लोकसभा चुनाव 2024: भाजपा के नए चहरों की बड़ी जीत की ओर
2024 के लोकसभा चुनावों में Bharatiya Janata Party (BJP) ने नए चेहरों को कई महत्वपूर्ण सीटों पर टिकट देकर एक बड़ा दांव खेला है। इनमें प्रमुख नाम फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कंगना रनौत और 'रामायण' फेम अरुण गोविल के हैं। हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से कंगना रनौत ने 40,000 वोटों से आगे चलकर सभी को चौंका दिया है। वहीं उत्तर प्रदेश की मेरठ सीट पर अरुण गोविल भी 40,000 वोटों से बढ़त बनाए हुए हैं।
कंगना रनौत की मंडी में धाक
फिल्म इंडस्ट्री में अपनी मजबूत पहचान बनाने वाली कंगना रनौत ने राजनीति में भी अपने कदम मजबूती से जमा लिए हैं। मंडी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में चुनाव लड़ना और 40,000 वोटों से आगे रहना यह साबित करता है कि जनता ने उनके अभिनय के साथ-साथ उनकी राजनीतिक समझ को भी सराहा है। भाजपा ने भी कंगना पर विश्वास दिखाते हुए उन्हें मौका दिया और कंगना ने अपने परिश्रम और जनसम्पर्क से इस विश्वास को सही साबित किया है।
अरुण गोविल की मेरठ में बढ़त
'रामायण' श्रृंखला में भगवान राम का किरदार निभाकर पूरे देश में प्रसिद्ध हुए अरुण गोविल ने भी राजनीति में कदम रखा और मेरठ सीट से चुनाव लड़ा। उनकी सादगी और सरलता ने उन्हें जनता के दिलों में एक विशेष स्थान दिलाया और चुनाव के दौरान यह बात साफ नजर आई जब वे 40,000 वोटों से आगे चल रहे हैं। उनके नेतृत्व में जनता को एक भरोसेमंद और निष्ठावान प्रतिनिधि मिलने की आशा है।
अनुभवी चेहरों की अगुवाई
भाजपा के कई अनुभवी चेहरे भी इस बार चुनाव मैदान में उतरे हैं और अच्छी बढ़त बनाए हुए हैं। मथुरा से हेमा मालिनी 1.5 लाख वोटों से आगे हैं, जो उनके लोकप्रियता का स्पष्ट संकेत है। केरल की त्रिशूर सीट से सुरेश गोपी और उत्तर पूर्वी दिल्ली से मनोज तिवारी दोनों ही 43,000 वोटों से आगे चल रहे हैं। ये सभी चेहरे अपने-अपने क्षेत्र में जनता के बीच गहरे प्रभाव रखते हैं।
शत्रुघ्न सिन्हा का संघर्ष
वयोवृद्ध अभिनेता और अब तृणमूल कांग्रेस के सदस्य शत्रुघ्न सिन्हा ने पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से चुनाव लड़ा और 22,000 वोटों से आगे चल रहे हैं। उनकी जीत का सफर भी रोचक है क्योंकि भाजपा के कई अत्यंत महत्वपूर्ण चेहरों के मुकाबले उन्होंने अपनी धाक जमाई है। वहीं भाजपा की लाकेट चटर्जी पश्चिम बंगाल की हुगली सीट से 15,000 वोटों से पीछे चल रही हैं, जो पार्टी के लिए चिंता का विषय हो सकता है।
एनडीए की मजबूत स्थिति
चुनावी रुझानों के अनुसार, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) 300 के आंकड़े के करीब है, जो 272 के मैजिक फिगर से काफी आगे है। इसका मतलब यह है कि विपक्षी INDIA ब्लॉक की महत्वपूर्ण बढ़त के बावजूद एनडीए अपनी स्थिति मजबूत बनाए हुए है। इससे पता चलता है कि जनता का भरोसा अभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेतृत्व वाली भाजपा पर कायम है।
कुल मिलाकर स्थिति
इस बार के चुनावों में भाजपा ने नए और अनुभवी नेताओं का तालमेल बनाकर जिस तरह से प्रदर्शन किया है, उससे यह स्पष्ट है कि पार्टी आने वाले समय में भी अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखने में सफल हो सकती है। प्रमुख सीटों पर बढ़त और कुल मिलाकर एनडीए की मजबूत स्थिति से यह संकेत मिलता है कि भाजपा अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए एक बार फिर से सत्ता में आने की उम्मीद कर रही है।
Soham mane
जून 6 2024ये तो बहुत अच्छी बात है। नए चेहरे आ रहे हैं, जनता का विश्वास भी मिल रहा है। भाजपा का ये रणनीतिक फैसला सही रहा।
Shiva Tyagi
जून 7 2024कंगना और अरुण गोविल जैसे लोगों को राजनीति में आने देना ही देश की ताकत है। फिल्मी नाम बस एक नाम नहीं, बल्कि विश्वास का प्रतीक हैं। जनता ने समझ लिया कि असली नेता वो होता है जो जनता के दिल में बसे।
Chandni Yadav
जून 8 2024इन फिल्मी नेताओं की जीत का आंकड़ा तो दिख रहा है, लेकिन उनकी राजनीतिक योग्यता का क्या? अभिनय करना और देश का नेतृत्व करना दो अलग चीजें हैं।
ayush kumar
जून 10 2024मैंने देखा है कंगना रनौत का एक इंटरव्यू, वो बिल्कुल अलग तरह की बातें करती हैं। जनता उन्हें असली समझती है। ये नए नेता बस लोगों के दिल को छू रहे हैं।
haridas hs
जून 12 2024एनडीए की बढ़त का आंकड़ा आंकलन नहीं, बल्कि जनता की भावनात्मक अभिव्यक्ति है। भाजपा ने एक नए राष्ट्रीय संकल्प को जन्म दिया है।
Pradeep Talreja
जून 12 2024हेमा मालिनी की 1.5 लाख की बढ़त बहुत बड़ी बात है। ये बताता है कि लोग अभी भी अनुभव और निष्ठा को समझते हैं।
Kamal Sharma
जून 13 2024अरुण गोविल का राम का किरदार निभाना और अब राजनीति में आना एक अद्भुत सांस्कृतिक संक्रमण है। भारतीय जनता अपने पौराणिक मूल्यों को राजनीति में ढूंढ रही है।
Neev Shah
जून 14 2024कंगना रनौत की जीत का अर्थ यह नहीं कि वो एक उत्कृष्ट नेता हैं। यह तो बस एक बड़े मीडिया बुलशिट का परिणाम है। जनता को विचारों की जगह नाम दिखाई देता है।
amit parandkar
जून 14 2024क्या आप जानते हैं कि ये सभी जीतें अमेरिकी एजेंसियों के फंडिंग से हुई हैं? ये सब एक गहरा अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्र है। आप लोग इसे नहीं देख पा रहे।
Annu Kumari
जून 15 2024मैं तो सोच रही थी कि शत्रुघ्न सिन्हा की जीत अच्छी होगी, लेकिन उनके खिलाफ भाजपा के लोगों की हार भी दिल दहला देती है। अब देखना होगा कि वो लोग अपनी जगह कैसे बनाते हैं।
Manoranjan jha
जून 17 2024मेरठ और मंडी के नतीजे देखकर एहसास हुआ कि जनता अब सिर्फ नाम नहीं, बल्कि निष्ठा और सादगी को पहचानने लगी है। ये बहुत बड़ी बात है।
Pallavi Khandelwal
जून 18 2024कंगना के खिलाफ जो लोग आंदोलन कर रहे थे, उन्हें याद रखना चाहिए कि वो भी एक दिन उनके फिल्मों के फैन थे। अब जब वो राजनीति में हैं, तो उनके विचारों को भी समझना चाहिए।
SHIKHAR SHRESTH
जून 20 2024इन सभी नेताओं की जीत एक नए युग की शुरुआत है। लेकिन इसके बाद क्या? क्या वो वास्तव में लोगों के लिए कुछ कर पाएंगे? यह तो अभी देखना बाकी है।
Raaz Saini
जून 21 2024हर फिल्मी नेता की जीत के पीछे एक गहरा असंतोष है। जनता को लगता है कि राजनीति में असली लोग नहीं हैं। इसलिए वो किसी ऐसे को चुन रहे हैं जिसका नाम उन्हें पहचाना है।
Himanshu Kaushik
जून 22 2024अरुण गोविल के लिए ये बहुत बड़ी बात है। वो तो हम सबके घर में आए थे राम के रूप में। अब वो वो ही नेता बन रहे हैं जिस पर हम भरोसा कर सकते हैं।
Rahul Kaper
जून 23 2024इन नए नेताओं को जगह मिलना अच्छी बात है, लेकिन उन्हें वास्तविक राजनीति की जिम्मेदारियों का एहसास भी होना चाहिए। बस नाम और चमक से काम नहीं चलेगा।
Sri Satmotors
जून 24 2024हेमा मालिनी की जीत से मुझे बहुत उम्मीद हुई। वो एक असली नेता हैं। उनकी जीत का मतलब है कि भारत की जनता अब अनुभव को समझती है।
Dinesh Bhat
जून 24 2024क्या कोई जानता है कि शत्रुघ्न सिन्हा के विरुद्ध जिस उम्मीदवार ने चुनाव लड़ा, वो कौन है? उनकी पार्टी की तरफ से कोई स्पष्टीकरण नहीं है।
Sohan Chouhan
जून 24 2024कंगना की जीत तो बस एक ट्रेंड है। जब तक ये लोग अपने बारे में बात नहीं करते, तब तक ये सब फेक है। लोगों को अपनी आवाज देने दो।
Mishal Dalal
जून 24 2024एनडीए की ये जीत, भारत के आत्मविश्वास की जीत है! जनता ने अपने राष्ट्रीय मूल्यों को चुना है! इसके बाद कोई विपक्षी ब्लॉक अपनी भाषा बदल ले! ये जीत नहीं, ये इतिहास है!