JLR साइबर हमले के बाद Tata Motors के शेयरों में गिरावट
25 सेप्टेम्बर को Tata Motors शेयर ने फिर से धूमकेतु की तरह गिरावट देखी, कीमत Rs 664.30 तक पहुँच गई। उसी दिन के ट्रेडिंग में यह पिछली बंद कीमत Rs 701.35 से 2.74% नीचे रहा और NSE‑BSE दोनों पर शीर्ष‑हारी सूची में दर्ज हुआ। दो लगातार सत्रों में कुल गिरावट 5.20% तक पहुँच गई, जो इस साल के सबसे बड़े झटकों में से एक माना जा रहा है।
इस गिरावट का मूल कारण अगस्त के अंत में Jaguar Land Rover (JLR) पर हुआ साइबर हमला है। हमले के बाद कंपनी ने उत्पादन को 1 अक्टूबर, यानी अगले बुधवार तक स्थगित कर दिया। JLR का कहना है कि उसने इस निर्णय से सप्लायर, कर्मचारियों और साझेदारों को स्पष्टता दी है, साथ ही यह भी बताया कि वह इस हफ्ते के दौरान पुनः आरंभ की योजना बना रहा है।
JLR हर दिन लगभग 1,000 कारें तीन यूके फ़ैक्ट्री में बनाता है, इसलिए उत्पादन रोक का असर वित्तीय परिणामों पर सीधा पड़ता है। Reuters ने बताया कि कंपनी ने साइट पर सब कुछ बंद कर दिया है और अब तक हर हफ्ते के नुकसान का अनुमान £50 मिलियन (लगभग $68 मिलियन) बताया गया है।
ऐसा नहीं है कि JLR ने पहले ही साइबर बीमा लिया हो। कंपनी ने Lockton के साथ बीमा पॉलिसी पर चर्चा की थी, परंतु हमला होने से पहले सौदा पूरा नहीं हुआ। अगर बीमा न हो तो संभावित €2 अर्ब के नुकसान, जो FY25 के अनुमानित मुनाफे (£1.8 बिलियन) के बराबर है, कंपनी को सीधे तौर पर चकनाचूर कर सकता है।
वर्तमान में Tata Motors का मार्केट कैपिटल Rs 2,44,560 करोड़ है, PE 11.87 और PB 2.05 पर ट्रेड हो रहा है। स्टॉक का 52‑week हाई Rs 1,000.40 और लो Rs 535.75 रहा है। पिछले एक हफ्ते में इक्विटी में 6.59% का गिरावट और छह महीने में 6.48% की गिरावट दर्ज हुई है।

निवेशक कैसे आगे बढ़ें?
विशेषज्ञों की राय इस बात पर एकजुट नहीं है। Deven Choksey Research ने अभी भी ‘अधिकरण’ (Accumulate) की सिफ़ारिश की है और लक्ष्य कीमत Rs 722 निर्धारित की है। वे Tata Motors को विभिन्न खंडों (JLR, भारतीय पव्स, वाणिज्यिक वाहन, Tata Technologies) के आधार पर अलग‑अलग मल्टीप्लायर से मूल्यांकित कर रहे हैं। वहीं, FY26‑FY27 के EBITDA अनुमान को उन्होंने क्रमशः 10.4% और 6.5% घटा दिया है, क्योंकि JLR की मार्जिन दबाव में है और घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय मांग में उलटफेर देखी गई है।
दूसरी ओर Equinomics के संस्थापक Chokkalingam G ने सतर्क रहने की सलाह दी है। उनका तर्क है कि Q1 के कमजोर परिणाम, उत्पादन में देरी, यूएस टैरिफ़ अनिश्चितता और यूरोप‑चीन बाजारों में मंदी पहले से ही शेयरधारकों के मन में घबराहट पैदा कर रहे हैं। इस कारण वे निवेशकों से कहते हैं कि वे अधिक घरेलू‑उन्मुख ऑटो स्टॉक्स पर देखेंगे, जैसे:
- Bajaj Auto – भारत में दोपहिया‑तीनपहिया मार्केट में मजबूत स्थिति
- Mahindra & Mahindra – वाहन एवं एग्रीबिजनेस दोनों में विविधीकरण
- MRF – टायर सेक्टर, जहाँ हालिया GST कट और कच्चे तेल‑रबर की कीमतों में सुधार से लाभ की संभावना है
Chokkalingam का सुझाव है कि Tata Motors के बारे में स्पष्ट दिशा‑निर्देश मिलने तक निवेशकों को धीरज रखना चाहिए। कंपनी ने 29 सेप्टेम्बर को एक एनालिस्ट‑इन्वेस्टर मीटिंग रखी है, जहाँ बोर्ड नई रणनीति और साइबर‑हमले के बाद की रीकवरी प्लान पर प्रकाश डाल सकता है। इस मीटिंग के बाद शाओट‑टर्म ट्रेडिंग सिग्नल स्पष्ट हो सकते हैं।
अब तक कंपनी ने 4 जून, 2025 को Rs 6 प्रति शेयर (300% डिविडेंड) का अधिकारिक व्यय घोषित किया है। यह दर्शाता है कि बोर्ड अभी भी शेयरधारकों को रिटर्न देने की इच्छा रखता है, हालांकि उसकी वित्तीय स्वास्थ्य को सुधारने के लिए कई कदम उठाने पड़ेगा।
सारांश में, अगर आप जोखिम‑सहिष्णु हैं और दीर्घकालिक विज़न में विश्वास रखते हैं, तो Tata Motors के शेयर अभी भी खरीदने लायक हो सकते हैं, बशर्ते आप कंपनी के पुनरुद्धार के संकेतों को निकटता से देख रहे हों। लेकिन यदि आप स्थिर आय और कम अस्थिरता चाहते हैं, तो ऊपर बताए गए घरेलू विकल्प बेहतर लग सकते हैं। अगले कुछ हफ्तों में आने वाली मीटिंग, उत्पादन पुनः शुरू होने की तिथि और कोई संभावित बीमा सौदा इस निर्णय को हक़ीक़त में दृढ़ कर देगा।