जब कालयानी प्रीयराशन ने लोकह चैप्टर 1: चंद्रा में मुख्य भूमिका निभाई, तो यह भारतीय सिनेमा में पहली महिला‑लीड सुपरहीरो फ़िल्म का इतिहास बन गया। फ़िल्म का निर्देशन दमनिक अरुण ने किया और प्रोडक्शन संभाला दुलेकर सलमान ने, जो पहले भी प्रयोगात्मक प्रोजेक्ट्स में दिलचस्पी ले चुके हैं। कहानी बंगलोर के एक कैफ़े में रात‑शिफ्ट पर काम करती चंद्रा (कालयानी) के इर्द‑गिर्द घूमती है, जहाँ वह अपना रहस्यमयी अतीत छुपाए रखती है।
फ़िल्म की पृष्ठभूमि और विचारधारा
फ़िल्म ने केरल की लोक‑कथाओं को आधुनिक सुपरहीरो ट्रॉप्स के साथ जोडने का दिलचस्प प्रयोग किया। शॉर्ट फ़िल्म सीरीज़ के बाद यह पहला पूर्ण फ़ीचर है, जहाँ बंगलोर को एक सपोर्टिंग बैकड्रॉप बनाया गया, जबकि कहानी के मूल में केरल की पारम्परिक संभावनाएँ निहित हैं।
निर्देशक दमनिक ने 2021 में एक इंटरव्यू में कहा था, “हम चाहते थे कि एक ऐसे किरदार को जन्म दें, जो न केवल शक्ति दिखाए बल्कि भारतीय पौराणिकता की जड़ें भी हों।” इस दृष्टिकोण ने फ़िल्म के सभी पहलुओं को प्रभावित किया।
मुख्य पात्र और उनके प्रदर्शन
चंद्रा के पड़ोसी नस्लेन एक प्रेम‑भरे रोमांस का लेंस प्रदान करते हैं। उनका किरदार गली‑गली में एक छोटे‑छोटे इशारों से दर्शकों को जोड़ता है, जिससे पहली आधी में भावनात्मक ताल बनती है। कॉमिक राहत के लिए चंदु सलिमकुमार ने वेनु का रोल किया, जो कई बार हँसी‑हँसी में गंभीरता को कम नहीं होने देता। तथा टॉविनो थॉमस का एक सरप्राइज कैमरेओ, जबकि छोटा सा था, फ़िल्म के बड़े‑बड़े मोड़ को सुदृढ़ करता है।
संगीत विभाग में जैक्स बेजॉय का थम्पिंग स्कोर फ़िल्म के अलौकिक माहौल को तेज़ी से बढ़ाता है। कैमरा काम के लिए निमिष रावी ने व्यापक फ्रेमिंग के साथ बंगलोर की नाइट लाइफ़ को चमकाया, और CGI‑विज़ुअल्स ने पौराणिक तत्वों को वास्तविकता के साथ जोड़ दिया। फ़िल्म की कुल रन‑टाइम 151 मिनट है और तकनीकी रूप से 1.90:1 के असामान्य एस्पेक्ट रेशियो में रिलीज़ हुई, जो कुछ थिएटर पर पिलर‑बॉक्सिंग का कारण बना।
समीक्षकों की राय – ताकत और कमजोरियां
समीक्षक अक्सर फ़िल्म की दो पहलुओं को लेकर द्विआधारी भावनाएँ रखे। एक ओर, तकनीकी चमक को 4‑में‑से‑5 स्टार मिलते हैं; स्कोर, सिनेमैटोग्राफी और प्रोडक्शन डिजाइन को “देश‑स्तर पर नई ऊँचाइयाँ” कहा गया। दूसरा पक्ष इसमें बताया गया कि स्क्रिप्ट अभी तक परिपक्व नहीं हुई। विशेष रूप से, चंद्रा‑और‑सनी के बीच का भावनात्मक बंधन अंत में धुंधला हो गया, जिससे दर्शकों को उनके रिश्ते में गहराई महसूस नहीं हुई।
विरोधी पात्र, नाचियप्पा गोड्डा, को कई समीक्षकों ने “आँखों को तिरछा करने वाला” कहा, क्योंकि वह सुपरहीरो‑फ़िल्म के बंधन को तोड़ने के बजाय एक साधारण गैंगस्टर जैसा दिखा। यही नहीं, ऑर्गन माफिया सब‑प्लॉट को केवल एक टकला‑ट्रैक के रूप में इस्तेमाल किया गया, जबकि उसकी संभावनाएँ गहरी सामाजिक टिप्पणी के लिए उपयुक्त थीं।
फ़िल्म का व्यापारिक प्रदर्शन और भविष्य की दिशा
फ़िल्म का बॉक्स‑ऑफ़िस ओपनिंग टुकेन लगभग 2.3 कोर००० रुपये रहा, जो कई बहु‑भाषा रिलीज़ के मुकाबले मध्यम माना जाता है। आलोचनात्मक रेटिंग 2.75‑3.5 स्टार के बीच रही, पर दर्शकों की प्रतिक्रिया मिश्रित रही। कई दर्शकों ने कहा, “काहे के टेक्निकल पावर देखने लायक है, पर कहानी में थोड़ा और पंजीकरण चाहिए था।” इस प्रकार फ़िल्म ने एक ऐसी राह खोली है, जहाँ भारतीय सुपरहीरो सिनेमा में महिला‑लीडरशिप को स्पॉटलाइट मिल सके।
निर्माता दुलेकर सलमान ने कहा है, “यह सिर्फ पहला अध्याय है; अगले अध्याय में हम कहानी की गहराई, नया खलनायक और अधिक रोमांचक वीएफएक्स जोड़ेंगे।” इस आशा से फैंस पहले से ही अगले फ़ेज़ की चर्चा में व्यस्त हैं।
भविष्य के लिए क्या उम्मीदें हो सकती हैं?
लोकह यूनिवर्स की योजना के अनुसार, अगला प्रोजेक्ट “लोकह चैप्टर 2: तारा” में चंद्रा के साथ एक नया नायक, निर्ज़ी (एक प्राचीन केरल नाइट) को केंद्रबिंदु बनाया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस बार स्क्रिप्ट में भावनात्मक गहराई और स्पष्ट एंटी‑हिरो जोड़ दिया गया तो फ़्रैंचाइज़़ को राष्ट्रीय स्तर पर स्टार‑ड्राइव मिल सकता है।
एक बात स्पष्ट है – महिला‑सुपरहीरो की इस पहली छलांग ने दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर किया कि सुपरहीरो की दुनिया को किस तरह विविधता से भर सकते हैं।
सारांश – क्यों देखना चाहिए?
- कालयानी प्रीयराशन का करिश्माई परफॉर्मेंस
- जैक्स बेजॉय का एनर्जेटिक साउंडट्रैक
- निमिष रावी की शहरी लाइटिंग
- केरल फ़ोक्लोर का अनोखा मिश्रण
- भविष्य के लोकह यूनिवर्स के लिए नींव
Frequently Asked Questions
चंद्रा के किरदार में किस चीज़ ने इसे खास बनाया?
कालयानी प्रीयराशन ने एक रहस्यमयी, आधी‑मानव, आधी‑देवी रूप को बारीकी से पेश किया, जिससे दर्शक उसकी शक्ति और कमजोरियों दोनों से जुड़ पाते हैं।
फ़िल्म के तकनीकी पहलू किन कारणों से सराहे गये?
जैक्स बेजॉय का संगीत, निमिष रावी की सिनेमैटोग्राफी और VFX टीम की केरल के लोक‑तत्वों को डिजिटल रूप में जीवंत करने की कोशिश को विशेषज्ञों ने ‘उत्कृष्ट’ कहा।
फिल्म की कहानी में सबसे बड़ा नुकसान क्या माना गया?
स्क्रिप्ट में कई सेकंडरी किरदारों को पर्याप्त स्क्रीन‑टाइम नहीं मिला, और ऐंटागोनिस्ट का प्रभाव कमज़ोर रहने से कथा का टेंशन घट गया।
क्या दर्शकों को बॉक्स‑ऑफ़िस पर परफॉर्मेंस पसंद आया?
पहले हफ़्ते में 2.3 कोड़ रुपए की कमाई हुई, जो भारतीय सुपरहीरो‑फ़िल्म्स के शुरुआती आँकड़े के साथ तुलनीय है, पर कई दर्शकों ने आगे की कहानी की उम्मीद जताई।
लोकह यूनिवर्स के अगले भाग में क्या बदलाव की उम्मीद है?
निर्माताओं ने कहा है कि अगली फ़िल्म में अधिक कठोर खलनायक, गहन भावनात्मक बंधन और विस्तृत VFX के साथ कहानी को आगे ले जाया जाएगा।
Arun Kumar
सितंबर 29 2025ये फिल्म तो बस एक विजुअल ब्लॉकबस्टर है, कहानी का कुछ नहीं है। कालयानी का परफॉर्मेंस तो बहुत अच्छा था, पर जब वो चंद्रा के रूप में रात के कैफे में कॉफी पी रही थी, तो मैं सोच रहा था - ये किसकी बायोपिक है, क्या ये एक सुपरहीरो फिल्म है या एक बंगलोर की नाइटलाइफ डॉक्यूमेंट्री?
sugandha chejara
अक्तूबर 1 2025मैंने इसे थिएटर में देखा, और असल में बहुत भावुक हो गया। कालयानी का चरित्र इतना इंसानी लगा - जैसे हर एक भारतीय महिला जो रात को काम करती है, अपने अतीत को दबाए रखती है, और फिर भी दिन भर मुस्कुराती है। ये फिल्म बस एक सुपरहीरो स्टोरी नहीं, एक आवाज़ है।
Indranil Guha
अक्तूबर 2 2025केरल के लोककथाओं को सुपरहीरो फिल्म में घोलना? ये तो भारतीय संस्कृति का अपमान है! हमारी पौराणिक देवियों को बंगलोर के कैफे में लाना - ये किसकी बेवकूफी है? ये फिल्म न तो भारतीय है, न ही वैज्ञानिक। ये तो वेस्टर्न कॉपी है जिसे हमने अपने नाम से बेच दिया।
Sohini Dalal
अक्तूबर 2 2025मुझे लगता है लोकह यूनिवर्स का असली जादू यहीं है - कि ये फिल्म इतनी ज्यादा बातें कर रही है, कि हर कोई अपनी अपनी बात लगा रहा है। कुछ को तकनीक दिख रही है, कुछ को कहानी, कुछ को केरल का फोकलोर। शायद ये फिल्म खुद एक अर्थ का बहु-आयामी सवाल है।
DHARAMPREET SINGH
अक्तूबर 3 2025जैक्स बेजॉय का साउंडट्रैक? बस एक बहुत बड़ा वाइब्रेशन बॉक्स। निमिष रावी की कैमरा वर्क? बस एक बहुत लंबा ट्रेकिंग शॉट। और वो वीएफएक्स? जब चंद्रा ने अपनी आँखें खोलीं और चमकी - मैंने सोचा, अरे भाई, ये तो गूगल एआई ने बनाया है।
Manu Tapora
अक्तूबर 4 2025फिल्म में एक बात अजीब थी - जब चंद्रा अपने अतीत को याद करती है, तो उसके पीछे एक देवी का आकार दिखता है, लेकिन उसका नाम कभी नहीं बताया गया। क्या ये शक्ति देवी काली है? या त्रिपुरा सुंदरी? ये जानकारी फिल्म के एक लाइन में हो सकती थी, लेकिन नहीं दी गई। क्या ये एक गलती है या एक इरादा?
venkatesh nagarajan
अक्तूबर 5 2025हम सब यहाँ फिल्म की तकनीक पर बहस कर रहे हैं, लेकिन क्या कभी सोचा है कि एक महिला सुपरहीरो का अर्थ क्या है? क्या ये बस एक बलवान औरत है जो लड़ती है? या ये एक ऐसी औरत है जो अपने दर्द को भी शक्ति बना लेती है? चंद्रा ने वो किया - बिना शोर किए।
Agam Dua
अक्तूबर 7 2025फिल्म ने एक बहुत बड़ा अवसर चूक गया। एक महिला सुपरहीरो, जिसका अतीत लोककथा से जुड़ा है - और फिर उसका विरोधी एक गैंगस्टर? ये तो बच्चों की कहानी है। अगर आपका खलनायक एक पारंपरिक विचारधारा होता, जो औरतों को अपने शक्ति के लिए डरता हो - तो ये फिल्म एक अंतर्राष्ट्रीय क्लासिक बन जाती।
sreekanth akula
अक्तूबर 8 2025केरल के लोककथाओं को बंगलोर में लाने का फिल्मकारों का निर्णय वास्तव में बहुत बुद्धिमानी से लिया गया। ये दर्शाता है कि भारतीय कहानियाँ किसी एक राज्य की नहीं, बल्कि पूरे देश की हैं। जब चंद्रा के पीछे वो आकृति दिखी - वो तो ओलाम भी नहीं, बल्कि भारत के हर कोने की देवी थी।
Shantanu Garg
अक्तूबर 9 2025मैंने इसे ऑनलाइन देखा। वीएफएक्स बहुत अच्छे थे, लेकिन जब चंद्रा ने अपनी शक्ति इस्तेमाल की, तो मुझे लगा जैसे कोई गेम का बॉस बैटल चल रहा हो। अच्छा लगा, लेकिन थोड़ा अलग लगा।
gauri pallavi
अक्तूबर 11 2025कालयानी का चरित्र इतना अच्छा था कि मैंने फिल्म खत्म होते ही उसके बारे में एक नॉवेल लिखने की योजना बना ली। अगर ये फिल्म एक टीवी सीरीज़ बन जाए - तो मैं हर एपिसोड के लिए ब्लॉग लिखूंगी।
Ashish Chopade
अक्तूबर 12 2025इस फिल्म ने भारतीय सिनेमा में एक नया मानक स्थापित किया है। तकनीकी दृष्टि से ये एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। अगली फिल्म के लिए अधिक विश्लेषण, अधिक तैयारी, अधिक विजुअल इनोवेशन की आवश्यकता है।
Gaurav Pal
अक्तूबर 13 2025ये फिल्म बस एक शोर है - एक बहुत बड़ा, बहुत चमकदार शोर। लेकिन जब शोर बंद होता है, तो क्या बचता है? एक खाली बैग। कहानी नहीं, भावना नहीं, केवल बहुत सारे वीएफएक्स।
soumendu roy
अक्तूबर 14 2025अगर एक महिला सुपरहीरो का अर्थ यह है कि वह एक आदर्श औरत है - तो चंद्रा का चरित्र बहुत कमजोर है। वह बलवान है, लेकिन उसकी कमजोरियाँ कहाँ हैं? वह एक देवी है, लेकिन क्या वह एक इंसान है? अगर नहीं, तो ये फिल्म एक धार्मिक चित्र है, न कि एक सिनेमा।
Sarvesh Kumar
अक्तूबर 15 2025मैंने ये फिल्म देखी - और फिर अपने दोस्त के घर गया, जहाँ उसकी बहन ने ये बताया कि वो भी एक चंद्रा है। वो रात को क्लिनिक में काम करती है, दिन में अपने बच्चों को पढ़ाती है, और अपने अतीत को चुपचाप दबाए रखती है। ये फिल्म ने उसकी आवाज़ को सुना।
Drishti Sikdar
अक्तूबर 17 2025मैंने फिल्म देखी, फिर अपने बाप से बात की - जो 70 साल के हैं। उन्होंने कहा, 'ये फिल्म तो बहुत अच्छी है, लेकिन ये देवी की कहानी नहीं, ये एक लड़की की कहानी है।' और फिर मैंने समझ लिया - ये फिल्म ने बस एक लड़की को देवी बना दिया।
Vikrant Pande
अक्तूबर 17 2025तकनीकी रूप से ये फिल्म एक जेम है, लेकिन इसकी कहानी एक खाली बॉक्स है। आपने एक नई देवी बनाई, लेकिन उसके लिए एक नया दुनिया नहीं बनाया। आपने उसे बंगलोर के कैफे में बैठा दिया, जबकि उसकी शक्ति ग्रामीण केरल की जड़ों में थी। ये तो एक बहुत बड़ा लॉजिकल फॉलेसी है।
indra group
अक्तूबर 19 2025हम भारतीयों को एक ऐसी फिल्म की जरूरत है जो हमारी शक्ति को नहीं, बल्कि हमारी चुप्पी को दिखाए। चंद्रा ने चुपचाप अपना दर्द बर्दाश्त किया - और फिर वो चमकी। ये फिल्म हमारी आत्मा की आवाज़ है।
srilatha teli
अक्तूबर 20 2025मैंने इस फिल्म को अपनी बेटी के साथ देखा। उसने बस एक बार कहा - 'मम्मी, मैं भी चंद्रा बनना चाहती हूँ।' और उस एक लाइन ने मुझे रो दिया। ये फिल्म बस एक सिनेमा नहीं है - ये एक नई सपनों की शुरुआत है। कोई भी बच्ची अब सोच सकती है - मैं भी एक देवी हो सकती हूँ।
Suraj Dev singh
अक्तूबर 21 2025मैंने फिल्म देखी, फिर उसके बाद एक लोककथा की किताब पढ़ी। और फिर एक बार फिल्म देखी। अब मुझे लगता है - ये फिल्म ने एक जादू बना दिया है। ये न केवल एक फिल्म है, बल्कि एक यात्रा है - जहाँ आप अपने अंदर की चंद्रा को ढूंढ़ते हैं।