महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति में बदलाव
महाराष्ट्र के राजनीतिक हंगामे के बीच, एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को सौंप दिया है। उनका इस्तीफा 26 नवंबर 2024 को आया, जो कि वर्तमान विधानसभा के कार्यकाल के अंत का संकेत देता है। हालांकि, उन्हें अनुरोध किया गया है कि वे राज्य के नए शासन के गठन तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में बने रहें, जिससे राज्य की प्रशासनिक प्रक्रिया में किसी प्रकार की रुकावट नहीं आए।
भाजपा-नेतृत्व वाली महायुति ने हाल के विधानसभा चुनावों में जबरदस्त प्रदर्शन किया है, जिसमें उन्होंने 288 सदस्यीय विधानसभा में 235 सीटें जीती हैं। यह परिणाम राज्य में उनकी पकड़ को और मजबूत करता है। हालांकि, महायुति ने अभी तक नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं की है, लेकिन जल्द ही इस पर निर्णय होने की संभावना है।
भाजपा का नया नेतृत्व प्रस्ताव
भाजपा, जिसने इस बार 132 सीटों के साथ अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है, ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाने का प्रस्ताव दिया है। फडणवीस इससे पहले दो बार मुख्यमंत्री का पद संभाल चुके हैं, और भाजपा उनके अनुभव को लाभदायक मानती है। उधर, शिवसेना का कहना है कि एकनाथ शिंदे को ही राज्य की सत्ता संभालनी चाहिए, क्योंकि 'माझी लाडकी बहीण योजना' जैसे क्रांतिकारी कार्यक्रम शिंदे की नेतृत्व क्षमताओं का प्रतीक हैं, जिसने चुनावों में कारगर सिद्ध किया।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा एक ऐसे फॉर्मुले पर काम कर रही है, जिसमें फडणवीस मुख्यमंत्री होंगे और शिंदे और एनसीपी के अजित पवार उप-मुख्यमंत्री होंगे। इसके साथ ही, शिंदे गठबंधन की एक समन्वय समिति के प्रमुख भी रहेंगे। भाजपा का दावा है कि उनका निर्णय राज्य के विकास को ध्यान में रखकर लिया गया है, लेकिन शिवसेना ने शिंदे की भूमिका पर जोर दिया है।
नई सरकार का संभावित गठन
यह उम्मीद की जा रही है कि मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण समारोह 1 दिसंबर को आयोजित होगा। इस समारोह में 20 विधायकों को मंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाएगी। भाजपा के 10 कैबिनेट मंत्री होंगे, जबकि शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को छह और अजित पवार की एनसीपी को चार मंत्री पद दिए जाएंगे। यह सरकार महाराष्ट्र के विकास की दिशा में आगे बढ़ने के लिए विभिन्न विषयों पर ध्यान देगी।
इस बीच, शिवसेना के नेता और कार्यकर्ता पूरे राज्य में प्रार्थना और सभाएं आयोजित करके शिंदे के समर्थन में जुटे हैं। हालांकि, शिंदे ने अपने समर्थकों से अनुरोध किया है कि वे उनके निवास पर एकत्रित होने से बचें और महायुति की एकता और मजबूती के लिए काम करें, ताकि महाराष्ट्र समृद्धि की ओर आगे बढ़ सके।
Arun Kumar
नवंबर 27 2024अरे भाई, शिंदे जी ने इस्तीफा दे दिया और फिर भी बने रहने को कह रहे हैं? ये तो बिल्कुल वो ही है जब तुम घर से निकल गए हो लेकिन बाहर खड़े होकर बोल रहे हो - 'मैं तो आऊंगा नहीं!' 😅
महायुति का ये नाटक तो बहुत बढ़िया चल रहा है।
Manu Tapora
नवंबर 28 2024शिवसेना का दावा कि शिंदे के बिना महाराष्ट्र नहीं चलेगा, वो बिल्कुल अतिशयोक्ति है। फडणवीस के पास 20+ साल का प्रशासनिक अनुभव है, और उन्होंने मुंबई के बुनियादी ढांचे को बदल दिया है। शिंदे की 'माझी लाडकी बहीण' योजना अच्छी है, लेकिन राज्य का प्रशासन उससे ज्यादा जटिल है।
venkatesh nagarajan
नवंबर 30 2024इस्तीफा देना और बने रहना... ये दोनों का तर्क एक ही चीज़ को दर्शाता है: शक्ति का डर।
कोई भी नेता जब अपनी शक्ति को खोने का डर लेकर इस्तीफा देता है, तो वो असल में अपने अहंकार को बचाने की कोशिश कर रहा होता है।
क्या विकास के लिए नेतृत्व चाहिए या बस नाम चाहिए? ये सवाल अभी भी बाकी है।
Drishti Sikdar
दिसंबर 2 2024क्या कोई बता सकता है कि शिवसेना के लोग अब तक शिंदे के घर के बाहर क्यों जमा हो रहे हैं? वो तो अपने घर बैठे ही चिल्ला रहे हैं।
मैंने देखा, एक लड़की ने शिंदे के घर के सामने एक टॉफी का पैकेट रख दिया था और लिख दिया - 'मुख्यमंत्री बनो, मैं तुम्हारी टॉफी खाऊंगी'।
ये लोग राजनीति नहीं, रियलिटी शो देख रहे हैं।
indra group
दिसंबर 3 2024फडणवीस को वापस लाना? वो तो उसी पुराने खाने को गरम कर रहे हैं जिसमें आज तक की बेरोजगारी, ब्याज की जंजीरें और जमीन की लूट छिपी है।
शिंदे की योजनाएं गरीब लड़कियों के लिए हैं, फडणवीस की योजनाएं बैंकरों के लिए हैं।
अगर तुम अभी भी फडणवीस को चाहते हो, तो तुम्हारा दिमाग अभी भी 2014 में फंसा है।
महाराष्ट्र को नया दिल चाहिए, न कि पुराना दर्द।
sugandha chejara
दिसंबर 4 2024सबको एक साथ लेकर चलना बहुत जरूरी है।
शिंदे के नेतृत्व में जो भी नया जोड़ा गया है, वो जनता के दिलों में बैठ गया है।
फडणवीस का अनुभव बहुत बढ़िया है, लेकिन अब तो लोगों को उम्मीद की जरूरत है, न कि बुढ़ापे का रिमाइंडर।
एक साथ चलो, एक साथ बनाएं। ये राज्य तुम्हारा है, और हम सबका।
DHARAMPREET SINGH
दिसंबर 4 2024महायुति का ये फॉर्मूला? ये तो बिल्कुल एक ब्रेकिंग न्यूज़ एल्गोरिथम है: 1 एमडी + 2 डीपी + 1 समन्वय समिति = पावर शेयरिंग का नया नियम।
अब तो सब लोग एक दूसरे के बीच में बैठकर चाय पी रहे हैं, लेकिन कोई भी अपनी शक्ति नहीं छोड़ रहा।
क्या ये गठबंधन है या बस एक बड़ा सांस्कृतिक ट्राफिक जाम? 🤔
gauri pallavi
दिसंबर 6 2024मैंने देखा कि शिवसेना के लोग शिंदे के नाम के साथ एक गाना भी बना रहे हैं।
पार्टी ने अभी तक एक भी नई योजना नहीं बनाई, लेकिन एक ट्रैक बना दिया है।
मुझे लगता है अब तो लोग बस डांस करने लगेंगे, और बाकी सब कुछ बाद में।
ये राजनीति नहीं, बस एक बड़ा बॉलीवुड फिल्म है।
Agam Dua
दिसंबर 7 2024इस्तीफा देना, फिर बने रहना? ये तो नेताओं का सबसे बड़ा झूठ है।
अगर वो वाकई इस्तीफा देना चाहते थे, तो उन्हें वापस नहीं आना चाहिए था।
ये सब बस एक दिखावा है।
फडणवीस को लौटाना? वो तो जिस राज्य को बर्बाद किया, उसी को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं।
क्या तुम्हें लगता है कि लोग भूल गए हैं जो तुमने उनके घरों के बाहर खड़े होकर बात की थी?
तुम लोगों को याद नहीं है कि तुमने क्या वादा किया था?
अब तो बस एक नया नाम लगा दो, बाकी सब वैसा ही रहेगा।
Gaurav Pal
दिसंबर 8 2024फडणवीस वापस आ रहे हैं? ये तो बिल्कुल एक रिमेक है।
क्या तुम्हें लगता है कि जो लोग अब तक अपने बच्चों को अंग्रेजी में पढ़ा रहे हैं, वो उनकी पुरानी नीतियों को फिर से चाहते हैं?
शिंदे की योजनाएं अभी भी चल रही हैं, और लोग उनके नाम से जुड़े हैं।
तुम लोग बस अपने नाम के लिए लड़ रहे हो।
कोई भी बच्चा अब फडणवीस के नाम से नहीं, शिंदे के नाम से अपनी बहन के लिए टॉफी खरीद रहा है।
ये बात तुम्हें समझ नहीं आ रही।
sreekanth akula
दिसंबर 10 2024महाराष्ट्र के राजनीतिक इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई मुख्यमंत्री इस्तीफा देकर भी बना रहे हैं।
ये तो एक नया संविधानिक अनुभव है।
पुराने समय में अगर कोई इस्तीफा देता था, तो वो अंतिम था।
अब तो इस्तीफा एक टेक्निकल ट्रिक बन गया है।
ये भारतीय राजनीति की नई विशेषता है।
हमारी राजनीति अब एक ड्रामा सीरीज़ बन गई है।
हर हफ्ते एक नया एपिसोड।
अब तो लोग निर्णय नहीं, बल्कि एपिसोड के बाद बातचीत करने लगे हैं।
क्या ये विकास है या बस एक बड़ा नाटक?
Sarvesh Kumar
दिसंबर 11 2024फडणवीस को वापस लाना? ये तो अंग्रेजों के जमाने की बात है।
शिंदे तो असली मराठा नेता है, जिसने अपने राज्य के लोगों के लिए लड़ा है।
फडणवीस के तहत तो बस अमीरों की बात होती थी।
अगर तुम अभी भी फडणवीस को चाहते हो, तो तुम अभी भी दिल्ली के राजनीतिक दरवाज़े पर खड़े हो।
महाराष्ट्र को अपने लोगों की जरूरत है, न कि दिल्ली के आदेशों की।
Ashish Chopade
दिसंबर 12 2024सरकार का गठन तुरंत होना चाहिए।
राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था अब तक ठहर गई है।
हर दिन गुमशुदा निर्णयों का नुकसान हो रहा है।
कार्यवाहक मुख्यमंत्री का अवधि बढ़ाना अवैध है।
अभी तुरंत निर्णय लें।
महाराष्ट्र के लोगों के लिए अब नहीं, तो कभी नहीं।
Shantanu Garg
दिसंबर 12 2024शिंदे के इस्तीफे के बाद भी बने रहने का अनुरोध अच्छा है।
कोई भी बदलाव बिना रुकावट के होना चाहिए।
अगर नए मुख्यमंत्री का चयन अभी नहीं हो पा रहा, तो शिंदे ही अभी तक बने रहें।
ये तो बस एक तार्किक बात है।
लोग ज्यादा बातें नहीं करें, बस काम करें।
Vikrant Pande
दिसंबर 14 2024फडणवीस को लौटाना? ये तो एक बूढ़े आदमी को बार-बार नौकरी देने की कोशिश है।
शिंदे की योजनाएं तो अभी भी चल रही हैं, लेकिन तुम लोग उन्हें नहीं समझ पा रहे।
तुम तो बस अपने पुराने नाम के लिए लड़ रहे हो।
महाराष्ट्र के लोग अब नए नेता चाहते हैं, न कि अतीत के राख को फिर से जलाना।
तुम्हारा ज्ञान तो बहुत बड़ा है, लेकिन तुम्हारी समझ बहुत छोटी है।
Indranil Guha
दिसंबर 15 2024महाराष्ट्र के लोगों को एक अच्छा नेता चाहिए, न कि एक नाटकीय नेता।
शिंदे की योजनाएं तो बहुत अच्छी हैं, लेकिन क्या वो राज्य का प्रशासन चला सकते हैं?
फडणवीस के पास अनुभव है, और वो एक अच्छा नेता है।
शिवसेना के लोग बस अपने नाम के लिए चिल्ला रहे हैं।
महाराष्ट्र को एक बड़ा नेता चाहिए, न कि एक नाटकीय नेता।
अगर तुम अपने नाम के लिए लड़ रहे हो, तो तुम राजनीति नहीं, बस एक अहंकार दिखा रहे हो।
srilatha teli
दिसंबर 15 2024इस समय एक नए नेता की जरूरत है, लेकिन एक ऐसे नेता की जो अपने अहंकार के बजाय राज्य के लिए काम करे।
शिंदे के नेतृत्व में जो छोटी छोटी योजनाएं शुरू हुई हैं, वो बहुत प्रेरणादायक हैं।
फडणवीस का अनुभव बहुत बड़ा है, लेकिन अब तो लोग नए दृष्टिकोण की उम्मीद कर रहे हैं।
हमें बस एक ऐसा नेता चाहिए जो बात करे, सुने, और काम करे।
शायद इस गठबंधन के अंदर वही नेतृत्व छिपा है जिसकी हमें जरूरत है।
हमें बस इतना चाहिए कि सब एक साथ चलें।
कोई भी नेता अकेला नहीं चल सकता।
हम सबको एक साथ बनाना होगा।
sugandha chejara
दिसंबर 16 2024मैंने एक गाँव के एक लड़की को बात करते हुए सुना, जिसने कहा - 'मैंने अपनी बहन के लिए टॉफी खरीदी, क्योंकि शिंदे जी ने कहा था कि लड़कियों को सम्मान देना है।'
ये तो बस एक टॉफी नहीं, ये एक भावना है।
फडणवीस के नाम से कोई इतना जुड़ा नहीं है।
हमें बस एक नेता चाहिए जो लोगों के दिलों में बैठे हो।
और शिंदे वही हैं।