UFC 312: ड्रिकस डू प्लेसिस की शानदार जीत
2024 की शुरुआत में UFC 312 का आयोजन सिडनी, ऑस्ट्रेलिया के Qudos बैंक एरीना में हुआ, जहां ड्रिकस डू प्लेसिस ने एक बार फिर से अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया। उन्होंने सीन स्ट्रिकलैंड के खिलाफ अपनी मिडलवेट चैंपियनशिप का सफलतापूर्वक बचाव किया।
इस बेहद चर्चित रीमैच में डू प्लेसिस ने अपने मुक्केबाजी और ग्रैपलिंग में महारत दिखाते हुए पांचों राउंड में दबदबा बनाए रखा। इस तरह, उन्होंने जुरी के सभी निर्णयों में बढ़त बनाते हुए (50-45, 50-45, 49-46) शानदार विजय हासिल की। इस तरह का नजारा देखकर सिडनी का Qudos बैंक एरीना खचाखच भरा हुआ था, जहां हर कोई ऐसी जबरदस्त फाइट का गवाह बना।
घटनाओं से भरी UFC 312 रात
डू प्लेसिस ने सीन स्ट्रिकलैंड की बहादुरी को सराहा, लेकिन अपनी शारीरिक और मानसिक तैयारी को जीत का श्रेय दिया। फाइट के बाद, विशेषज्ञों ने डू प्लेसिस की रणनीतिक कुशलता की सराहना की, जिन्होंने फाइट की गति को नियंत्रित किया और स्ट्रिकलैंड की रक्षा में उपस्थित कमजोरियों का लाभ उठाया।
इस इवेंट के को-मेन इवेंट में UFC स्ट्रॉवेट चैंपियन झांग वेइली और टाटियाना सुआरेज़ के बीच मुकाबला हुआ। इस इवेंट ने न केवल ऑस्ट्रेलिया में UFC की जोरदार वापसी की बल्कि PPV के जरिए इसे वैश्विक दर्शक भी मिले।
कुल मिलाकर, यह इवेंट प्रशंसकों के लिए एक यादगार रात बनी, जिसने UFC के ग्लोबल मंच पर अपनी पहुंच को और मजबूत किया।
Manu Tapora
फ़रवरी 11 2025डू प्लेसिस की मुक्केबाजी तो बिल्कुल फिल्मी लगी, लेकिन उसकी ग्रैपलिंग का जबरदस्त कंट्रोल देखकर लगा जैसे वो एक रोबोट हो। स्ट्रिकलैंड ने जो भी कोशिश की, वो सब बेकार हो गई।
DHARAMPREET SINGH
फ़रवरी 11 2025अरे भाई, ये फाइट तो बस एक लॉन्ग-फॉर्म डॉक्यूमेंट्री थी जहां डू प्लेसिस ने स्ट्रिकलैंड को एक्सप्लॉइट किया। बिना किसी ड्रामा के, बिना किसी सरप्राइज के-बस एक बार फिर से एक बेहद टेक्निकल ड्रिल। क्या ये एंटरटेनमेंट है या फिर एक फिजिकल लैब एक्सपेरिमेंट?
gauri pallavi
फ़रवरी 13 2025मैं तो बस देख रही थी, चाय पीते हुए। डू प्लेसिस ने जैसे बता दिया-‘ये मेरा घर है, तुम बस विजिट कर रहे हो।’ स्ट्रिकलैंड का जो जोश था, वो धीरे-धीरे बुझ गया। बहुत शांत लेकिन बहुत डरावना।
Agam Dua
फ़रवरी 14 2025ये जीत? बस एक नियमित फॉर्मलिटी है। डू प्लेसिस ने अपनी फिजिकल डोमिनेंस को एक्सप्रेस किया, लेकिन उसके अंदर कोई आत्मा नहीं है-केवल एक अल्गोरिदम। और लोग इसे ‘ग्रेटनेस’ कह रहे हैं? ये तो बस एक जीत है, न कि एक लीजेंड बनने का दावा।
Gaurav Pal
फ़रवरी 14 2025डू प्लेसिस का ये फाइट एक शिकारी की तरह था-बिना शोर के, बिना झूठे ड्रामे के, बस एक धीमा, ठंडा, बेहद बारीक तरीके से शिकार खत्म करना। स्ट्रिकलैंड तो बस एक और नाम बन गया जिसे इतिहास भूल जाएगा।
sreekanth akula
फ़रवरी 15 2025ये फाइट देखकर लगा जैसे भारत के कुश्ती के गुरु और आधुनिक MMA का एक अजीब ब्लेंड हो गया। डू प्लेसिस की बॉडी कंट्रोल तो बिल्कुल भारतीय योग और कुश्ती के सिद्धांतों पर आधारित लगी। शायद यही वजह है कि इतने सारे भारतीय इसे इतना पसंद कर रहे हैं।
Sarvesh Kumar
फ़रवरी 16 2025अब तो ऑस्ट्रेलिया में भी हमारी तरह फाइटर्स बन रहे हैं। डू प्लेसिस को भारतीय फाइटर बनाने वाले गुरुओं को नोबेल पुरस्कार देना चाहिए। स्ट्रिकलैंड को तो बस एक बार फिर दिखा दिया कि भारतीय ट्रेनिंग की ताकत क्या है।
Ashish Chopade
फ़रवरी 17 2025जीत का सार नहीं बल्कि जीत की विधि है। डू प्लेसिस ने विजय को एक विज्ञान बना दिया। यह निर्माण की शक्ति है। यह अनुशासन है। यह अभ्यास है।
Shantanu Garg
फ़रवरी 17 2025स्ट्रिकलैंड ने अच्छी लड़ाई दी। बस डू प्लेसिस थोड़ा ज्यादा तैयार था।