भारत दिनभर समाचार

प्रधानमंत्री मोदी ने रूस की सफल यात्रा के बाद ऑस्ट्रिया में रखा कदम - द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर होगी चर्चा

प्रधानमंत्री मोदी ने रूस की सफल यात्रा के बाद ऑस्ट्रिया में रखा कदम - द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर होगी चर्चा

प्रधानमंत्री मोदी का ऑस्ट्रिया दौरा: ऐतिहासिक दौरे की शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सफल रूस दौरे के बाद अब ऑस्ट्रिया में कदम रखा है। मंगलवार को स्थानीय समयानुसार वे ऑस्ट्रिया पहुंचे, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पिछले 40 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला ऑस्ट्रिया दौरा है। अंतिम बार इंदिरा गांधी ने 1983 में ऑस्ट्रिया का दौरा किया था।

वियना हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत ऑस्ट्रिया के विदेश मंत्री अलेक्जेंडर शालेनबर्ग ने किया। इस स्वागत के दौरान दोनों देशों के राष्ट्रीय ध्वज फहराए गए और दोनों देशों के महत्वपूर्ण अधिकारियों की मौजूदगी दर्ज की गई। ऑस्ट्रिया दौरे का मुख्य उद्देश्य भारत और ऑस्ट्रिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और भी मजबूत बनाना है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरे को दोनों देशों के संबंधों में एक नया अध्याय बताया।

भूतपूर्व दौरे और नए रिश्तों की शुरुआत

इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलेन और चांसलर कार्ल नेहमर से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा वे दोनों देशों के व्यापारिक नेताओं को भी संबोधित करेंगे। मोदी ने कहा कि लोकतंत्र, स्वतंत्रता, और कानून के शासन के साझा मूल्यों के आधार पर भारत और ऑस्ट्रिया के संबंधों को मजबूत करने का यह एक महत्वपूर्ण अवसर है।

इस दौरे का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि यह भारत और ऑस्ट्रिया के बीच राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर हो रहा है। इस अवसर पर दोनों देशों के बीच स्थायी और गहरे राजनयिक संबंधों की नई संभावनाओं पर चर्चा की जाएगी। ऑस्ट्रियाई राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलेन और चांसलर कार्ल नेहमर ने प्रधानमंत्री मोदी के आगमन को एक विशेष और महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया है।

रूस दौरे की सफलता

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने रूस का दो दिवसीय सफल दौरा किया था। इस दौरे के दौरान उन्होंने वहां के राष्ट्रपति से मुलाकात की और विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की। यह दौरा भारत और रूस के बीच संबंधों को और भी मजबूत बनाने की दिशा में एक अहम कदम साबित हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के दौरे के दौरान वैश्विक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर भी चर्चा की और आगे की योजनाओं पर विचार-विमर्श किया।

रूस दौरे के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रिया के दौरे के प्रति अपनी उत्सुकता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस दौरे से भारत और ऑस्ट्रिया के संबंध और भी प्रगाढ़ होंगे और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ेगा। दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधों का एक लंबा इतिहास है, और इस दौरे से इन संबंधों को नया आयाम मिलेगा।

भविष्य की आशाएं और संभावनाएं

प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा भारत-ऑस्ट्रिया संबंधों के लिए एक नए युग की शुरुआत का संकेत है। इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए नई रणनीतियों पर विचार किया जाएगा। व्यापार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, संस्कृति और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की संभावनाएं हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह दौरा दोनों देशों के बीच साझा मूल्यों को और भी मजबूत करेगा। यह दौरा दुनियाभर में प्रजातंत्र और स्वतंत्रता के सुदृढ़ मूल्यों को प्रमोट करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

आशा की जा रही है कि इस दौरे के फलस्वरूप दोनों देशों के बीच व्यापारिक और कूटनीतिक संबंधों में और भी वृद्धि होगी और वे एक नया अध्याय लिखेंगे, जो कि भविष्य में दोनों देशों की समृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

संबंधित पोस्ट

प्रधानमंत्री मोदी ने रूस की सफल यात्रा के बाद ऑस्ट्रिया में रखा कदम - द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर होगी चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ऑस्ट्रिया में दो दिवसीय द्विपक्षीय दौरे के लिए कदम रखा। इस दौरे का उद्देशय भारत और ऑस्ट्रिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करना और विभिन्न भू-राजनीतिक चुनौतियों पर सहयोग को बढ़ावा देना है। पीएम मोदी ऑस्ट्रियाई राष्ट्रपति और चांसलर के साथ वार्ता करेंगे और दोनों देशों के व्यापारिक नेताओं को संबोधित करेंगे।

और पढ़ें

जम्मू-कश्मीर के रियासी में आतंकी हमला: 9 श्रद्धालुओं की मौत, नेताओं ने व्यक्त की संवेदना, स्थिति पर PM मोदी की नजर

जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में रविवार शाम हुए आतंकी हमले में 9 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जिसमें एक बच्चा भी शामिल है। घटना के दौरान 33 अन्य लोग घायल हो गए। हमले के बाद कई नेताओं ने संवेदना व्यक्त की और प्रधानमंत्री मोदी ने स्थिति की समीक्षा की।

और पढ़ें

अनुमानित पीएम मोदी का एससीओ शिखर सम्मेलन में नहीं शामिल होना: पुतिन, शी, शरीफ हो सकते हैं उपस्थित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कजाखस्तान में अगले महीने होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन में शामिल ना होने की संभावना है। उनकी जगह विदेश मंत्री एस. जयशंकर सम्मिलित हो सकते हैं। इस सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ के शामिल होने की उम्मीद है। मोदी का यह निर्णय भारत की एससीओ प्रतिबद्धता पर सवाल खड़ा कर सकता है।

और पढ़ें

एक टिप्पणी करना