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प्रशांत किशोर का अनुमान: मोदी सरकार के खिलाफ व्यापक गुस्सा ना होने पर 2024 लोकसभा चुनाव में BJP की वापसी

प्रशांत किशोर का अनुमान: मोदी सरकार के खिलाफ व्यापक गुस्सा ना होने पर 2024 लोकसभा चुनाव में BJP की वापसी

राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने NDTV से एक साक्षात्कार में कहा कि वह 2024 के लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को उसी या बेहतर संख्या के साथ सत्ता में वापस आते हुए देख रहे हैं, जब तक कि मोदी सरकार के खिलाफ व्यापक जनगुस्सा या प्रतिद्वंद्वी दलों की मांग नहीं होती है।

किशोर ने कहा कि जब तक जनता की भावनाओं में मौजूदा सरकार के खिलाफ कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होता है, तब तक वह चुनाव परिणामों में कोई बड़ा बदलाव नहीं देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब तक, प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कोई व्यापक जनगुस्सा नहीं दिखा है, और विपक्षी INDIA गठबंधन ने अपने गठजोड़ की घोषणा के बाद से कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की है और उनके पास कोई स्पष्ट, विश्वसनीय चेहरा भी नहीं है।

किशोर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी सलाह दी कि वह पार्टी से पांच साल का ब्रेक लें। रणनीतिकार की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वास व्यक्त किया था कि भाजपा 370 से अधिक सीटें जीतेगी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) 400 से अधिक सीटें हासिल करेगा।

किशोर, जो 2014 में भाजपा के लिए चुनाव रणनीतिकार थे, विभिन्न पार्टियों के साथ काम कर चुके हैं और 2022 में जन सुराज अभियान शुरू किया था। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के खिलाफ व्यापक जनगुस्सा या प्रतिद्वंद्वी दलों की मांग के बिना भाजपा की जीत लगभग तय है।

प्रशांत किशोर के अनुमान के मुख्य बिंदु

  • 2024 लोकसभा चुनावों में भाजपा उसी या बेहतर संख्या के साथ सत्ता में वापसी करेगी
  • मोदी सरकार के खिलाफ व्यापक जनगुस्सा या प्रतिद्वंद्वी दलों की मांग नहीं है
  • विपक्षी INDIA गठबंधन ने कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की है और उनके पास कोई स्पष्ट चेहरा नहीं है
  • राहुल गांधी को कांग्रेस से पांच साल का ब्रेक लेने की सलाह दी

किशोर ने कहा कि अभी तक मोदी सरकार के खिलाफ कोई बड़ा आंदोलन या विरोध नहीं देखा गया है। उन्होंने कहा कि अगर विपक्षी दल मोदी के खिलाफ एकजुट होकर एक मजबूत विकल्प पेश करते हैं तो ही भाजपा को चुनौती मिल सकती है। लेकिन अभी तक ऐसा होता नहीं दिख रहा।

साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस को भी अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। राहुल गांधी को पार्टी से कुछ समय के लिए ब्रेक लेकर खुद को तैयार करना चाहिए। किशोर ने कहा कि अगर विपक्षी दल एकजुट होकर मजबूती से चुनाव लड़ते हैं तो परिणाम कुछ अलग हो सकते हैं।

हालांकि किशोर ने यह भी कहा कि अगर अगले एक साल में कोई बड़ा बदलाव नहीं होता है तो 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की जीत लगभग तय मानी जा सकती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अभी भी लोगों के बीच लोकप्रिय हैं और उनके खिलाफ कोई व्यापक गुस्सा नहीं दिख रहा है।

क्या कहते हैं चुनावी आंकड़े

2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 282 सीटों पर जीत हासिल की थी और NDA को कुल 336 सीटें मिली थीं। वहीं 2019 के चुनावों में भाजपा ने 303 सीटों पर कब्जा जमाया और NDA ने 353 सीटें जीतीं।

गठबंधन 2014 2019
NDA 336 353
UPA 59 91
अन्य 148 99

ये आंकड़े बताते हैं कि पिछले दो चुनावों में NDA का प्रदर्शन लगातार बेहतर हुआ है। अगर विपक्षी दल इस बार मजबूती से चुनाव लड़ते हैं तो इन आंकड़ों में बदलाव आ सकता है। लेकिन प्रशांत किशोर के अनुमान के मुताबिक मोदी सरकार के खिलाफ व्यापक गुस्सा ना हो तो 2024 में भी भाजपा को जीत मिल सकती है।

अब देखना होगा कि अगले एक साल में क्या बदलाव आता है और विपक्षी दल मोदी सरकार को कितनी चुनौती देते हैं। क्योंकि इसी पर 2024 के लोकसभा चुनावों का परिणाम निर्भर करेगा।

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