मासूद पेज़ेश्कियन, जो एक हृदय सर्जन से राष्ट्रपति बने हैं, ने ईरान की राजनीति में एक नई उम्मीद जगाई है। जहां उनके हजारों देशवासी यह मानते हैं कि ईरान की राजनीतिक प्रणाली में सुधार संभव नहीं है, पेज़ेश्कियन ने इस चुनौती को स्वीकारा है। उनके नेतृत्व में ईरान अब एक नए दौर की ओर बढ़ रहा है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण कदम देश के परमाणु विवाद को समाप्त करना है।
मासूद पेज़ेश्कियन का राजनीतिक सफर अद्वितीय है। एक चिकित्सा पेशेवर से एक राजनेता तक का उनका सफर न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे एक व्यक्ति अपने देश की भलाई के लिए सब कुछ त्याग सकता है। उन्होंने अपने चिकित्सा करियर को छोड़कर राजनीति में कदम रखा और अब वे देश के सर्वोच्च पद पर हैं। राष्ट्रपति बनने के बाद, उन्होंने सबसे पहले अपने देश के इतिहास में सबसे गंभीर और दीर्घकालिक विवाद, यानी परमाणु विवाद को समाप्त करने का संकल्प लिया।
ईरान का परमाणु कार्यक्रम दुनिया भर में चिंता और विवाद का विषय रहा है। कई वर्षों से, वैश्विक शक्तियों और ईरान के बीच बातचीत चल रही थी, लेकिन वांछित परिणाम प्राप्त नहीं हो सकें। हालांकि, पेज़ेश्कियन के आने से स्थिति में बदलाव की उम्मीद जगी है। उन्होंने अपने चुनावी अभियान के दौरान ही स्पष्ट कर दिया था कि उनका मुख्य लक्ष्य देश को परमाणु विवाद से मुक्त कराना है।
पेज़ेश्कियन का दृष्टिकोण: शांति और कूटनीति
मासूद पेज़ेश्कियन का मानना है कि एक मजबूत और सुविचारित कूटनीति से ही परमाणु विवाद का समाधान संभव है। उन्होंने कहा है कि परमाणु कार्यक्रम को नियंत्रित करने और इसे आम आदमी की भलाई के लिए उपयोग करने का समय आ गया है। पेज़ेश्कियन के अनुसार, यह न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ बेहतर संबंध स्थापित करने के लिए भी आवश्यक है।
पेज़ेश्कियन की न्यूक्लियर नीति का मुख्य उद्देश्य है कि ईरान स्वेच्छा से अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करेगा, ताकि दुनिया का विश्वास जीत सके। यह निर्णय निस्संदेह अंतरराष्ट्रीय समुदाय में सकारात्मक संकेत भेजेगा और इसके परिणामस्वरूप, ईरान पर लगे विभिन्न प्रतिबंधों में कमी आ सकती है।
सुधारों की दीर्घकालिक योजना
पेज़ेश्कियन ने राजनीतिक सुधारों की एक विस्तृत योजना भी प्रस्तुत की है। वे न्यायपालिका, प्रशासनिक और चुनावी सुधार के पक्षधर हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि इन सुधारों का मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता और सार्वजनिक विश्वास को बहाल करना है। उन्हें विश्वास है कि अगर राजनीतिज्ञ पारदर्शिता और जिम्मेदारी के साथ काम करेंगे, तो देश में स्थिरता और विकास संभव होगा।
राष्ट्रपति मासूद पेज़ेश्कियन का मानना है कि अगर ईरान अपने आंतरिक विवादों और राजनीतिक अराजकता से मुक्त हो जाता है, तो वह विश्व पटल पर एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभरेगा। उन्होंने अपने देशवासियों से अनुरोध किया है कि वे इन सुधारों का समर्थन करें और उनके साथ मिलकर एक विकसित और स्थिर ईरान का निर्माण करें।
वैश्विक समुदाय की प्रतिक्रिया
पेज़ेश्कियन के इस संकल्प पर वैश्विक समुदाय की प्रतिक्रियाएं मिलीजुली रही हैं। जहां कुछ देश उनके दृष्टिकोण का स्वागत कर रहे हैं, कुछ ने अभी भी संशय बना रखा है। लेकिन एक बात साफ है कि मासूद पेज़ेश्कियन के इस साहसिक कदम ने दुनिया को एक नया संदेश दिया है कि ईरान अब शांति और स्थिरता की ओर अग्रसर है।
संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संगठनों ने पेज़ेश्कियन के प्रयासों को एक सकारात्मक दिशा में मान्यता दी है। उन्होंने ईरान सरकार को विश्वास दिलाया है कि अगर वे अपने वादों को निभाते हैं, तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी सहयोग करेगा।
परमाणु विवाद का इतिहास और पेज़ेश्कियन का योगदान
ईरान का परमाणु विवाद 1970 के दशक से चल रहा है, जब देश अपनी परमाणु क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रयासरत था। सहज नहीं था कि एक दिन ईरान इस विवाद से बाहर निकलेगा। लेकिन मासूद पेज़ेश्कियन के नेतृत्व में, देश ने एक नई दिशा अपनाई है। उनकी नीति और कार्यक्रम न केवल राष्ट्रीय अशांति को खत्म करेंगे, बल्कि अन्तराष्ट्रीय संबंधों को भी सुधारेंगे।
यह कहना गलत नहीं होगा कि पेज़ेश्कियन का यह साहसिक कदम न केवल ईरान बल्कि पूरे मध्य पूर्व के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। यदि उनकी नीति सफल होती है, तो यह क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
ईरान के लोगों के लिए, मासूद पेज़ेश्कियन एक नायक के समान उभर रहे हैं। उनकी राजनीतिक दृष्टि और साहसिक कदमों ने लोगों में नया उत्साह भरा है। देश के युवा वर्ग में पेज़ेश्कियन की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है और वे उनकी योजनाओं में विश्वास भावपूर्वक समर्थन दे रहे हैं।
कुल मिलाकर, मासूद पेज़ेश्कियन का यह कदम ईरान के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ने वाला है। अगर सब कुछ योजना अनुसार चलता है, तो जल्द ही ईरान न केवल परमाणु विवाद से मुक्त होगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भी अपनी एक नई पहचान बनाएगा।