सीरिया में संकट के मध्य भारत की यात्रा परामर्श
भारत ने सीरिया में यात्रा को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए हाल के दिनों में गहराते संघर्ष के बीच अपने नागरिकों के लिए यात्रा चेतावनी जारी की है। इस नवीनतम परामर्श में विदेश मंत्रालय ने अपने नागरिकों को स्पष्ट रूप से यह सलाह दी है कि वे सीरिया की यात्रा न करें। क्षेत्र में हिंसा और संघर्ष की तीव्रता में वृद्धि ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह कदम अहम बना दिया है। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए भारतीयों के लिए वहाँ टिके रहना न केवल जोखिम भरा है, बल्कि बहुत ही खतरनाक भी है।
नागरिकों के लिए आवश्यक कदम
विदेश मंत्रालय ने सीरिया में रह रहे भारतीयों को तुरंत देश छोड़ने की सलाह दी है। दूतावास ने नागरिकों से आपस में जुड़े रहने और दूतावास द्वारा जारी मोबाइल हॉटलाइन और ईमेल पर उन्हें सूचित रखने को कहा है। यह सुनिश्चित करना सभी के लिए जरूरी है कि वे सुरक्षित स्थान पर पहुँचें। इस सिलसिले में, दूतावास ने आपातकालीन स्थिति में सहायता के लिए व्हाट्सएप (+963 993385973) या ईमेल ([email protected]) का उपयोग करने की भी सिफारिश की है।
इसके अलावा, जो लोग अपनी यात्रा के प्रबंध में सक्षम हैं, उन्हें उपलब्ध पहली व्यावसायिक उड़ानों से सीरिया छोड़ने की सलाह दी गई है। खासकर उन लोगों को जिन्होंने अभी तक यात्रा की अपनी योजना नहीं बनाई है। उन्हें यह भी कहा गया है कि वे अपने सार्वजनिक और निजी गतिविधियों को सीमित करें और सभी प्रकार के खतरे को कम करने पर ध्यान केंद्रित करें।
संघर्ष की स्थिति
सीरिया में इस समय स्थिति अत्यंत गंभीर है। इस संकट का इतिहास कुछ वर्षों पहले से चला आ रहा है, जब 2011 में राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ शांतिपूर्ण लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शन को बलपूर्वक दबाया गया था। अब इसका कठिन दौर फिर से प्रारम्भ हो गया है, जब विद्रोहियों ने हामा और होम्स जैसे प्रमुख शहरों पर कब्जा कर लिया है और वे राजधानी दमिश्क की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, इस संघर्ष के हालिया तनाव के दौरान 27 नवंबर के बाद से 370,000 से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं। इसने बीते हुए उस नागरिक युद्ध को फिर से प्रकट किया है, जिसने सीरिया की स्थितियों को पहले से अत्यंत कमजोर कर दिया था। युद्ध की इस पुनर्प्रकाशना में बड़ी संख्या में नागरिकों की मृत्यु हुई और इसके साथ ही लाखों लोग विस्थापन की पीड़ा झेल रहे हैं।
सीरिया में भारतीय नागरिकों की स्थिति
सीरिया में इस समय करीब 90 भारतीय नागरिक मौजूद हैं, जिनमें से 14 विभिन्न संयुक्त राष्ट्र संगठनों में कार्यरत हैं। भारतीय दूतावास और मध्य पूर्व के विदेशी मामलों के मंत्रालय उनके साथ नियमित संपर्क बनाए रखते हुए उनकी सुरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं। मकसद यह है कि किसी भी विपरीत स्थिति में सभी भारतीय सुरक्षित और स्वस्थ रहें और उन्हें समय पर आवश्यक मदद मिल सके।
यह यात्रा परामर्श सीरिया में व्यापाक अस्थिरता के बीच भारतीय सरकार की एक निदानात्मक पहल है। भारतीयों के लिए यह अनिवार्य है कि वे खुद को सुरक्षित रखने और अपने परिवारों के प्रति जवाबदेह रहने के लिए सतर्कता बरतें।
gauri pallavi
दिसंबर 8 2024ये तो बस एक और चेतावनी है... जब तक दूतावास वाले नहीं आते, कोई नहीं जाता। बस बैठे रहो, व्हाट्सएप पर लिखो, और दुनिया भर में भारतीयों की तस्वीरें बन रही हैं।
Agam Dua
दिसंबर 8 2024क्या ये सब लोग अपने घरों से निकलने से डरते हैं? अगर आपका देश खतरे में है, तो आप भागें नहीं, तो फिर क्या करें? बस ये सब बातें सुनकर लोग घर पर बैठे रहते हैं।
Gaurav Pal
दिसंबर 9 2024अरे भाई, ये सीरिया वाला संकट तो अब तक चल रहा है, और अचानक भारत का विदेश मंत्रालय जाग गया? पहले क्या कर रहे थे? जब 50 लोग फंसे थे, तब कोई नहीं बोला, अब जब 90 हो गए, तो चेतावनी लगाई? ये तो बस दिखावा है।
sreekanth akula
दिसंबर 9 2024इतिहास में भारत हमेशा अपने नागरिकों के लिए आगे आया है। ये चेतावनी सिर्फ एक निर्देश नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है। हमारे दूतावास वाले अकेले नहीं हैं, वो दुनिया के कोने में भी हमारे लिए खड़े हैं।
Sarvesh Kumar
दिसंबर 11 2024अगर आप विदेश में जाते हैं, तो खुद को सुरक्षित रखना ही आपकी जिम्मेदारी है। भारत सरकार आपकी नौकरी नहीं करेगी। अगर आप नहीं भागे, तो फिर किसे दोष देंगे?
Ashish Chopade
दिसंबर 12 2024सुरक्षित रहें। तुरंत लौटें। दूतावास से संपर्क करें। यही है नियम। कोई बहस नहीं। कोई बहाना नहीं।
Shantanu Garg
दिसंबर 12 2024मैंने देखा कि कुछ लोग अभी भी सीरिया में हैं। शायद उनके पास नहीं है जाने के लिए। हमें उनके बारे में भी सोचना चाहिए।
Vikrant Pande
दिसंबर 13 2024अरे यार, ये सब तो बस एक बार फिर से राष्ट्रीय गर्व का नाटक है। जब आप अपने देश की चेतावनी सुनकर नहीं भागते, तो आप असली नागरिक नहीं हैं। ये लोग तो बस अपनी नौकरी बचाना चाहते हैं।
Indranil Guha
दिसंबर 14 2024हमारे देश के नागरिकों की सुरक्षा किसी भी लागत पर अहम है। ये चेतावनी केवल एक सलाह नहीं, बल्कि एक आदेश है। जो लोग इसे नज़रअंदाज़ करेंगे, वो खुद को खतरे में डाल रहे हैं।
srilatha teli
दिसंबर 14 2024हर नागरिक का जीवन कीमती है। ये चेतावनी एक भावनात्मक संदेश है-कि हम आपको खोना नहीं चाहते। आप जितने भी हैं, आप सबके लिए हम यहाँ हैं।
Sohini Dalal
दिसंबर 15 2024अरे यार, तुम लोग इतने डर गए क्यों? अगर मैं वहाँ होती, तो मैं नहीं भागती। ये तो बस एक और युद्ध है, जिसमें लोग रहते हैं।
Suraj Dev singh
दिसंबर 16 2024मैंने एक दोस्त को देखा है जो वहाँ एक NGO में काम करता है। उसने कहा कि वो लोग अभी भी बच्चों को खाना दे रहे हैं। उनके लिए भागना भी एक खतरा है।
Arun Kumar
दिसंबर 18 2024मैंने एक वीडियो देखा था वहाँ के एक बच्चे का... उसकी आँखों में डर नहीं, बस एक खालीपन था। अगर हम यहाँ बैठे हैं, तो उसके लिए क्या कर रहे हैं? क्या हम सिर्फ चेतावनी भेज रहे हैं या वास्तव में कुछ कर रहे हैं?
Manu Tapora
दिसंबर 18 2024ये जो व्हाट्सएप नंबर दिया गया है, उसका उपयोग करने के लिए आपको इंटरनेट चाहिए। अगर इंटरनेट नहीं है, तो क्या करेंगे? ये सब तो बस एक बातचीत है, जिसका कोई असर नहीं।
venkatesh nagarajan
दिसंबर 20 2024हम सब जानते हैं कि ये संघर्ष किसके लिए है। लेकिन क्या हम जानते हैं कि इसके बाद क्या होगा? जब बंदूकें शांत होंगी, तो क्या हम वापस जाएँगे? या फिर भी ये चेतावनी बनी रहेगी?