Studio Ghibli-स्टाइल AI इमेज ने मचाई धूम
मार्च 2025 आते-आते एक अजीब सा क्रेज देखने को मिला—OpenAI के ChatGPT में Studio Ghibli-स्टाइल की AI इमेज बनवाने की होड़। जापान की फेमस एनीमेशन कंपनी Studio Ghibli, फिल्म 'माय नेबर टोटरो' जैसी अपनी कलाकाराना स्टाइल के लिए जानी जाती है। अब बस, लोगों ने उसके जैसे कैरेक्टर, पिक्चर और सीन अपने मोबाइल या लैपटॉप पर ChatGPT के जरिए बनवाने शुरू कर दिए। शुरू होते ही यह फीचर वायरल हो गया और हर कोई अपने-अपने इमेज बनवाने लगा।
धीरे-धीरे ChatGPT के सर्वर पर इतनी डिमांड बढ़ गई कि OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन को मजाक में कहना पड़ा कि 'GPU पिघलने लगे हैं'। सोचिए, एक दिन में लाखों-करोड़ों इमेज जनरेट हो रही थीं! OpenAI को मजबूरी में टेम्परेरी लिमिट लगानी पड़ी—अब एक दिन में सिर्फ तीन इमेज ही फ्री में बन पाएंगी।
मशहूर हस्तियां और सरकारी अकाउंट्स भी शामिल
ये AI इमेज ट्रेंड सिर्फ आम लोगों तक ही सीमित नहीं रहा। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने तो अपने सोशल मीडिया पर Disney के किंग मुफासा और शिबा इनु डॉग वाला Studio Ghibli-स्टाइल चित्र शेयर किया। वाइट हाउस के अफसर डेविड सैक्स ने खुद की Ghibli इमेज बनाई और ऑफिशियल व्हाइट हाउस ने भी ऐसी इमेजेस पोस्ट की। सोशल मीडिया पर Studio Ghibli आर्टवर्क्स की बाढ़ आ गई थी।
OpenAI का GPT-4o मॉडल इतनी जल्दी, सटीक और मनचाही इमेज बना रहा था कि लोग दंग रह गए। Studio Ghibli स्टाइल की ये तस्वीरें न केवल आकर्षक थीं, बल्कि मॉडल के यूज़र प्रॉम्प्ट भी आसानी से समझ लेता था, जिससे रिजेक्शन की संभावना कम हो गई। इसीलिए हर कोई नए-नए आर्टवर्क के साथ खेलता रहा।
मजेदार बात यह कि OpenAI का बिजनेस भी सुपरफास्ट ग्रो कर रहा है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2025 में कंपनी का रेवेन्यू 12.7 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। वहीं, ऑल्टमैन ने अगले कुछ महीनों में GPT-4.5 और GPT-5 के आने के संकेत भी दे दिए हैं।
इस पूरी घटना ने AI, डिजिटल आर्ट और क्रिएटिविटी को लेकर कई नई बहसों को जन्म दिया। कुछ लोगों ने पर्यावरण को पहुंचे नुकसान और ऊर्जा खपत की बात उठाई, तो कुछ ने AI आर्ट को ओरिजिनल Studio Ghibli आर्टिस्टों की क्राफ्ट और मेहनत के लिए खतरा बताया। आखिर में, OpenAI का कहना है कि लिमिट का मकसद सिर्फ सर्वर पर दबाव कम करना है, ताकि सभी यूजर्स को अच्छा अनुभव मिल सके। लेकिन साफ है—AI आर्ट का ये दौर रुकने वाला नहीं है!
Shantanu Garg
अगस्त 18 2025ये Ghibli वाली इमेजेस तो देखकर लगा जैसे कोई पुरानी फिल्म फिर से रिलीज हो गई हो। बस एक दिन में तीन इमेज ही? अब तो लगता है जैसे जिंदगी में भी सीमा लग गई हो।
अच्छा लगा।
Vikrant Pande
अगस्त 18 2025अरे भाई, ये सब तो बस एक ट्रेंड है। जब तक AI असली कलाकार नहीं बन जाता, तब तक ये सब बस एक बहाना है। Ghibli के आर्टिस्ट्स ने लाखों घंटे बिताए हैं ड्रॉइंग के लिए, और अब कोई टेक्स्ट टाइप करके एक सेकंड में वही बना देता है? ये आर्ट नहीं, ये फ्रॉड है।
Indranil Guha
अगस्त 20 2025हमारे देश में जब तक बच्चों को राष्ट्रीय गाना याद नहीं होगा, तब तक ये AI वाले जापानी चित्र बनाने का शोर मचाएंगे? ये तो आत्मसमर्पण है। हमारी अपनी कला, हमारे अपने चित्रकार, हमारी अपनी कहानियां - उन पर ध्यान दो।
ये तो बस वेस्टर्न कल्चर का इम्पीरियलिज्म है।
srilatha teli
अगस्त 21 2025इस बारे में सोचने का समय है। हम तो तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन क्या हम अपनी मानवीय जुड़ाव को भूल रहे हैं? Studio Ghibli की फिल्में तो दर्द, खोज, और शांति की कहानियां थीं। अब वो बस एक प्रॉम्प्ट बन गए हैं।
लेकिन अगर हम इसे एक नए तरीके से देखें - तो ये हमें अपनी क्रिएटिविटी को फिर से जगाने का मौका भी दे रहा है। शायद अब हम भी अपनी कहानियां AI के साथ बना सकते हैं।
Sohini Dalal
अगस्त 21 2025हां भाई, लेकिन अगर तुम्हारा बच्चा एक घंटे में टोटरो बना लेता है, तो क्या वो उसकी कला नहीं हो जाती? मैंने अपने बेटे को देखा - उसने एक बार बनाई तो फिर रोज बनाने लगा। ये तो उसकी दुनिया बन गई।
Suraj Dev singh
अगस्त 21 2025मैंने भी एक बार बनवाया था - मेरी दादी को Ghibli स्टाइल में। वो देखकर रो पड़ीं। कहने लगीं, 'बेटा, तुमने मुझे याद कर लिया।'
ये तो सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं, ये यादों का जादू है।
Arun Kumar
अगस्त 22 2025अरे भाई ये तो पूरा दर्द है। मैंने तीन घंटे बिताए एक इमेज बनाने में - और फिर OpenAI ने लिमिट लगा दी। अब तो मैं बस गुस्से में दीवार पर चित्र बना रहा हूं। बाप रे भगवान, मेरा दिमाग तो अब Ghibli वाला हो गया है।
कल तो मैं अपने कुत्ते को भी Ghibli बना दूंगा।
Manu Tapora
अगस्त 23 2025ये लिमिट लगाना सिर्फ सर्वर के लिए नहीं, बल्कि यूजर्स को भी एक तरह से बचाने का तरीका है। जब तक आप लगातार इमेज जनरेट करते रहेंगे, तब तक आप अपने दिमाग को रोकने का मौका नहीं पाते। ये थोड़ा रुकना जरूरी है - ताकि आप सोचें कि आप क्या बना रहे हैं।