उत्तर में -8°C तक ठंड, दक्षिण में दितवाह के कारण भारी बारिश का अलर्ट

जब एक तरफ हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में तापमान -8.0 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, तो दूसरी तरफ तमिलनाडु के तटीय इलाकों में आकाश से बारिश की बूंदें गिर रही थीं। दिसंबर 2, 2025 को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने देश के दो ध्रुवों पर एक अजीब और खतरनाक मौसमी विपरीतता की चेतावनी जारी की — उत्तर में कड़ाके की ठंड, दक्षिण में चक्रवाती बारिश। ये दोनों घटनाएं एक ही दिन एक ही देश में हो रही हैं, और इसका असर लाखों लोगों के जीवन पर पड़ रहा है।

उत्तर में बर्फबारी का तूफान, नदियां जम गईं

हिमाचल प्रदेश के ताबो में न्यूनतम तापमान -8.0 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया — इस सर्दी के मौसम में ये पहली बार हुआ है। शिमला में भी तापमान 5.0 डिग्री सेल्सियस तक गिरा। रोहतांग दर्रा, कुंजम दर्रा, बारालाचा और सेवन सिस्टर पीक जैसी ऊंची चोटियों पर सोमवार को भारी बर्फबारी हुई। लाहौल के कई गांवों में नदियां और झरने जम गए। एक किसान ने कहा, "हमारी नालियां बर्फ में बंद हो गईं। अब बैलगाड़ी चलाने के लिए भी रास्ते साफ करने पड़ रहे हैं।"

पंजाब के 8 जिलों में कोल्ड वेव का अलर्ट जारी किया गया है। फरीदकोट में न्यूनतम तापमान 0.4 डिग्री सेल्सियस रहा — इतनी ठंड पिछले 15 साल में पहली बार। उत्तर प्रदेश के बलिया में तापमान 8 डिग्री सेल्सियस तक गिरा, जबकि बिहार के गोपालगंज और बेतिया में घना कोहरा छाया हुआ है। झारखंड में 3 दिसंबर से शीतलहर की स्थिति बनने की संभावना है, क्योंकि तापमान 4 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है।

दक्षिण में चक्रवात 'दितवाह' का खतरा

दक्षिण में तो बर्फ की बजाय पानी का तूफान आ रहा है। चक्रवाती तूफान 'दितवाह' अब एक गहरे दबाव के केंद्र में बदल गया है, जो तमिलनाडु और पुडुचेरी के तट से सिर्फ 40 किमी दूर है। IMD के अनुसार, 3 दिसंबर की सुबह तक चेन्नई और तिरुवल्लूर में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है — कुछ जगहों पर 150 मिमी से अधिक।

तटीय आंध्र प्रदेश में पिछले 24 घंटों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी वर्षा दर्ज की गई। राज्य सरकार ने चेन्नई, कांचीपुरम और नागपट्टिनम में अस्पतालों को तैयार करने के निर्देश दिए हैं। एक नौकरशाह ने कहा, "हमने पिछले साल दितवाह के बाद बाढ़ के लिए जो योजना बनाई थी, वो अब फिर से एक्टिव हो गई है।"

मध्य भारत भी ठंड के दायरे में

उत्तर से आ रही ठंडी हवाएं अब मध्य प्रदेश की ओर बढ़ रही हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, 5 से 6 दिसंबर तक पूरे प्रदेश में कड़ाके की ठंड दस्तक देगी। इंदौर और ग्वालियर जैसे मैदानी शहरों में रात के समय तापमान 4-5 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है।

हिमाचल के पश्चिमी विक्षोभ के बाद, 5 और 7 दिसंबर को चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और लाहौल-स्पीति में फिर से बर्फबारी की संभावना है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ के ऊंचे इलाकों में 4 दिसंबर से हल्की बर्फबारी का अलर्ट जारी है।

क्या होगा अगले दिन?

अगले 24 घंटों में दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश में फिर से हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। पंजाब और हरियाणा में कोल्ड वेव की स्थिति बनी रह सकती है। लेकिन एक राहत की खबर भी है — अगले 2-3 दिनों में न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की धीमी वृद्धि हो सकती है। ये ठंड के तीव्रतम दौर के बाद एक अस्थायी राहत है।

लेकिन ये राहत सिर्फ अस्थायी है। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि ये विपरीत मौसमी पैटर्न जलवायु परिवर्तन के नए रूप का संकेत है। उत्तर में बर्फबारी बढ़ रही है, दक्षिण में चक्रवात अधिक तीव्र हो रहे हैं। ये सिर्फ एक सर्दी की बात नहीं, ये एक अलर्ट है।

क्या लोगों को करना चाहिए?

  • उत्तरी राज्यों में: बाहर निकलने से पहले गर्म कपड़े पहनें, बच्चों और बुजुर्गों को गर्म रखें, बिजली की आपूर्ति के लिए बैकअप तैयार रखें।
  • दक्षिणी तटीय क्षेत्रों में: घरों के आसपास जल निकासी सुनिश्चित करें, बाढ़ के लिए आपातकालीन बैग तैयार रखें, तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोग ऊंचाई पर स्थानांतरित हो जाएं।
  • सभी क्षेत्रों में: IMD की वेबसाइट और अलर्ट ऐप्स पर नियमित नजर रखें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

हिमाचल प्रदेश में तापमान -8°C तक क्यों गिरा?

इसका कारण पश्चिमी विक्षोभ और उत्तरी हवाओं का संयोजन है। उत्तरी ध्रुव से आ रही ठंडी हवाएं हिमालय के ऊपर से गुजरती हैं और पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के साथ तापमान को तेजी से नीचे ले आती हैं। ताबो जैसे स्थानों पर ऊंचाई और निर्जनता के कारण ठंड और भी तीव्र हो जाती है।

'दितवाह' चक्रवात क्यों इतना खतरनाक है?

'दितवाह' एक अपेक्षाकृत तेज चक्रवात था, जिसकी गति 60 किमी/घंटा थी। अब यह गहरे दबाव के केंद्र में बदल गया है, जो तटीय क्षेत्रों में लंबे समय तक बारिश लाता है। इसकी वजह से बाढ़, भूस्खलन और बिजली की आपूर्ति में बाधा हो सकती है। पिछले साल के समान पैटर्न के कारण ये अलर्ट और भी गंभीर है।

क्या ये ठंड और बारिश जलवायु परिवर्तन का हिस्सा है?

हां। वैज्ञानिकों के अनुसार, भारत में अब ठंड के तीव्र दौर और तीव्र बारिश एक साथ आ रहे हैं — यह जलवायु परिवर्तन के नए रूप का संकेत है। उत्तरी ध्रुव के तापमान में बदलाव ने हिमालय के पास हवाओं के पैटर्न को बदल दिया है, जिससे उत्तर में बर्फबारी बढ़ रही है और दक्षिण में समुद्री तापमान बढ़कर चक्रवात तेज हो रहे हैं।

क्या बिहार और उत्तर प्रदेश में कोहरा खतरनाक है?

हां, घना कोहरा ट्रैफिक के लिए खतरनाक है। पिछले दो साल में बिहार और उत्तर प्रदेश में कोहरे के कारण 127 लोगों की मौत हुई है। अब न्यूनतम तापमान कम होने से कोहरा अधिक घना हो रहा है। सड़क पर धीमी गति से चलें, हेडलाइट्स जलाएं, और अगर संभव हो तो यात्रा स्थगित कर दें।

क्या इस सर्दी में बिजली की आपूर्ति प्रभावित होगी?

हां। उत्तरी राज्यों में बर्फबारी के कारण बिजली के तार टूट सकते हैं, जबकि दक्षिण में बारिश और हवाओं के कारण टावर और पावर लाइनें प्रभावित हो सकती हैं। बिहार और उत्तर प्रदेश में भी ठंड के कारण बिजली की मांग बढ़ रही है। विद्युत निगम अलर्ट जारी कर चुके हैं — बिजली के उपयोग को सीमित रखें।

अगले 10 दिनों में मौसम कैसा रहेगा?

5 से 7 दिसंबर तक हिमाचल और उत्तराखंड में बर्फबारी जारी रहेगी। दक्षिण में 6 दिसंबर तक हल्की से मध्यम बारिश जारी रहेगी। उत्तरी मैदानों में 8 दिसंबर के बाद तापमान धीरे-धीरे 2-4 डिग्री सेल्सियस बढ़ सकता है, लेकिन ठंड अभी भी बनी रहेगी। दक्षिण में नया चक्रवात नहीं देखा गया है, लेकिन अगले हफ्ते तक अलर्ट बना रहेगा।