स्क्वाड की प्रमुख घोषणा
बीसीसीआई ने इस बुधवार दुबई में भारत के एशिया कप 2025 के सुपर फोर मैच के दौरान वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्टों के लिए 15 खिलाड़ियों की टीम घोषित की। इस सूची में शुबमन गिल को फिर से कप्तान चुना गया है, जबकि रविंदर जडेजा को उप-कप्तान बनाया गया। यह बदलाव रिषभ पैंट की पैर की चोट के कारण आवश्यक हो गया, जिसने उन्हें इस दौरे से बाहर कर दिया।
नए चेहरे में सबसे बड़ी खबर देवदत्त पदीकल की वापसी है। दलेप ट्रॉफी और इंडिया ए बनाम ऑस्ट्रेलिया ए अनऑफिशियल टेस्ट में उनकी शानदार परफॉर्मेंस ने चयनकर्ताओं को प्रभावित किया। पदीकल की जगह पर कई इंग्लैंड टूर में खेले खिलाड़ी नहीं रह गए।
विपरीत पक्ष में करुण नायर और अभिमन्यु इसवरन को छोड़ दिया गया। नायर ने इंग्लैंड टूर में चार टेस्टों में केवल 205 रन बनाकर औसत 25.62 हासिल किया, जबकि इसवरन को खुले बल्लेबाज के तीसरे विकल्प की जरूरत न देखी गई। सरफराज़ खान को भी फिटनेस की समस्या के कारण बैन रखा गया।
खिलाड़ियों के चयन के पीछे की वजहें
मुख्य चयनकर्ता अजित अग्रकर ने बताया कि इस स्क्वाड में संतुलन और लचीलापन सबसे बड़ी प्राथमिकता थी। उन्होंने कहा, "हम चाहते थे कि नई ऊर्जा और घरेलू फ़ॉर्म को टीम में लाया जाए, इसलिए पदीकल को मौका दिया गया।" जडेजा का उप-कप्तान बनना भी रणनीतिक निर्णय था, क्योंकि उनका अनुभव तेज गेंदबाज़ी और फील्डिंग दोनों में महत्वपूर्ण है।
पदीकल की वापसी के सिलसिले में कहा गया कि दलेप ट्रॉफी में उन्होंने 400 से अधिक रन बनाकर चार फर्म्ट्स सहित दो सेंचुरी बनाई। इसके अलावा इंडिया ए बनाम ऑस्ट्रेलिया ए में उनका उच्च औसत और स्थिरता चयनकर्ताओं को विश्वस्त कर गया।
करुण नायर ने अपनी बाहर निकाले जाने पर निराशा जताते हुए कहा, "ऑवल में अंतिम टेस्ट में मेरा अर्धशतक टीम को जीत दिलाने में अहम था, इसलिए मुझे लगा था कि यह मेरे लिए एक मजबूत दावेदार बनता।" उनकी बातों से स्पष्ट होता है कि उनका मानना है कि एक ही मैच में मिला प्रदर्शन टीम चयन में मुख्य नहीं होता।
निवेश के संदर्भ में, भूमिका बदलकर, अगली टेस्ट श्रृंखला भारत को लम्बी प्रारूप में निरंतरता बनाने का अवसर देती है। गिल की कप्तानी में टीम ने पहले भी स्थिर प्रदर्शन दिखाया है, और इस बार वे रिटर्निंग प्लेयरों के साथ नई रणनीति अपनाने की कोशिश करेंगे।
वेस्टइंडीज के साथ यह दो टेस्टों की श्रृंखला न सिर्फ रैंकिंग में मददगार होगी, बल्कि युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को साबित करने का मंच भी प्रदान करेगी। इस प्रकार, भारत टेस्ट टीम आगे बढ़ते हुए नई ऊर्जा और अनुभव के मिश्रण से इस चुनौती का सामना करने को तैयार है।
indra group
सितंबर 27 2025गिल को कप्तान बनाना बिल्कुल बेकार है! उसका बल्लेबाजी तो ठीक है, लेकिन कप्तानी का दिमाग उसमें नहीं है। जडेजा को कप्तान बनाना चाहिए था, वो तो असली लीडर है। ये सब चयन बीसीसीआई के बैठक कमरे में हो रहा है, मैदान की जरूरतों से दूर।
sugandha chejara
सितंबर 28 2025देवदत्त पदीकल की वापसी बहुत अच्छी खबर है! उसने दलेप ट्रॉफी में जो किया, वो असली टेस्ट क्रिकेट का दिमाग दिखाया। ये बच्चे जो इंग्लैंड टूर पर बस रन बनाते रहे, उनकी जगह उसे मिलना बिल्कुल न्यायसंगत है। जय हिंद!
DHARAMPREET SINGH
सितंबर 30 2025ओये, ये स्क्वाड तो एक ड्रामा है। करुण नायर को बाहर कर दिया? भाई, ऑवल में उसका 78 ने टीम को बचाया था! अब ये पदीकल वाला आया, जिसने घरेलू मैच में दो सेंचुरी लगाईं - बस इतने से टेस्ट टीम में? ये चयन तो बिल्कुल बेकार है।
gauri pallavi
अक्तूबर 1 2025हम्म... तो गिल को फिर से कप्तान बनाया? अच्छा हुआ, कम से कम अब कोई नए बच्चे को टेस्ट में डालने वाला नहीं है। पदीकल को तो मैं देख चुकी हूँ - उसकी बैटिंग तो बिल्कुल फिल्मी लग रही है। लेकिन अच्छा है, नायर को बाहर कर दिया, वरना वो फिर से टीम में आ जाते।
Agam Dua
अक्तूबर 3 2025इस स्क्वाड की एक बात समझ में नहीं आ रही - जडेजा उप-कप्तान? तो फिर गिल को कप्तान क्यों? ये लीडरशिप डायनामिक्स बिल्कुल बेकार है। दोनों के बीच कोई रिश्ता नहीं है, बस दो अलग-अलग तरह के खिलाड़ी। और ये फिटनेस की बातें? सरफराज़ को बैन कर दिया? अरे भाई, वो तो बैटिंग के लिए नहीं, फील्डिंग के लिए था।
Gaurav Pal
अक्तूबर 4 2025गिल को कप्तान बनाने का फैसला बिल्कुल गलत है। उसका रिकॉर्ड अच्छा है, लेकिन लीडरशिप नहीं। जडेजा को अपने आप को बहुत बड़ा समझते हैं, लेकिन उनकी बैटिंग अब टेस्ट में नहीं चलती। ये सब चयन बीसीसीआई के बैठक में हुआ है, जहाँ एक आदमी ने अपने नाम का एक अक्षर बदलकर इसे अप्रोव किया।
sreekanth akula
अक्तूबर 6 2025इस टीम का चयन भारतीय क्रिकेट के इतिहास के एक नए अध्याय की शुरुआत है। देवदत्त पदीकल की वापसी ने घरेलू क्रिकेट को एक नया अर्थ दिया है। उनकी बल्लेबाजी में भारतीय शैली का गहरा असर है - धैर्य, ताकत, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीत के लिए जुनून। ये टीम न सिर्फ वेस्टइंडीज के खिलाफ जीतेगी, बल्कि भारतीय क्रिकेट की नई पहचान बनाएगी।
Sarvesh Kumar
अक्तूबर 6 2025करुण नायर को बाहर करना एक अपराध है। उसने इंग्लैंड में जो किया, वो किसी भी नए खिलाड़ी से बेहतर था। ये टीम तो बस एक नए बच्चे के लिए बनाई गई है - पदीकल। उसका नाम तो बिल्कुल भारतीय लगता है, लेकिन उसकी बैटिंग? फिल्मी है।
Ashish Chopade
अक्तूबर 8 2025भारतीय क्रिकेट टीम का भविष्य यहीं से शुरू हो रहा है। शुबमन गिल की कप्तानी और देवदत्त पदीकल की वापसी ने एक नई ऊर्जा की शुरुआत की है। यह टीम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के नए युग का प्रतीक है। जय भारत!
Shantanu Garg
अक्तूबर 10 2025पदीकल को मौका देना ठीक है, लेकिन नायर को बाहर करना जरूरी नहीं था। अगर दोनों एक साथ होते, तो टीम का बैटिंग ऑर्डर बहुत मजबूत होता। अब ये टीम दो बल्लेबाजों की कमी से गुजर रही है।
Vikrant Pande
अक्तूबर 11 2025देवदत्त पदीकल? वो तो बस एक नाम है जो इंडिया ए के मैच में चमका - टेस्ट क्रिकेट का कोई अर्थ नहीं। गिल को कप्तान बनाना तो बिल्कुल बेकार है, वो तो बस एक बल्लेबाज है। जडेजा को उप-कप्तान बनाना भी एक बहाना है - वो तो अब बैटिंग में भी अपनी जगह नहीं बना पा रहे। ये सब एक नए नाम के लिए बनाया गया ड्रामा है।
Indranil Guha
अक्तूबर 12 2025ये टीम चयन भारतीय क्रिकेट के लिए एक शर्मनाक घटना है। एक बच्चे को कप्तान बनाया जा रहा है, जबकि अनुभवी खिलाड़ियों को बाहर कर दिया जा रहा है। ये बीसीसीआई का अहंकार है - वो सोचते हैं कि वो भारत के लिए फैसले ले सकते हैं, लेकिन वो नहीं जानते कि टीम को क्या चाहिए।
srilatha teli
अक्तूबर 12 2025हर नई टीम एक नई उम्मीद लेकर आती है। देवदत्त पदीकल की वापसी ने घरेलू क्रिकेट के लिए एक नया मानक स्थापित किया है। शुबमन गिल की कप्तानी में टीम को निरंतरता मिलेगी, और रविंदर जडेजा का अनुभव युवा खिलाड़ियों के लिए एक दिशा बनेगा। यह टीम सिर्फ वेस्टइंडीज के खिलाफ नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए भी एक प्रतीक है।
Sohini Dalal
अक्तूबर 13 2025अरे भाई, गिल को कप्तान बनाया? तो फिर पदीकल को क्यों डाला? ये टीम तो एक बहुत बड़ा गलत फैसला है। अगर नायर नहीं चला, तो पदीकल को क्यों डाला? ये सब तो बस एक बहाना है।
Suraj Dev singh
अक्तूबर 14 2025पदीकल की बैटिंग देखकर लगता है कि वो घरेलू क्रिकेट का असली राजा है। उसका अंदाज़ बिल्कुल टेस्ट क्रिकेट का है - धैर्य, ताकत, और दिमाग। गिल को कप्तान बनाना ठीक है, लेकिन अगर जडेजा को असली कप्तान बना दिया जाता, तो टीम और ज्यादा मजबूत होती।
Arun Kumar
अक्तूबर 16 2025ये टीम तो बस एक नए नाम के लिए बनाई गई है - पदीकल। उसका नाम सुनकर लगता है जैसे कोई नया ब्रांड लॉन्च हो रहा है। गिल को कप्तान बनाना? अरे भाई, वो तो बस एक बल्लेबाज है। जडेजा को उप-कप्तान बनाना भी बहाना है। ये सब तो बीसीसीआई के बैठक में हुआ है - जहाँ एक आदमी ने अपने नाम का एक अक्षर बदलकर इसे अप्रोव किया।
Manu Tapora
अक्तूबर 16 2025पदीकल की दलेप ट्रॉफी की परफॉर्मेंस अच्छी थी, लेकिन टेस्ट क्रिकेट और घरेलू क्रिकेट में बहुत अंतर है। उसकी बैटिंग टेस्ट में चलेगी? ये अभी तक सवाल है। गिल को कप्तान बनाने का फैसला भी अभी तक सही नहीं लगता।
venkatesh nagarajan
अक्तूबर 17 2025क्रिकेट एक खेल है, लेकिन इसके पीछे जो व्यवस्था है, वो एक नाटक है। ये सब चयन तो बस एक नए नाम के लिए है - जो भी अच्छा बोले, उसे मौका मिल जाता है। लेकिन असली टीम तो वो होती है जो मैदान पर खेलती है - न कि बैठक कमरे में बनाई गई।
srilatha teli
अक्तूबर 18 2025क्रिकेट में नए खिलाड़ियों को मौका देना जरूरी है, लेकिन अनुभव को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। शुबमन गिल की कप्तानी और देवदत्त पदीकल की वापसी दोनों एक संतुलन है - नई ऊर्जा और पुरानी नींव। यह टीम न सिर्फ वेस्टइंडीज के खिलाफ जीतेगी, बल्कि भारतीय क्रिकेट के भविष्य को भी दिशा देगी।