NEET UG 2024 के परिणाम पुनः जारी
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद NEET-UG मेडिकल प्रवेश परीक्षा के शहर और केंद्र-वार परिणाम पुनः जारी किए हैं। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। 5 मई 2024 को आयोजित इस परीक्षा में 4,750 केंद्रों पर 571 शहरों में 24 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था, जिनमें से 14 केंद्र अंतरराष्ट्रीय स्थानों पर थे।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश और इसका महत्व
सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा परिणाम जारी किए जाने का आदेश पारदर्शिता की दृष्टि से दिया था। अदालत ने यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि परिणामों की पहचान छिपाकर प्रकाशित किया जाए, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या जिन केंद्रों के बारे में संदेह था, वहां के उम्मीदवारों ने अन्य स्थानों की तुलना में अलग स्कोर किया है। इसके पीछे उद्देश्य यह है कि परीक्षा में किसी प्रकार की अनियमितता ना हो और सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिले।
परिणाम कैसे देखें
परिणाम देखने के लिए उम्मीदवारों को NTA NEET की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वहां पर 'NEET UG Result 2024' लिंक पर क्लिक करना होगा। फिर अपने राज्य और शहर का चयन करके परिणाम को PDF फॉर्मेट में देखा जा सकता है। उम्मीदवार अपनी आईडी और अन्य जरूरी जानकारी को भरकर परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।
पुनः परीक्षा और जांच की अर्जी
सुप्रीम कोर्ट अब 22 जुलाई को इस मामले की पूरी सुनवाई करेगा जिसमें परीक्षा के रद्द करने, पुनः परीक्षा और कथित अनियमितताओं की जांच की याचिकाएं शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि NEET-UG 2024 की पुनः परीक्षा तभी कराई जाएगी जब साफ प्रमाण हो कि पूरी परीक्षा की निष्पक्षता खतरे में पड़ी है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं, और उन्होंने परीक्षा के सामाजिक प्रभाव को ध्यान में रखते हुए इसके महत्व को स्वीकारा है।
यह मामला न केवल एजुकेशन सिस्टम के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि देश के लाखों छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए भी अत्यंत संवेदनशील है। सुप्रीम कोर्ट का यह कदम उस विश्वास को पुनर्स्थापित करने का प्रयास है जो समाज के विभिन्न वर्गों में परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और निष्पक्षता में है।
सार्वजनिक प्रतिक्रिया और महत्वपूर्ण आंकड़े
इस खबर के बाहर आने के बाद जनता के विभिन्न वर्गों ने अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं। कुछ लोग इस कदम को सही बताते हैं और मानते हैं कि इससे परीक्षा प्रणाली में सुधार होगा। जबकि कुछ लोगों का कहना है कि इससे उम्मीदवारों की अनिश्चितता बढ़ गई है और समय का नुकसान हुआ है।
| शहर | सेंटरों की संख्या | उम्मीदवारों की संख्या |
|---|---|---|
| दिल्ली | 300 | 60,000 |
| मुंबई | 250 | 50,000 |
| कोलकाता | 200 | 40,000 |
भविष्य के उपाय
आने वाले समय में, सरकार और शिक्षा संस्थानों को परीक्षा की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के कदम उठाने होंगे। इसके अलावा, उम्मीदवारों को भी यह जानने की जरूरत है कि उनके अधिकार क्या हैं और वे किस प्रकार अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।
इस प्रकार, NEET UG 2024 के पुनः जारी परिणाम न केवल एक प्रशासनिक निर्णय है, बल्कि यह परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे लाखों छात्रों को निष्पक्ष और पारदर्शी वातावरण में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर मिलेगा।
gauri pallavi
जुलाई 21 2024बस एक लाइन में: अब तो हर एग्जाम के बाद सुप्रीम कोर्ट को बुलाना पड़ता है, जैसे न्याय का अंतिम रास्ता अदालत ही है।
DHARAMPREET SINGH
जुलाई 23 2024ये रिजल्ट रिलीज करने का जो नया फॉर्मेट है, इसमें भी अगर कोई डेटा ट्रिक कर रहा है तो फिर भी बर्बादी ही होगी। NTA के अंदर के लोगों को तो बस एक बार डिस्किलिफाई कर देना चाहिए। ये सब टेक्निकल ट्रिक्स तो बस टाइम वास्ट करने के लिए हैं।
Gaurav Pal
जुलाई 24 2024क्या आप जानते हैं कि इस परीक्षा में जितने सेंटर हैं, उतने ही अलग-अलग स्टैंडर्ड्स हैं? एक शहर में आंसर शीट गलत हो गई, दूसरे में बायोमेट्रिक्स फेल हो गए, तीसरे में एग्जामिनर ने बस अपने दोस्त के बेटे को 10 अंक बढ़ा दिए। ये सब फेक ट्रांसपेरेंसी है।
और फिर सुप्रीम कोर्ट आता है, एक बार फिर एक फॉर्म भरवाता है, और बस लोगों को ये बता देता है कि अब सब ठीक है। लेकिन ये नहीं कहता कि कौन गलत था।
कोई भी इंसान जो इस परीक्षा के बाद अपना भविष्य बनाने की कोशिश कर रहा है, उसके लिए ये सिर्फ एक बड़ा ट्रॉमा है।
हम जो एग्जाम दे रहे हैं, वो एक टेस्ट नहीं, एक जीवन बदलने वाला फैसला है। और अब तक कोई भी सिस्टम नहीं बन पाया जो इसे निष्पक्ष बना सके।
मैंने अपने भाई को देखा है, जो 680+ स्कोर करके भी नहीं बना, क्योंकि उसके सेंटर में एक बार बिजली चली गई। और उसका रिजल्ट लापता हो गया।
तो अब ये नया पुनः प्रकाशन भी क्या है? बस एक और नाटक।
हमें ये नहीं चाहिए कि हर साल कोर्ट आए। हमें चाहिए कि NTA अपना काम करे।
अगर आप एक बार भी एग्जाम सेंटर के अंदर गए होंगे, तो आप जानते होंगे कि ये सिस्टम कितना टूटा हुआ है।
इसका जवाब नहीं है। इसका बस एक ही जवाब है - एग्जाम रद्द कर दो।
sreekanth akula
जुलाई 26 2024अगर हम ये बात मान लें कि परीक्षा में अनियमितता हुई, तो क्या ये सिर्फ एक शहर की बात है? या फिर ये एक सिस्टमिक फेलियर है? मैंने देखा कि दिल्ली में 300 सेंटर, मुंबई में 250 - ये नंबर्स तो बहुत बड़े हैं। लेकिन क्या इनमें से हर एक के लिए एक अलग ट्रेनिंग दी गई? नहीं।
हम जो भी लोग इस परीक्षा में शामिल हुए, हमने ये नहीं सोचा कि हमारा अंक किसके हाथ में है।
क्या हमने कभी सोचा कि एक सेंटर में एग्जामिनर को बस 10 रुपये मिल गए तो वो एक बच्चे के आंसर शीट को बदल देता है?
ये एक इंडियन सिस्टम की असली बात है। हम सब जानते हैं, लेकिन कोई बोलता नहीं।
सुप्रीम कोर्ट का ये कदम अच्छा है, लेकिन इसके बाद क्या होगा? क्या हमें हर साल इसी तरह का ड्रामा देखना होगा?
मुझे लगता है कि हमें एक नया सिस्टम चाहिए - ऑनलाइन, ऑटोमेटेड, और बिना मानव हस्तक्षेप के।
इस तरह की परीक्षाएं तभी बर्बाद होती हैं जब इंसान उनमें शामिल होता है।
हम अपने बच्चों को इस दुनिया में बड़ा कर रहे हैं, लेकिन उन्हें ये नहीं बता रहे कि ये सिस्टम कैसे खराब है।
हमें इसे बदलना होगा। न कि बस नए रिजल्ट देखना।
Sarvesh Kumar
जुलाई 27 2024इतना ड्रामा क्यों? जिन्होंने लगन से पढ़ा है, उनका रिजल्ट तो अच्छा होगा ही। बाकी जो बस ब्रेनवॉश करके आए हैं, उन्हें तो इस देश की जरूरत नहीं। जल्दी जल्दी बैठ जाओ, अपना नाम लिख लो, और चले जाओ।
Ashish Chopade
जुलाई 28 2024पारदर्शिता एक अधिकार है, न कि एक दया।
NTA को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
परीक्षा निष्पक्ष होनी चाहिए।
यह अपेक्षा है, न कि आशीर्वाद।
कोर्ट को बुलाने की जरूरत नहीं।
अपना काम करो।
अब।
Shantanu Garg
जुलाई 30 2024मैं भी इस परीक्षा में शामिल हुआ था। रिजल्ट आया, मैंने देखा, कुछ अंक थे। अब फिर से देखना है। बस।
कोई बड़ी बात नहीं।
Vikrant Pande
जुलाई 30 2024अरे भाई, ये सब तो बस एक ट्रेंड है। पिछले साल भी ऐसा ही हुआ था। अब फिर से जबरदस्ती रिजल्ट रिलीज कर रहे हैं। लोगों को ये बताने के लिए कि आपका नंबर नहीं बदला, बल्कि आपका नंबर अब और भी अधिक अनिश्चित है।
ये जो शहर-वार रिजल्ट हैं, वो क्या दिखाते हैं? कि दिल्ली में ज्यादा लोग निकले? तो फिर ये अच्छा है या बुरा? ये तो फिर भी बात बन जाती है कि क्या वहां ज्यादा तैयारी हुई या फिर ज्यादा चालाकी हुई?
मैंने देखा है कि एक छोटे शहर में एक बच्चे ने 700+ स्कोर किया - और उसका पैपर नहीं मिला। अब ये बात कहाँ जाती है?
ये तो बस एक बड़ा गेम है। और हम सब उसके पार्टीज़ हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने जो किया, वो अच्छा है। लेकिन ये एक लाइव शो है।
और जब तक हम इसे एक शो नहीं समझेंगे, तब तक हम अपने बच्चों को इसके लिए तैयार नहीं कर पाएंगे।
मैंने एक बार एक एग्जामिनर से बात की थी। उसने कहा - ‘हम भी तो बस नौकरी कर रहे हैं।’
और यही सच है।
Indranil Guha
जुलाई 30 2024यह एक ऐसा अवसर है जिसे देश नहीं खोना चाहिए।
यदि एक शहर में एक छोटी सी अनियमितता हुई, तो वह सारे भारत के लिए एक चेतावनी है।
हमारे छात्रों को न्याय देना हमारी जिम्मेदारी है।
कोई भी अनियमितता देश के भविष्य के लिए खतरा है।
इसलिए यह निर्णय सही है।
हमें इसे समर्थन देना चाहिए।
नहीं तो हम अपने बच्चों के भविष्य को बेच रहे हैं।
srilatha teli
जुलाई 30 2024हर एक बच्चा, हर एक परिवार, हर एक अभिभावक - उनके दिल में एक सपना है।
ये परीक्षा उस सपने का दरवाज़ा है।
अगर वो दरवाज़ा खुलने में देर हो रही है, तो उसका कारण नहीं है कि बच्चा कमजोर है।
बल्कि ये है कि सिस्टम ने उसे नहीं छुआ।
हम अक्सर ये भूल जाते हैं कि एक नंबर के पीछे एक जीवन है।
एक रात जब बच्चा बिना सोए पढ़ रहा होता है।
एक माँ जो अपने बेटे के लिए रोज चावल के आटे से बनाई गई रोटी खाती है।
एक पिता जो दूसरे शहर में काम करता है और बच्चे के लिए एक बार भी नहीं आ पाया।
इन सबके लिए ये रिजल्ट नहीं, एक आशा है।
और आशा को बर्बाद नहीं किया जा सकता।
ये पुनः प्रकाशन एक छोटा सा कदम है, लेकिन ये एक बड़ा संदेश है - कि तुम्हारी आशा देखी जा रही है।
Sohini Dalal
अगस्त 1 2024मुझे लगता है कि ये सब ज्यादा जटिल हो गया है। अगर रिजल्ट आया है, तो बस उसे मान लो। फिर से देखने की क्या जरूरत? ये तो बस एक बड़ा बकवास है।
Agam Dua
अगस्त 2 2024क्या तुम सच में सोचते हो कि ये रिजल्ट अब असली है? तुम्हारा नंबर बदलेगा? नहीं।
तुम्हारा नंबर बदलेगा तभी जब तुम एक दिन खुद को एक नया इंसान बना लोगे।
ये सब बस एक बड़ा शो है।
और तुम सब उसके दर्शक हो।
जब तक तुम अपनी जिम्मेदारी नहीं लेते, तब तक कोई अदालत नहीं बचा पाएगी।
ये एक अनुभव है।
ये एक शिक्षा है।
ये एक दर्द है।
और तुम इसे देख रहे हो।
लेकिन क्या तुम इसे समझ रहे हो?