यूपी बोर्ड रिजल्ट 2025: कब आएगा नतीजा, कैसे मिलेगी टॉपरों को इनाम
इस साल UP Board Result 2025 को लेकर जितनी चर्चा है, उतनी तैयारी भी दिख रही है। यूपी बोर्ड ने 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 24 फरवरी से 12 मार्च तक ली थीं, जिनमें लगभग 54.38 लाख छात्रों ने भाग लिया। परीक्षा खत्म होने के बाद कॉपियों की जांच का सिलसिला तेज है – कल्पना कीजिए, करीब 3 करोड़ आंसर शीट्स, जिनका मूल्यांकन बारीक और कड़ी निगरानी में हो रहा है।
कई मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर 20 अप्रैल को रिजल्ट आने की खबर तैर गई थी, लेकिन बोर्ड ने खुद सामने आकर इन खबरों को गलत बता दिया। बोर्ड का साफ कहना है कि रिजल्ट डेट के लिए सिर्फ ऑफिशियल वेबसाइट (upmsp.edu.in या upresults.nic.in) पर जारी सूचना ही सही मानी जाए।
कौन बनेंगे टॉपर और क्या मिल सकता है उन्हें?
हर साल की तरह इस बार भी टॉपर्स की होड़ जबरदस्त है। टॉपर बनने का मतलब सिर्फ नाम और शान नहीं, बल्कि मोटा इनाम भी है। बीते वर्षों की बात करें तो यूपी बोर्ड परीक्षा के टॉपरों को लाखों रुपये, लैपटॉप, टैबलेट या स्कॉलरशिप दी जाती रही है। स्कूलों की दीवारों पर नाम, गांव या जिले का सम्मान और मीडिया में छपना तो अलग ही बात है।
हालांकि, 2025 के लिए अभी तक बोर्ड ने 'टॉपर योजना' (Topper Scheme) को लेकर औपचारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन आमतौर पर यूपी सरकार टॉपर्स को प्रोत्साहन के लिए नगद राशि देती है। पिछले साल, राज्य के टॉपर्स को 1-2 लाख रुपये नगद, एक लैपटॉप, और सर्टिफिकेट दिए गए थे। कुछ जिलों में स्थानीय प्रशासन की तरफ से स्किल डेवलपमेंट या कोचिंग के लिए खास सुविधाएं और सम्मान समारोह भी हुए थे।
- पिछले वर्षों में 10वीं-12वीं टॉपरों को 1 लाख रुपये तक का इनाम
- लैपटॉप, टैबलेट या स्कॉलरशिप के रूप में प्रोत्साहन
- राज्य स्तर पर मीडिया/सरकार द्वारा सम्मानित करने की परंपरा
इस साल भी उम्मीद की जा रही है कि परीक्षा टॉपर्स को इन पुरस्कारों का फायदा मिलेगा। जितने ज्यादा नंबर, उतना बड़ा मौका – स्कॉलरशिप कोर्स, सरकारी इंटरव्यू में छूट, या उच्च शिक्षा का सपोर्ट भी पिछली बार देखने को मिला था।
रिजल्ट दिन छात्र को अपना रोल नंबर और स्कूल कोड तैयार रखना जरूरी है। एक साथ लाखों छात्र वेबसाइट पर लॉगिन करते हैं, तो कभी-कभी साइट स्लो हो सकती है। ऐसे में घबराएं नहीं, ऑफिशियल साइट से ही रिजल्ट देखें। बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि महत्त्वपूर्ण घोषणाएं सिर्फ वेबसाइट्स पर ही होंगी – किसी सोशल मीडिया पोस्ट या यू-ट्यूब वीडियो पर भरोसा न करें।
जो बच्चे टॉपर सूची में न आ पाएं, उनके लिए भी स्कॉलरशिप, काउंसलिंग सुविधा और प्रोत्साहन के कई मौके यूपी सरकार ढूंढ़ती है। पढ़ने की ललक हो तो यूपी बोर्ड हर मेहनती छात्र को पहचान और सपोर्ट देता है।
Manu Tapora
अप्रैल 20 2025रिजल्ट आने में अभी भी कुछ हफ्ते लगेंगे, लेकिन जब आएगा तो वेबसाइट पर जाकर देखना बिल्कुल सही रहेगा। मैंने पिछले साल एक यूट्यूब वीडियो पर भरोसा किया था और वो गलत था - फिर ऑफिशियल साइट पर जाने के बाद पता चला कि रिजल्ट अभी तक अपलोड नहीं हुआ था। इसलिए किसी के बोलने पर नहीं, सिर्फ बोर्ड की वेबसाइट पर ही भरोसा करो।
Drishti Sikdar
अप्रैल 22 2025टॉपर्स को लाखों रुपये मिलते हैं लेकिन जिनके नंबर 90% से नीचे हैं, उनके लिए कुछ नहीं? ये सिस्टम बहुत असमान है।
Shantanu Garg
अप्रैल 23 2025मेरा भाई 12वीं में 94% लाया था पर उसे कुछ नहीं मिला सिर्फ एक सर्टिफिकेट और एक फोटो जो स्कूल की दीवार पर लग गया। अब तो लैपटॉप भी नहीं मिलता, बस नाम दिख जाता है। अगर इनाम नहीं मिल रहा तो फिर इतनी चर्चा क्यों?
Vikrant Pande
अप्रैल 23 2025अरे यार ये सब बकवास है। टॉपर्स को इनाम देना तो बहुत अच्छी बात है लेकिन जब तक आम छात्रों की बेसिक शिक्षा का इंतजाम नहीं होगा तो ये सब नाटक है। तुम्हारे जैसे लोग तो सिर्फ टॉपर्स के नाम से फेमस होना चाहते हो। जिनके पास लैपटॉप नहीं है उनके लिए क्या किया गया? यूपी में 60% स्कूलों में इंटरनेट तक नहीं है। इनाम देने से पहले बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारो।
और हां, जो लोग यूट्यूब पर रिजल्ट लीक करते हैं वो सिर्फ क्लिकबेट के लिए करते हैं। बोर्ड का जवाब देना बहुत अच्छा है।
मैंने 2023 में भी एग्जाम दिया था, और तब भी यही बकवास चल रही थी। अब तक कोई बदलाव नहीं हुआ। बस नाम बदल गया।
क्या आपको पता है कि दिल्ली बोर्ड में टॉपर्स को 5 लाख देते हैं? यूपी बोर्ड तो अभी भी 1 लाख से डर रहा है।
और हां, जो लोग बोलते हैं कि इनाम देने से पढ़ाई बढ़ती है - ये बकवास है। अगर बच्चा पढ़ना चाहता है तो वो बिना इनाम के भी पढ़ेगा।
इनाम देने का मतलब ये नहीं कि बाकी बच्चों को नजरअंदाज किया जा सकता है।
ये सब नाटक है जिसमें सिर्फ टॉपर्स को फोकस किया जाता है। बाकी बच्चे तो बस अंकों का आंकड़ा हैं।
मैं नहीं मानता कि ये इनाम शिक्षा को बेहतर बनाता है। ये तो सिर्फ एक लोकप्रियता ट्रिक है।
Indranil Guha
अप्रैल 23 2025हमारे देश में जब तक बच्चों को टॉप करने का साहस नहीं दिया जाएगा, तब तक हम दुनिया के आगे नहीं बढ़ पाएंगे। यूपी सरकार की यह नीति बहुत बड़ी है। ये इनाम नहीं, ये राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक है।
जिन लोगों को लगता है कि ये सिर्फ नाटक है, वो अपनी निराशा को देश के खिलाफ बदल रहे हैं। ये इनाम देना हमारे विरासत का हिस्सा है - जहां बच्चे अपनी मेहनत से देश को गर्व देते हैं।
हमारे बाबा-दादा भी बिना लैपटॉप के टॉप करते थे। अब जब तक लैपटॉप नहीं मिला, तब तक उनकी मेहनत कम नहीं है।
हमें इन लोगों के खिलाफ खड़े होना चाहिए जो इस अच्छी नीति को बदनाम कर रहे हैं।
srilatha teli
अप्रैल 24 2025हर बच्चे की मेहनत का मूल्य है, चाहे वो टॉपर हो या नहीं। जब हम सिर्फ टॉपर्स को ही सम्मानित करते हैं, तो हम लाखों ऐसे बच्चों को नजरअंदाज कर रहे हैं जो रोज सुबह 5 बजे उठकर पढ़ते हैं, बिना बिजली के, बिना अच्छी किताबों के, बिना कोचिंग के।
मैंने एक गांव के बच्चे को देखा था - उसके पास सिर्फ एक पुरानी बुक थी, जिसके कुछ पन्ने टूटे हुए थे। फिर भी उसने 89% लाए। उसका नाम टॉपर्स लिस्ट में नहीं था, लेकिन उसकी मेहनत ने मुझे रोमांचित कर दिया।
हमें इनाम के बजाय एक ऐसा सिस्टम बनाना चाहिए जहां हर बच्चा अपनी गति से आगे बढ़ सके। टॉपर्स को सम्मान देना जरूरी है, लेकिन उन बच्चों को भी देखना जरूरी है जो बिना किसी सहारे के अपने आप ऊपर चढ़ रहे हैं।
एक छोटी सी स्कॉलरशिप, एक फ्री टैबलेट, एक ऑनलाइन कोर्स का एक्सेस - ये सब भी बहुत बड़ा इनाम हो सकता है।
सरकार अगर चाहे तो टॉपर्स के साथ-साथ उन बच्चों के लिए भी एक छोटी सी योजना बना सकती है - जिन्होंने अपनी पूरी कोशिश की है।
पढ़ाई का असली इनाम तो वो है जब बच्चा खुद को बदल देता है। बाकी सब तो सिर्फ शो-ऑफ है।
मैं आपको याद दिलाना चाहती हूं कि एक बच्चा जो अपने घर में अपनी मां के साथ चावल बेचकर पढ़ रहा है, वो भी एक टॉपर है।
हमारी समाज की ताकत उन लोगों में है जो बिना सम्मान के भी आगे बढ़ते हैं।
इनाम देना अच्छा है, लेकिन उन लोगों को देखना जो बिना इनाम के भी लड़ रहे हैं - वो ही असली नेता हैं।
Sohini Dalal
अप्रैल 25 2025अरे यार, लेकिन क्या तुमने कभी सोचा कि जिन बच्चों को इनाम नहीं मिला, उनके पास अभी भी एक शानदार भविष्य है? मैंने एक दोस्त को जाना है जिसने 12वीं में 78% लाया और अब एक ऐप बनाकर 50 लाख कमा रहा है। नंबर नहीं, मेहनत ही असली जीत है।