विनेश फोगाट का केस: ओलंपिक रजत पदक विवाद
भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने अपनी अपील के निर्णय का इंतजार और लंबा कर दिया है, क्योंकि कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) ने उनका मामला 16 अगस्त तक स्थगित कर दिया है। यह अपील 7 अगस्त को दायर की गई थी, जिसमें फोगाट ने दावा किया था कि उन्हें उनकी 50 किग्रा वर्ग में रोज़ाना प्रशिक्षण की धुन में 100 ग्राम से अधिक वजन के कारण गोल्ड मेडल बाउट से पहले अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
अपील की जड़ में विनेश की दलीलें
फोगाट ने यह अपील की है कि उन्हें और क्यूबा की पहलवान युसनेलिस गुजमैन लोपेज को संयुक्त रूप से रजत पदक दिया जाए, क्योंकि लोपेज को फोगाट की अयोग्यता के बाद स्वर्ण पदक प्रतियोगिता के फाइनल में भेजा गया था।
विनेश फोगाट ने CAS के समक्ष अपनी अपील में कड़ी तर्क दी कि यह उसकी कोई गलती नहीं थी, बल्कि प्रत्येक एथलीट और उनके कोच पर वजन नियंत्रण का जिम्मेदारी होती है, न कि भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) द्वारा नियुक्त मुखमुख्य चिकित्सा अधिकारी की।
तीन घंटे चली सुनवाई
सुनवाई तीन घंटे से ज्यादा समय तक चली, जिसमें फोगाट और उनकी कानूनी टीम ने अपने तर्क और सबूत पेश किए। फोगाट की कानूनी टीम में फ्रांसीसी वकील जोएल मोनलुइस, एस्टेल इवानोवा, हब्बिन एस्टेल किम और चार्ल्स एमसन समेत वरिष्ठ भारतीय काउंसल्स हरीश साल्वे और विदुष्पत सिंघानिया शामिल थे।
IAO की प्रतिक्रिया
वहीं, भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) ने सकारात्मक निष्कर्ष की उम्मीद जताई। IAO ने यह भी स्पष्ट किया कि वजन प्रबंधन की जिम्मेदारी एथलीट और उनके कोचों की होती है, न कि नियंत्रण अधिकारी की।
विनेश फोगाट का संन्यास
विनेश फोगाट ने अपनी अयोग्यता के बाद अपने संन्यास की घोषणा की थी। उनकी यह घोषणा बहुत ही भावुक थी, जिसमें उन्होंने wrestling से अपने मन की स्थिति और कृतज्ञता व्यक्त की थी। उनका करियर भारतीय खेल जगत में एक प्रतिष्ठित अध्याय रहा है, और इस निर्णय का उनके करियर पर गंभीर प्रभाव पड़ने की संभावना है।
भविष्य की दृष्टि
यह मामला भविष्य में वजन संबंधित अयोग्यता के मामलों के लिए एक नजीर बन सकता है। यह तथ्य ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है कि एक एथलीट की तैयारियों और त्वरण के दौरान वजन संबंधित मामूली विसंगति कैसे उनके प्रदर्शन और करियर को प्रभावित कर सकती है।
अब सभी की निगाहें 16 अगस्त पर टिकी हुई हैं, जब CAS अपने न्यायिक निर्णय की घोषणा करेगा। इस फैसले का न केवल विनेश फोगाट के भविष्य पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय खेल समुदाय पर भी व्यापक प्रभाव पड़ सकता है। VINASH मिश्रा
Gaurav Pal
अगस्त 16 2024ये सब नियम तो बस भारतीय एथलीट के खिलाफ होते हैं। अगर ये चीज़ अमेरिका या रूस के खिलाड़ी के साथ होती तो क्या ऐसा ही होता? ये CAS तो बस बाहरी देशों के लिए बना हुआ है।
sreekanth akula
अगस्त 16 2024विनेश ने जो किया, वो बस एक खिलाड़ी का कर्तव्य था-मेहनत, लगन, और अपने देश के लिए लड़ना। लेकिन अब तक का इतिहास दिखाता है कि जब भारतीय खिलाड़ी जीतता है, तो सब कुछ उसकी गलती हो जाता है।
Sarvesh Kumar
अगस्त 18 2024इस वक्त भारत के सभी खिलाड़ियों को बैन कर देना चाहिए, जब तक कि IOA को साफ़ कर दिया जाए। ये लोग तो खेल के बजाय राजनीति कर रहे हैं।
Ashish Chopade
अगस्त 20 2024विनेश के लिए यह निर्णय बहुत महत्वपूर्ण है। यह सिर्फ एक पदक का मामला नहीं, बल्कि भारतीय खेलों के भविष्य का मुद्दा है।
Shantanu Garg
अगस्त 20 2024कोई भी एथलीट इतना वजन नहीं बढ़ाता बिना किसी गलती के। ये सब तो बस ब्यूरोक्रेसी का खेल है।
Vikrant Pande
अगस्त 21 2024ये सब तो बस एक नए विक्रम की तलाश है-कैसे एक खिलाड़ी को उसकी जीत से भी दूर किया जा सकता है। इसके बाद तो शायद वजन नहीं, बल्कि आँखों की रोशनी के आधार पर भी अयोग्यता घोषित कर देंगे।
Indranil Guha
अगस्त 23 2024यह निर्णय भारत के खेलों के इतिहास में एक काला अध्याय बन जाएगा। जब तक IOA के अधिकारी बदले नहीं जाते, तब तक भारतीय खिलाड़ियों को अपने लिए लड़ना होगा।
srilatha teli
अगस्त 23 2024विनेश की लड़ाई सिर्फ एक पदक के लिए नहीं, बल्कि एक ऐसे खेल में न्याय के लिए है जहाँ एथलीट की लगन को ब्यूरोक्रेसी के तहत दबा दिया जाता है। हमें उनके साथ खड़े होना चाहिए।
Sohini Dalal
अगस्त 23 2024अगर ये सब गलत था तो फिर क्यों उसे फाइनल में नहीं भेजा गया? ये सब तो बस एक बड़ा गड़बड़ है।
Suraj Dev singh
अगस्त 23 2024मुझे लगता है कि विनेश के साथ ये बहुत बुरा हुआ, लेकिन अब तक का अनुभव दिखाता है कि हमारे खिलाड़ियों को अपने लिए लड़ना पड़ता है।
Arun Kumar
अगस्त 24 2024बस रुको... अब तक का सब कुछ फेक था। विनेश ने तो बस अपने दिल से लड़ा था, और अब वो बैठे हैं और इंतजार कर रहे हैं कि कोई न्याय करे। ये तो बस एक ड्रामा है।
Manu Tapora
अगस्त 25 2024वजन नियंत्रण की जिम्मेदारी एथलीट पर होती है, लेकिन अगर उसका कोच और चिकित्सा टीम भी उसे गलत दिशा में ले जा रही है, तो उसकी गलती क्यों? ये तो एक असंगठित प्रणाली का नतीजा है।
venkatesh nagarajan
अगस्त 27 2024हर निर्णय के पीछे एक दर्शन छिपा होता है। यहाँ तो यह दर्शन है कि शक्ति वहीं है जहाँ नियम बनाए जाते हैं। विनेश का न्याय तभी मिलेगा जब हम नियम बनाने वालों के लिए न्याय की मांग करेंगे।
Drishti Sikdar
अगस्त 28 2024मुझे लगता है कि विनेश को गोल्ड देना चाहिए, न कि रजत। ये सब तो बस एक बड़ा धोखा है।
indra group
अगस्त 29 2024ये तो बस एक बड़ा खेल है-जहाँ भारत के खिलाड़ियों को गिराने के लिए हर तरह का बहाना बनाया जाता है। अब तो ये देश भी नहीं बचेगा अगर ये लोग अपनी राजनीति जारी रखेंगे।