाँ

राकेश दौलताबाद ने अपने राजनीतिक करियर में निम्नलिखित मुख्य उपलब्धियाँ हासिल कीं:

  • शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और नई स्कूलों की स्थापना।
  • स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए नए अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का विकास, जैसे कि सड़कें, पानी और बिजली की आपूर्ति।

राकेश दौलताबाद का योगदान सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं था, उन्होंने समाजसेवा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनकी दूरदर्शिता और समाज के प्रति उनके समर्पण ने उन्हें लोगों के दिलों में एक खास जगह दी थी।

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