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World Earth Day 2024: प्लैनेट वर्सेज प्लास्टिक—2040 तक 60% प्लास्टिक उत्पादन घटाने की मुहिम

World Earth Day 2024: प्लैनेट वर्सेज प्लास्टिक—2040 तक 60% प्लास्टिक उत्पादन घटाने की मुहिम

प्लैनेट वर्सेज प्लास्टिक: इस बार पृथ्वी दिवस पर असली जंग प्लास्टिक से

पृथ्वी दिवस (Earth Day 2024) इस साल एक मुश्किल सवाल पूछता है—हम कितना और प्लास्टिक सह सकते हैं? दुनिया का कूड़ा अब सड़कों और नदियों में ही नहीं, हमारे शरीर में भी पहुंच चुका है। इसी साल का थीम है—प्लैनेट वर्सेज प्लास्टिक। इसका सीधा-सा मकसद है, 2040 तक दुनिया में बनने वाली प्लास्टिक की मात्रा में 60% की कटौती। इस मुहिम की सबसे बड़ी चिंता है—हर रोज बच्चों के शरीर में पहुंचता माइक्रोप्लास्टिक, जिसका असर अगली पीढ़ी की सेहत पर साफ दिखने लगा है।

ताजा रिपोर्ट, 'Babies vs. Plastics', ये साफ बताती है कि दक्षिणी देशों के बच्चों में प्लास्टिक के सूक्ष्म कण ज्यादा मिल रहे हैं। वजह है सस्ते खिलौने, खराब रीसाइक्लिंग व्यवस्था और सिंगल यूज प्लास्टिक की भरमार। कई बार बच्चे ऐसे प्लास्टिक को छूते, मुंह में डालते हैं जो धीरे-धीरे उनकी सेहत के लिए खतरा बन जाता है। दुनिया की WHO जैसी एजेंसियां पहले ही मान चुकी हैं कि प्लास्टिक के ये छोटे कण हमारे पेट, फेफड़ों और यहां तक कि खून में भी छुप सकते हैं।

2040 का प्लास्टिक चैलेंज: क्या राह है आगे?

इस साल तेज़ी से जोर पकड़ रही प्लैनेट वर्सेज प्लास्टिक मुहिम का फोकस सिर्फ बड़े देशों तक सीमित नहीं है। स्कूलों में बच्चे, NGOs, लोकल बेकरी और यहां तक कि फैशन इंडस्ट्री तक खुद को इस मुद्दे से जोड़ रहे हैं। इस अभियान के तीन मजबूत हथियार हैं—सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर रोक, सस्टेनेबिलिटी तकनीकों में निवेश, और फास्ट फैशन के मुकाबले टिकाऊ विकल्पों को बढ़ावा देना।

दुनिया के कई देशों ने पॉलीथिन बैग्स, हल्के प्लास्टिक स्ट्रॉ वगैरह पर बैन लगाया, लेकिन चीन, भारत, ब्राजील जैसे बड़े देशों में प्रदूषण का स्तर अभी भी काफी ज्यादा है। इस बार की थीम लोगों को एकजुट करने पर पूरा ध्यान दे रही है—ऐसा नहीं कि सरकारों पर ही छोड़ दिया जाए, आम लोगों, दुकानदारों से लेकर कंपनियों तक सभी को इसमें रोल निभाना होगा।

पिछले सालों की तरह इस बार भी बड़े पैमाने पर सफाई अभियान, जागरूकता वर्कशॉप, प्लास्टिक वर्कशॉप्स और ओपन डायलॉग जैसे प्रोग्राम होने जा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र ने साफ इशारा कर दिया है, अगर प्लास्टिक उत्पादन में यही रफ्तार रही, तो 2050 तक समुद्र में मछलियों से ज्यादा प्लास्टिक मिलेगा।

  • बच्चों में प्लास्टिक के असर को लेकर खास रिपोर्ट जारी की गई—'Babies vs. Plastics'
  • 2040 तक 60% प्लास्टिक उत्पादन घटाने का लक्ष्य तय
  • पूरी दुनिया में सरकारी, गैर सरकारी, और कॉर्पोरेट सहयोग पर जोर
  • सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक और नए टिकाऊ उत्पादों को प्रमोट किया जा रहा

पृथ्वी दिवस बस एक दिन नहीं, बल्कि रोज उठाया जाने वाला सवाल बनता जा रहा है—क्या हम अपने बच्चों को प्लास्टिक के ढेर के साथ बंधक छोड़ना चाहते हैं या कोई बेहतर विकल्प तलाश सकते हैं? सस्टेनेबिलिटी पर अब व्यवहार बदलना होगा, सोच नहीं।

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World Earth Day 2024 'Planet vs Plastics' थीम के साथ दुनियाभर में प्लास्टिक प्रदूषण पर लगाम लगाने की कोशिश कर रहा है। इसमें 2040 तक 60% प्लास्टिक उत्पादन कम करने, सिंगल यूज प्लास्टिक की रोकथाम और सतत तकनीकों में निवेश पर फोकस है। बच्चों में माइक्रोप्लास्टिक के खतरे और साफ-सफाई के लिए सामूहिक प्रयास पर जोर दिया गया है।

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